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रांची डिवीजन में रेल टिकट की काला बाजारी! चेन्नई में बैठा मास्टरमाइंड चलाता है कारोबार

रांची डिवीजन में रेल टिकट की कालाबाजारी का गोरखधंधा धड़ल्ले चल रहा है. चेन्नई में बैठा मास्टरमाइंड ने यहां की पूरी सिस्टम पर कब्जा कर रखा है. इस मामले की जांच की जा रही है.

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अपराधी गिरफ्तार
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Published : Aug 5, 2021, 10:06 PM IST

रांचीः रांची रेल डिवीजन में इन दिनों रेल टिकट की कालाबाजारी का धंधा जोर-शोर से फल-फूल रहा है. मामले को लेकर डीआरएम नीरज अम्बष्ठ ने दोषियों पर नियम संगत कार्रवाई करने की बात कही है. फिलहाल मामले को लेकर जांच चल रही है.

इसे भी पढ़ें- रांची: आरपीएफ ने दो लोगों को किया गिरफ्तार, रेल टिकट का करता था फर्जीवाड़ा

सूचना पर कार्रवाई
15 दिन से सीआईबी (क्राइम इंटेलिजेंस ब्यूरो) की एक टीम मामले को लेकर निगरानी रख रही थी. इससे जुड़ी पूरी जानकारी आरपीएफ टीम को एक पैसेंजर ने दी थी और इसी के आधार पर एक टीम बनाकर दलालों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया. गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार रांची और हटिया स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर सवाल उठाया गया है. दलालों के साथ मिलीभगत कर रेल टिकटों की कालाबाजारी करने का आरोप बुकिंग काउंटर पर लग चुका है. लेकिन बार-बार इन मामलों को टाला जाता रहा. इसी कड़ी में इस मामले का खुलासा किया गया है. जानकारी के मुताबिक चेन्नई से एक व्यक्ति रांची के टिकट कालाबाजारी के पूरे सिस्टम को ऑपरेट कर रहा था.

यात्रियों से वसूले जाते थे अतिरिक्त मूल्य
दक्षिण भारत जाने वाली रूट और लंबी दूरी की टिकट उपलब्ध कराने की बात कहकर यात्रियों से मोटी रकम वसूली जा रही थी. जानकारी तो यह भी है कि इस काम में रेलवे के स्टाफ भी दलाल की मदद कर रहे थे. एक सूचना के आधार पर सीआईबी की टीम दो दलालों को रंगे हाथ टिकट के साथ गिरफ्तार किया है. इन दलालों के पास रूट की कई टिकटें भी मिली हैं. वहीं 4000 लगभग नकदी भी बरामद किया गया है. अजय और अविनाश नामक इन्हीं दलालों की निशानदेही पर नामकुम स्टेशन के बुकिंग ऑफिस में छापेमारी की गई. यहां कालाबाजारी में लिप्त बुकिंग क्लर्क नरेश कुमार को भी पकड़ा गया है.

दलाल का मामा है चेन्नई का व्यक्ति
बुकिंग क्लर्क के पास 2500 रुपया और रेलवे का तत्काल टिकट मिला है. फिलहाल इन तीनों की गिरफ्तारी कर सीआईबी ने आरपीएफ को सौंप दिया है. चेन्नई से प्लानिंग कर रहा व्यक्ति दलाल का मामा है. पूछताछ के दौरान अजय ने जानकारी दी है कि टिकट की कालाबाजारी करने का निर्देश चेन्नई से उसके मामा की ओर से दिया जाता था. उसके बाद क्लर्क नरेश कुमार टिकट कंफर्म कराने में मदद करता था और फिर टिकट कटवाया जाता था.

अन्य राज्यों के दलालों के साथ भी संपर्क
झारखंड के अलावा अन्य राज्यों के भी कॉन्टेक्ट में यह दोनों दलाल रहता था. पूरी तरह कमीशन के इस खेल में और भी लोगों की मिलीभगत सामने आ सकती है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच चल रही है. इसके बाद ही पूरा मामला सामने आ पाएगा.

रांचीः रांची रेल डिवीजन में इन दिनों रेल टिकट की कालाबाजारी का धंधा जोर-शोर से फल-फूल रहा है. मामले को लेकर डीआरएम नीरज अम्बष्ठ ने दोषियों पर नियम संगत कार्रवाई करने की बात कही है. फिलहाल मामले को लेकर जांच चल रही है.

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सूचना पर कार्रवाई
15 दिन से सीआईबी (क्राइम इंटेलिजेंस ब्यूरो) की एक टीम मामले को लेकर निगरानी रख रही थी. इससे जुड़ी पूरी जानकारी आरपीएफ टीम को एक पैसेंजर ने दी थी और इसी के आधार पर एक टीम बनाकर दलालों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया. गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार रांची और हटिया स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर सवाल उठाया गया है. दलालों के साथ मिलीभगत कर रेल टिकटों की कालाबाजारी करने का आरोप बुकिंग काउंटर पर लग चुका है. लेकिन बार-बार इन मामलों को टाला जाता रहा. इसी कड़ी में इस मामले का खुलासा किया गया है. जानकारी के मुताबिक चेन्नई से एक व्यक्ति रांची के टिकट कालाबाजारी के पूरे सिस्टम को ऑपरेट कर रहा था.

यात्रियों से वसूले जाते थे अतिरिक्त मूल्य
दक्षिण भारत जाने वाली रूट और लंबी दूरी की टिकट उपलब्ध कराने की बात कहकर यात्रियों से मोटी रकम वसूली जा रही थी. जानकारी तो यह भी है कि इस काम में रेलवे के स्टाफ भी दलाल की मदद कर रहे थे. एक सूचना के आधार पर सीआईबी की टीम दो दलालों को रंगे हाथ टिकट के साथ गिरफ्तार किया है. इन दलालों के पास रूट की कई टिकटें भी मिली हैं. वहीं 4000 लगभग नकदी भी बरामद किया गया है. अजय और अविनाश नामक इन्हीं दलालों की निशानदेही पर नामकुम स्टेशन के बुकिंग ऑफिस में छापेमारी की गई. यहां कालाबाजारी में लिप्त बुकिंग क्लर्क नरेश कुमार को भी पकड़ा गया है.

दलाल का मामा है चेन्नई का व्यक्ति
बुकिंग क्लर्क के पास 2500 रुपया और रेलवे का तत्काल टिकट मिला है. फिलहाल इन तीनों की गिरफ्तारी कर सीआईबी ने आरपीएफ को सौंप दिया है. चेन्नई से प्लानिंग कर रहा व्यक्ति दलाल का मामा है. पूछताछ के दौरान अजय ने जानकारी दी है कि टिकट की कालाबाजारी करने का निर्देश चेन्नई से उसके मामा की ओर से दिया जाता था. उसके बाद क्लर्क नरेश कुमार टिकट कंफर्म कराने में मदद करता था और फिर टिकट कटवाया जाता था.

अन्य राज्यों के दलालों के साथ भी संपर्क
झारखंड के अलावा अन्य राज्यों के भी कॉन्टेक्ट में यह दोनों दलाल रहता था. पूरी तरह कमीशन के इस खेल में और भी लोगों की मिलीभगत सामने आ सकती है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच चल रही है. इसके बाद ही पूरा मामला सामने आ पाएगा.

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