रांची: झारखंड में पिछले 24 घंटे में कोरोना से ज्यादा घातक ब्लैक फंगस हो गया है. राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते जहां 2 लोगों की मौत हुई, वहीं ब्लैक फंगस ने राज्य में 5 लोगों की जान ले ली है.
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इन जिलों में हुई ब्लैक फंगस से मौत
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ब्लैक फंगस से गढ़वा में एक, गोड्डा में एक, कोडरमा में एक, रामगढ़ में एक और रांची में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
राज्य में ब्लैक फंगस के चार और नए संक्रमित मिले
स्वास्थ विभाग की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटे में ब्लैक फंगस के चार और नए मरीज मिले हैं, जिसमें एक कन्फर्म केस है और 3 सस्पेक्टेड है.
राज्य में अब कुल ब्लैक फंगस के 79 कंफर्म और 51 सस्पेक्टेड केस हैं. जबकि अब तक 25 लोगों की मौत ब्लैक फंगस से हो चुकी है और 37 लोग ठीक हुए हैं.
ब्लैक फंगस को लेकर एनएचएम के आईईसी नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि ब्लैक फंगस से होने वाली मौत का डेथ रेट 40% है.
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ब्लैक फंगस को लेकर भारत सरकार ने जारी किया नई गाइडलाइन
ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है, जो चेक लिस्ट के स्वरूप में है. इस गाइडलाइन के अनुसार जहां कोविड-19 मरीजों का इलाज चल रहा है, वहां महत्वपूर्ण 30 बिंदुओं पर नजर रखना है. मरीज को लगातार बुखार, सर दर्द और नेजल डिस्चार्ज, चेहरे पर दर्द, दांत ढीले हो जाना, नाक के बीच कालापन, आंख में लाली के साथ दर्द सहित 30 बिंन्दुओं पर नजर बनाए रखना है.
डॉक्टरों को इन बातों का रखना है खयाल
कोविड-19 का इलाज कराने के लिए अस्पताल आने वाले हर मरीज का ब्लड शुगर स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं नए गाइडलाइन के अनुसार चिकित्सकों को यह भी देखना है कि जो मरीज इलाज के लिए आया है, उसने स्टेरॉयड पहले इस्तेमाल किया है या नहीं. कोरोना केयर सेंटर में स्टेरॉयड थेरेपी का क्लीनिकल और मेडिसिनल प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए. इसके साथ साथ कोमोरबिडिटी, कोई भी अंग ट्रांसप्लांट जैसे इस बातों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. जिस स्थान पर कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है, उस अस्पताल भवन में डंपिंग नहीं होना चाहिए, पानी की सफाई बेहतर होनी चाहिए और अस्पताल के फ्लोर पर झाड़ू नहीं लगना चाहिए, बल्कि पोछा लगाया जाना चाहिए. इसके साथ-साथ ब्लैक फंगस के इलाज के लिए चयनित टर्टियरी केयर सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की पूरी टीम होनी चाहिए, जिसमें ईएनटी आंख न्यूरो सहित कई विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर जरूर होने चाहिए.