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झारखंड में ब्लैक फंगस के मिले 7 नए मरीज, अब तक 77 की हो चुकी है पहचान

कोरोना वायरस (corona virus) के बाद अब झारखंड में ब्लैक फंगस (black fungus) पांव पसार रहा है. राज्य में ब्लैक फंगस के सात नए मामले सामने आए है.

7 new black fungus patient found in Jharkhand
ब्लैक फंगस
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Published : May 30, 2021, 10:12 PM IST

रांचीः झारखंड में कोरोना (corona) के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) का खतरा बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटे में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के 7 नए मामले मिले हैं. वहीं राज्य में अब तक 10 लोगों की मौत ब्लैक फंगस से हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें- रिम्स में ब्लैग फंगस के 12 मरीज भर्ती, अगले 10 दिन में मिल सकते हैं चार गुना ज्यादा मरीज

राज्य में ब्लैक फंगस के 33 कंफर्म और 44 सस्पेक्टेड केस
झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission, jharkhand) के IEC अफसर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में ब्लैक फंगस के 7 नए केस मिले हैं. राज्य में ब्लैक फंगस के कुल 77 मामले हो चुके हैं, जिसमें 33 कंफर्म केस हैं. राज्य में ब्लैक फंगस के 8 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 10 लोगों की मौत इलाज के दौरान रांची और जमशेदपुर के अलग-अलग अस्पताल में हुई है.

पर्याप्त मात्रा में ब्लैक फंगस का इंजेक्शन उपलब्ध
NHM के IEC अफसर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में अम्फोटेरिसिन इंजेक्शन (Amphotericin Injection) है. सरकारी अस्पतालों में NHM के माध्यम से दवा भेजी जा रही. निजी अस्पतालों को यह दवा वास्तविक कीमत पर NHM की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में अब ब्लैक फंगस बीमारी बढ़ने की आशंका, रिम्स में बनाया गया स्पेशल वार्ड

कमजोर इम्यूनो के चलते हो रहा ब्लैक फंगस
कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए स्टेरॉयड (steroids) का उपयोग, कमजोर इम्युनो शक्ति और मधुमेह के चलते यह फंगस कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को शिकार बना रहा है. इसमें फंगस पहले साइनस (sinus) में रहता है. फिर वहां से आंख और ब्रेन (brain) तक पहुंच कर खतरनाक रूप ले लेता है.


रिम्स को बनाया गया नोडल संस्थान
ब्लैक फंगस के लगातार मिल रहे केस और निकट भविष्य में इसके और अधिक मरीज मिलने की आशंका को देखते हुए राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए नोडल बनाया गया. जहां डेंगू वार्ड को ब्लैक फंगस वार्ड बना दिया गया. साथ ही साथ इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of excellence) बनाया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर पेरिफेरी के डॉक्टरों को ब्लैक फंगस से जुड़ी चिकित्सीय सलाह दे सकें.

रांचीः झारखंड में कोरोना (corona) के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) का खतरा बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटे में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के 7 नए मामले मिले हैं. वहीं राज्य में अब तक 10 लोगों की मौत ब्लैक फंगस से हो चुकी है.

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राज्य में ब्लैक फंगस के 33 कंफर्म और 44 सस्पेक्टेड केस
झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission, jharkhand) के IEC अफसर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में ब्लैक फंगस के 7 नए केस मिले हैं. राज्य में ब्लैक फंगस के कुल 77 मामले हो चुके हैं, जिसमें 33 कंफर्म केस हैं. राज्य में ब्लैक फंगस के 8 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 10 लोगों की मौत इलाज के दौरान रांची और जमशेदपुर के अलग-अलग अस्पताल में हुई है.

पर्याप्त मात्रा में ब्लैक फंगस का इंजेक्शन उपलब्ध
NHM के IEC अफसर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में अम्फोटेरिसिन इंजेक्शन (Amphotericin Injection) है. सरकारी अस्पतालों में NHM के माध्यम से दवा भेजी जा रही. निजी अस्पतालों को यह दवा वास्तविक कीमत पर NHM की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है.

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कमजोर इम्यूनो के चलते हो रहा ब्लैक फंगस
कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए स्टेरॉयड (steroids) का उपयोग, कमजोर इम्युनो शक्ति और मधुमेह के चलते यह फंगस कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को शिकार बना रहा है. इसमें फंगस पहले साइनस (sinus) में रहता है. फिर वहां से आंख और ब्रेन (brain) तक पहुंच कर खतरनाक रूप ले लेता है.


रिम्स को बनाया गया नोडल संस्थान
ब्लैक फंगस के लगातार मिल रहे केस और निकट भविष्य में इसके और अधिक मरीज मिलने की आशंका को देखते हुए राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए नोडल बनाया गया. जहां डेंगू वार्ड को ब्लैक फंगस वार्ड बना दिया गया. साथ ही साथ इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of excellence) बनाया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर पेरिफेरी के डॉक्टरों को ब्लैक फंगस से जुड़ी चिकित्सीय सलाह दे सकें.

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