रांची: झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से विश्व रक्तदाता दिवस पर स्वास्थ्य मुख्यालय नामकुम में रक्तदान करने वालों को सम्मानित किया गया. 'रक्तदान महादान' के नारे को आत्मसात करने वाले कोई रक्तवीर 76 वर्ष की उम्र तक 56 बार रक्तदान कर चुके हैं तो कोई 28 साल का युवा 32 बार रक्तदान कर रोगियों की जान बचा चुका है. झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे योद्धाओं का सम्मानित किया.
ये भी पढ़ें: Blood Scarcity In Ranchi: रांची के ब्लड बैंकों में खून की घोर कमी, मरीजों की बढ़ी परेशानी
आंकडे़ बताते हैं कि दुनिया में महज 02% लोगों के रक्तदान से 98% लोगों की जिंदगियां बचती हैं. ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं कि रक्तदान कितना बड़ा दान है. विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से ऐसे रक्तदान करने वाले लोगों को सम्मानित किया, जो रक्तदान वीर हैं. झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी के निदेशक डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने राज्य में रक्तदान करने और रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने वाले लोगों और संस्थानों को सम्मानित किया. सम्मानित होने वालों में कई ऐसे महिलाएं-पुरुष और युवा शामिल थे, जिन्होंने बार-बार रक्तदान कर मानवता की सेवा की है.
राज्य में बढ़ा है रक्तदान: मानवता की सेवा करने वाले लोगों को सम्मानित करने के बाद डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि रक्तदान करने वाले रक्तवीरों की वजह से ही राज्य में 03 लाख 20 हजार 994 यूनिट रक्त का संग्रह पिछले एक वर्ष में हुआ है, जो कि एक रिकॉर्ड है. वर्ष 2019-20 में 02 लाख 51 हजार 283 यूनिट रक्त का संग्रह किया गया. वहीं 2020-21 में 02 लाख 18 हजार 154 यूनिट, 2021-22 में 2 लाख 57 हजार 878 यूनिट रक्त का संग्रह किया गया. जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 03 लाख 20 हजार 994 यूनिट हो गया. डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि रक्तदान के प्रति लोगों के बढ़ रहे रुझान की वजह से रक्तदान का ग्राफ बढ़ा है.
रक्तदान वीरों की डायरेक्टरी जारी: झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के परियोजना निदेशक ने विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदान करने वाले लोगों के नाम और फोन नंबर की एक डायरेक्टरी का भी लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया और दूसरे माध्यम का सहारा लिया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही हम अपने राज्य की रक्त की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ दूसरे राज्यों की भी मदद कर सकेंगे. गौरतलब है कि रक्तदान को लेकर झारखंड में काफी जागरुकता देखी जा रही है. लोगों को रक्तदान करने के लिए जागृत करने में स्वास्थ्य विभाग और एड्स कंट्रोल सोसायटी अपनी भूमिका निभा रही है. वहीं कई एनजीओ भी अपनी अहम भूमिका इसमें निभा रहे हैं. यही वजह है कि पिछले एक वर्ष में रक्त संग्रह का आंकड़ा 03 लाख 20 हजार यूनिट से ज्यादा हो गया है.
कोरोना काल में पूरी की जरूरते: डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि रक्तदान करने वाले लोगों की बदौलत गुजरात जैसे राज्य में लोगों की जान कोरोना काल में बचाई गई. कोरोना काल में झारखंड से भेजे गए प्लाज्मा की वजह से गुजरात समेत कई राज्यों के सैकड़ों मरीजों की जान बचाई जा सकी है. झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी और झारखंड स्वास्थ्य विभाग की पहल के साथ-साथ रक्तदान करने वाले लोगों के उत्साह और इससे दूसरे लोगों को जोड़ने की कोशिश जारी रही है. कहा कि आने वाले दिनों में रक्तदान के मामले में झारखंड अव्वल राज्यों में से एक होगा.