ETV Bharat / state

रांचीः ब्लड बैंक में रक्त की कमी, इस वजह से लोग नहीं कर रहे हैं रक्तदान

रक्तदान करना हमेशा से ही अच्छा माना गया है. इस दान से लोगों को जिंदगी बचती है, लेकिन कोरोना काल में लोगों के दिमाग में गलत धारणा बस गई है कि रक्तदान से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और लोगों को इंफेक्शन होने का भी डर सता रहा है, इस वजह से रांची रिम्स में थैलेसीमिया के मरीजों को खून की कमी से जूझना पड़ रहा है.

रांची के ब्लड बैंकों में रक्त की हो रही कमी
Blood deficiency in Ranchi Rims blood bank
author img

By

Published : Aug 2, 2020, 7:45 PM IST

रांची: राजधानी सहित पूरे राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसे देखते हुए अभी से ही स्वास्थ्य विभाग ने हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं, लेकिन इस विपरीत परिस्थिति में भी डॉक्टरों का एक समूह और कुछ समाजिक संस्था राज्य के मरीजों के लिए रक्त संग्रहित करने में जुटा है. कोरोना संकट में रांची के सभी ब्लड बैंकों में ब्लड की भारी कमी आ गई है. इस वजह से थैलेसीमिया के मरीजों को खून की कमी से जूझना पड़ रहा है.

देखें स्पेशल खबर

लोगों को प्रतिरोधक क्षमता कम होने का डर

मरीजों को खून की कमी से जूझते देख रिम्स के कुछ चिकित्सक और कुछ समाजसेवी की ओर से ब्लड कैंप लगाकर रिम्स ब्लड बैंक में ब्लड संग्रह किया जा रहा है, जिससे मरीजों को थोड़ी राहत मिल रही है. ब्लड मोटीवेटर डॉक्टर चंद्रभानु का कहना है कि कोरोना काल में लोगों के मन में यह भय समा गया है कि अगर वह अपना रक्तदान करते हैं तो उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी. उन्होंने इस सोच को निराधार बताया है, उनका कहना है कि रक्तदान करने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता और ज्यादा हो जाती है, साथ ही रक्तदान करने से रक्तदाता को भी लाभ होता है और रक्त की कमी को भी पूरा किया जा सकता है.

रक्त की कमी को देखते हुए कई सामाजिक संस्था भी रक्तदान कैंप का आयोजन कर रही है. सामाजसेवी अंजलि कश्यप का कहना है कि राज्य के ज्यादातर गरीब लोग सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराने पहुंचते हैं. इसलिए सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में रक्त की जरूरत अत्यधिक है. वहीं, रिम्स ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ सुषमा का कहना है कि कोरोना के वजह से रक्त संग्रह काफी कम हो गया है. पहले रिम्स के ब्लड बैंक में हमेशा 400 से 430 यूनिट ब्लड हुआ करता था. वर्तमान समय में रक्त का संग्रह मात्र 100 से 150 यूनिट है, जो की निश्चित रूप से चिंता का विषय है.

ब्लड बैंक के इंचार्ज का कहना है कि रक्त संग्रह बढ़ाने के लिए विभाग की तरफ से जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाने की प्रक्रिया लगातार जारी है. लेकिन कोरोना के वजह से ब्लड डोनेशन कैंप में लोग रक्तदान करने नहीं पहुंच रहे हैं. इस वजह से रक्त की कमी हो रही है. थैलेसीमिया और सिकेलनिमिया जैसे मरीजों को हमेशा ही रक्त की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन ब्लड बैंक में ब्लड की कमी से ऐसे मरीजों को भी रक्त समय पर नहीं मिल पा रहा है.

रांची में कार्यरत जीआर इवेंट कंपनी, जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी सहित कई सामाजिक संस्था रक्तदान का आयोजन करवाते रहते हैं. लेकिन कोरोना काल में जरूरत है कि लोग खुद आगे आकर रक्तदान कैंप का हिस्सा बने, ताकि जरूरतमंदों को सही समय पर रक्त मिल सके. रक्त का निर्माण वैज्ञानिक पद्धति से नहीं किया जा सकता है. इसकी सभी को सिर्फ दान के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है. इसलिए ईटीवी भारत भी लोगों से अपील करता है कि इस संकटकाल में रक्त दान करें, ताकि रक्त की कमी की वजह से किसी की मौत ना हो.

रांची: राजधानी सहित पूरे राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसे देखते हुए अभी से ही स्वास्थ्य विभाग ने हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं, लेकिन इस विपरीत परिस्थिति में भी डॉक्टरों का एक समूह और कुछ समाजिक संस्था राज्य के मरीजों के लिए रक्त संग्रहित करने में जुटा है. कोरोना संकट में रांची के सभी ब्लड बैंकों में ब्लड की भारी कमी आ गई है. इस वजह से थैलेसीमिया के मरीजों को खून की कमी से जूझना पड़ रहा है.

देखें स्पेशल खबर

लोगों को प्रतिरोधक क्षमता कम होने का डर

मरीजों को खून की कमी से जूझते देख रिम्स के कुछ चिकित्सक और कुछ समाजसेवी की ओर से ब्लड कैंप लगाकर रिम्स ब्लड बैंक में ब्लड संग्रह किया जा रहा है, जिससे मरीजों को थोड़ी राहत मिल रही है. ब्लड मोटीवेटर डॉक्टर चंद्रभानु का कहना है कि कोरोना काल में लोगों के मन में यह भय समा गया है कि अगर वह अपना रक्तदान करते हैं तो उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी. उन्होंने इस सोच को निराधार बताया है, उनका कहना है कि रक्तदान करने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता और ज्यादा हो जाती है, साथ ही रक्तदान करने से रक्तदाता को भी लाभ होता है और रक्त की कमी को भी पूरा किया जा सकता है.

रक्त की कमी को देखते हुए कई सामाजिक संस्था भी रक्तदान कैंप का आयोजन कर रही है. सामाजसेवी अंजलि कश्यप का कहना है कि राज्य के ज्यादातर गरीब लोग सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराने पहुंचते हैं. इसलिए सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में रक्त की जरूरत अत्यधिक है. वहीं, रिम्स ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ सुषमा का कहना है कि कोरोना के वजह से रक्त संग्रह काफी कम हो गया है. पहले रिम्स के ब्लड बैंक में हमेशा 400 से 430 यूनिट ब्लड हुआ करता था. वर्तमान समय में रक्त का संग्रह मात्र 100 से 150 यूनिट है, जो की निश्चित रूप से चिंता का विषय है.

ब्लड बैंक के इंचार्ज का कहना है कि रक्त संग्रह बढ़ाने के लिए विभाग की तरफ से जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाने की प्रक्रिया लगातार जारी है. लेकिन कोरोना के वजह से ब्लड डोनेशन कैंप में लोग रक्तदान करने नहीं पहुंच रहे हैं. इस वजह से रक्त की कमी हो रही है. थैलेसीमिया और सिकेलनिमिया जैसे मरीजों को हमेशा ही रक्त की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन ब्लड बैंक में ब्लड की कमी से ऐसे मरीजों को भी रक्त समय पर नहीं मिल पा रहा है.

रांची में कार्यरत जीआर इवेंट कंपनी, जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी सहित कई सामाजिक संस्था रक्तदान का आयोजन करवाते रहते हैं. लेकिन कोरोना काल में जरूरत है कि लोग खुद आगे आकर रक्तदान कैंप का हिस्सा बने, ताकि जरूरतमंदों को सही समय पर रक्त मिल सके. रक्त का निर्माण वैज्ञानिक पद्धति से नहीं किया जा सकता है. इसकी सभी को सिर्फ दान के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है. इसलिए ईटीवी भारत भी लोगों से अपील करता है कि इस संकटकाल में रक्त दान करें, ताकि रक्त की कमी की वजह से किसी की मौत ना हो.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.