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रांची: कोरोना काल में प्रतिरोधक क्षमता कम होने का डर, रक्तदान करने से परहेज कर रहे लोग

पूरे विश्व में 14 जून को रक्तदान दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर कई लोग रक्तदान शिविर में जाकर रक्तदान करते हैं. झारखंड में भी कई ब्लड बैंकों में रक्तदान शिविर लगाया गया, जहां कई लोगों ने रक्तदान किया. कोरोना काल में रक्त संचय को लेकर कई प्रकार की दिक्कतें आ रही है. इन दिक्कतों को लेकर ब्लड बैंक के तरफ से लोगों से रक्तदान करने की अपील की जा रही है. रक्तदान को महादान माना जाता है.

Blood donation camp in many blood banks in Jharkhand
रक्तदान शिविर
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Published : Jun 14, 2020, 7:11 PM IST

रांची: विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर झारखंड में भी कई ब्लड बैंकों में रक्तदान शिविर लगाकर रक्तदान किया गया. इसके मद्देनजर राजधानी के सदर अस्पताल में भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जहां पर कई लोगों ने रक्तदान कर महादान करने का काम किया. सदर अस्पताल की ब्लड बैंक की इंचार्ज ने बताया कि रक्त दान को महादान इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह न तो किसी मशीन से बनाया जा सकता है और न ही किसी प्रकार से उत्पन किया जा सकता है. इसलिए विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान कर ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह कराने की अपील की.

देखें पूरी खबर
ब्लड बैंक की इंचार्ज ने बताया कि जिस प्रकार से कोरोना काल में रक्त संचय को लेकर कई प्रकार की दिक्कतें आ रही है. इन दिक्कतों को लेकर ब्लड बैंक के तरफ से लोगों से रक्तदान करने की अपील की जा रही है, कोरोना के समय में लोग ये न सोचें की ब्लड डोनेट करने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होगी, रक्तदान करने से नया ब्लड बनता है, जो कोरोना की लड़ाई में ज्यादा लाभकारी साबित होता है, इसीलिए लोग बिना डरे रक्तदान कर सकते हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि कई ऐसे कई मरीज हैं जैसे थैलेसीमिया, सिकल एनीमिया, ट्यूबरक्लोसिस, कैंसर जैसे बीमारी से ग्रसित मरीजों को मुफ्त में रक्त दिया जाता है. ऐसे में जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान करें, ताकि ऐसे लाचार मरीजों को समय पर रक्त मिल सके. वहीं मेडिका के वरिष्ठ डॉ. अनिल कुमार ने बताया की रक्तदान करने से सिर्फ जिन्हें दान दिया जाता है उनका भला नहीं, बल्कि जो दान देते हैं उनके स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है.वहीं रिम्स के ब्लड बैंक मोटीवेटर डॉक्टर चंद्रभुषण बताते हैं कि जिस प्रकार से राज्य के विभिन्न ब्लड बैंकों में ब्लड की कमी देखी जा रही है, इन सब को देखते हुए रिम्स के डॉक्टरों की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान करे और ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह बढ़ाने का काम करें.

इसे भी पढे़ं:- DGP के आदेश पर राज्यभर में चल रहा 'ऑपरेशन मास्क', लोगों को किया जा रहा जागरुक

बता दें कि हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है, जिसको लेकर लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है. इसी के मद्देनजर इस साल भी झारखंड के विभिन्न ब्लड बैंक संस्थाओं ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान करने के लिए कहा क्योंकि कोरोना के काल में बहुत सारे लोग रक्तदान करने से डर रहे हैं. लोगों को यह लगता है कि रक्तदान करने से उनका इम्यूनिटी सिस्टम कम हो जाएगा, लेकिन ब्लड बैंक में कार्यरत डॉक्टरों का कहना है की ब्लड डोनेट करने से कहीं से भी इम्यूनिटी सिस्टम में कमी नहीं आती है, बल्कि नया रक्त के बनने से और भी इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ता है.

रांची: विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर झारखंड में भी कई ब्लड बैंकों में रक्तदान शिविर लगाकर रक्तदान किया गया. इसके मद्देनजर राजधानी के सदर अस्पताल में भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जहां पर कई लोगों ने रक्तदान कर महादान करने का काम किया. सदर अस्पताल की ब्लड बैंक की इंचार्ज ने बताया कि रक्त दान को महादान इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह न तो किसी मशीन से बनाया जा सकता है और न ही किसी प्रकार से उत्पन किया जा सकता है. इसलिए विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान कर ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह कराने की अपील की.

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ब्लड बैंक की इंचार्ज ने बताया कि जिस प्रकार से कोरोना काल में रक्त संचय को लेकर कई प्रकार की दिक्कतें आ रही है. इन दिक्कतों को लेकर ब्लड बैंक के तरफ से लोगों से रक्तदान करने की अपील की जा रही है, कोरोना के समय में लोग ये न सोचें की ब्लड डोनेट करने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होगी, रक्तदान करने से नया ब्लड बनता है, जो कोरोना की लड़ाई में ज्यादा लाभकारी साबित होता है, इसीलिए लोग बिना डरे रक्तदान कर सकते हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि कई ऐसे कई मरीज हैं जैसे थैलेसीमिया, सिकल एनीमिया, ट्यूबरक्लोसिस, कैंसर जैसे बीमारी से ग्रसित मरीजों को मुफ्त में रक्त दिया जाता है. ऐसे में जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान करें, ताकि ऐसे लाचार मरीजों को समय पर रक्त मिल सके. वहीं मेडिका के वरिष्ठ डॉ. अनिल कुमार ने बताया की रक्तदान करने से सिर्फ जिन्हें दान दिया जाता है उनका भला नहीं, बल्कि जो दान देते हैं उनके स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है.वहीं रिम्स के ब्लड बैंक मोटीवेटर डॉक्टर चंद्रभुषण बताते हैं कि जिस प्रकार से राज्य के विभिन्न ब्लड बैंकों में ब्लड की कमी देखी जा रही है, इन सब को देखते हुए रिम्स के डॉक्टरों की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान करे और ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह बढ़ाने का काम करें.

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बता दें कि हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है, जिसको लेकर लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है. इसी के मद्देनजर इस साल भी झारखंड के विभिन्न ब्लड बैंक संस्थाओं ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान करने के लिए कहा क्योंकि कोरोना के काल में बहुत सारे लोग रक्तदान करने से डर रहे हैं. लोगों को यह लगता है कि रक्तदान करने से उनका इम्यूनिटी सिस्टम कम हो जाएगा, लेकिन ब्लड बैंक में कार्यरत डॉक्टरों का कहना है की ब्लड डोनेट करने से कहीं से भी इम्यूनिटी सिस्टम में कमी नहीं आती है, बल्कि नया रक्त के बनने से और भी इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ता है.

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