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Ranchi News: भारतीय जनता युवा मोर्चा ने हेमंत सरकार से की मांग, कहा- सीटेट पास आदिवासी-मूलवासी युवाओं को भी मिले शिक्षक नियुक्ति में अवसर

भाजयुमो ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास अभ्यर्थियों को मौका नहीं देने पर हेमंत सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया है. भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने निशाना साधते हुए हेमंत सरकार को युवा विरोधी और रोजगार विरोधी सरकार बताया है. साथ ही सीटेट पास अभ्यर्थियों को मौका नहीं देने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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BJYM Targeted Hemant Government
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Published : Jul 30, 2023, 9:49 PM IST

रांची: भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया के माध्यम से राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार से शिक्षक नियुक्ति में सीटेट पास आदिवासी-मूलवासी लोगों को भी मौका देने की मांग की है. भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने कहा कि राज्य में चल रही हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार भारत की सबसे निकम्मी, युवा विरोधी और रोजगार विरोधी सरकार है. उन्होंने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के समय "मुंगेरीलाल के हसीन सपने" दिखाकर सत्ता में आने वाले हेमंत सोरेन सरकार को हर झारखंडी युवा भली-भांति जान और समझ चुकी है.

ये भी पढ़ें-झारखंड इंडिया की पहली बैठक के लिए बनाए गए बैनर से लालू नीतीश की तस्वीर गायब, पूछने पर नेताओं ने दिया ये जवाब

झारखंड के नौजवानों के संघर्ष में साथ देगा भाजयुमोः किसलय तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा झारखंड राज्य के नौजवानों के संघर्ष और लड़ाई में साथ देने के लिए कृत संकल्पित है. उन्होंने कहा कि चाहे नियोजन का मामला हो या नियुक्ति नियमावली का मामला हम नौजवान संघर्ष से पीछे नहीं हट सकते हैं, क्योंकि यह हमारे भविष्य से जुड़ा हुआ मामला है. हेमंत सोरेन की सरकार पर लगातार झारखंडी युवाओं को छलने और धोखा देने का आरोप लगाते हुए किसलय तिवारी ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के नाम पर एक बार पुनः हेमंत सरकार ने राज्य के युवाओं को नजरअंदाज कर उनके साथ धोखा किया है.

सीटेट पास अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका से हेमंत सरकारः भाजयुमो नेता ने कहा कि हाल ही में शिक्षक नियुक्ति का राज्य सरकार ने विज्ञापन निकाला था, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि इसमें भी लगभग ढाई लाख प्रशिक्षित और सीटेट उत्तीर्ण झारखंडी युवा परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए हैं. वर्ष 2016 के बाद झारखंड में S-TET की परीक्षा नहीं हुई है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि राज्य सरकार सीटेट उत्तीर्ण झारखंडी युवाओं को अवसर नहीं दे रही है. आज झारखंड के बहुत सारे नौजवान बीएड और डीएलएड की डिग्री होने के बावजूद शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिए गए हैं.

वर्ष 2016 के बाद नहीं हुई झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षाः वर्ष 2016 के बाद से अब तक झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं ली गई है. राज्य के लगभग ढाई लाख अभ्यर्थी बीएड और डीएलएड करने के बाद टेट का इंतजार कर रहे थे. इसमें झारखंड के आदिवासी-मूलवासी युवा अपनी मेधा के बल पर सीटेट उत्तीर्ण हो चुके हैं. कम से कम उन्हें शिक्षक नियुक्ति में शामिल होने का मौका दिया जाना चाहिए. भाजयुमो नेता ने कहा कि वर्तमान में जो 26001 पदों पर शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया का विज्ञापन निकाला गया है. इस विज्ञापन से स्पष्ट है कि राज्य में टेट ना होने के कारण सीटेट उत्तीर्ण करने वाले मेधावी झारखंडी युवाओं को शिक्षक बनने से हेमंत सोरेन सरकार रोक रही है. एनसीटीई के प्रावधान का हवाला देते हुए भाजयुमो नेता ने कहा कि यह ढाई लाख झारखंड के आदिवासी मूलवासी, पिछड़े युवा बेरोजगार हैं और वह शिक्षक बनने के योग्य हैं .

ये भी पढ़ें-भाजपा ने जारी की केंद्रीय पदाधिकारियों की सूचीः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास फिर बने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आशा लकड़ा बनीं राष्ट्रीय सचिव

सत्ता के नशे में मदमस्त है हेमंत सरकारः किसलय तिवारी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि सत्ता के नशे में मदहोश पड़ी हुई राज्य की सरकार ने झारखंडी युवाओं को अयोग्य मानते हुए उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी है. इसलिए भारतीय जनता युवा मोर्चा की मुख्यमंत्री से मांग करती है कि सरकार अविलंब विज्ञापन में संशोधन कर सीटेट उत्तीर्ण झारखंडी युवाओं को शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में भाग लेने का मौका दे. अगर ऐसा नहीं होता है तब भाजयुमो झारखंड हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा. छात्रों के हितों और उनके भविष्य के लिए भाजयुमो चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा. इस मौके पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत कुमार, सत्यदेव मुंडा, सूर्यप्रभात आदि उपस्थित थे.

रांची: भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया के माध्यम से राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार से शिक्षक नियुक्ति में सीटेट पास आदिवासी-मूलवासी लोगों को भी मौका देने की मांग की है. भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने कहा कि राज्य में चल रही हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार भारत की सबसे निकम्मी, युवा विरोधी और रोजगार विरोधी सरकार है. उन्होंने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के समय "मुंगेरीलाल के हसीन सपने" दिखाकर सत्ता में आने वाले हेमंत सोरेन सरकार को हर झारखंडी युवा भली-भांति जान और समझ चुकी है.

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झारखंड के नौजवानों के संघर्ष में साथ देगा भाजयुमोः किसलय तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा झारखंड राज्य के नौजवानों के संघर्ष और लड़ाई में साथ देने के लिए कृत संकल्पित है. उन्होंने कहा कि चाहे नियोजन का मामला हो या नियुक्ति नियमावली का मामला हम नौजवान संघर्ष से पीछे नहीं हट सकते हैं, क्योंकि यह हमारे भविष्य से जुड़ा हुआ मामला है. हेमंत सोरेन की सरकार पर लगातार झारखंडी युवाओं को छलने और धोखा देने का आरोप लगाते हुए किसलय तिवारी ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के नाम पर एक बार पुनः हेमंत सरकार ने राज्य के युवाओं को नजरअंदाज कर उनके साथ धोखा किया है.

सीटेट पास अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका से हेमंत सरकारः भाजयुमो नेता ने कहा कि हाल ही में शिक्षक नियुक्ति का राज्य सरकार ने विज्ञापन निकाला था, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि इसमें भी लगभग ढाई लाख प्रशिक्षित और सीटेट उत्तीर्ण झारखंडी युवा परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए हैं. वर्ष 2016 के बाद झारखंड में S-TET की परीक्षा नहीं हुई है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि राज्य सरकार सीटेट उत्तीर्ण झारखंडी युवाओं को अवसर नहीं दे रही है. आज झारखंड के बहुत सारे नौजवान बीएड और डीएलएड की डिग्री होने के बावजूद शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिए गए हैं.

वर्ष 2016 के बाद नहीं हुई झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षाः वर्ष 2016 के बाद से अब तक झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं ली गई है. राज्य के लगभग ढाई लाख अभ्यर्थी बीएड और डीएलएड करने के बाद टेट का इंतजार कर रहे थे. इसमें झारखंड के आदिवासी-मूलवासी युवा अपनी मेधा के बल पर सीटेट उत्तीर्ण हो चुके हैं. कम से कम उन्हें शिक्षक नियुक्ति में शामिल होने का मौका दिया जाना चाहिए. भाजयुमो नेता ने कहा कि वर्तमान में जो 26001 पदों पर शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया का विज्ञापन निकाला गया है. इस विज्ञापन से स्पष्ट है कि राज्य में टेट ना होने के कारण सीटेट उत्तीर्ण करने वाले मेधावी झारखंडी युवाओं को शिक्षक बनने से हेमंत सोरेन सरकार रोक रही है. एनसीटीई के प्रावधान का हवाला देते हुए भाजयुमो नेता ने कहा कि यह ढाई लाख झारखंड के आदिवासी मूलवासी, पिछड़े युवा बेरोजगार हैं और वह शिक्षक बनने के योग्य हैं .

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सत्ता के नशे में मदमस्त है हेमंत सरकारः किसलय तिवारी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि सत्ता के नशे में मदहोश पड़ी हुई राज्य की सरकार ने झारखंडी युवाओं को अयोग्य मानते हुए उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी है. इसलिए भारतीय जनता युवा मोर्चा की मुख्यमंत्री से मांग करती है कि सरकार अविलंब विज्ञापन में संशोधन कर सीटेट उत्तीर्ण झारखंडी युवाओं को शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में भाग लेने का मौका दे. अगर ऐसा नहीं होता है तब भाजयुमो झारखंड हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा. छात्रों के हितों और उनके भविष्य के लिए भाजयुमो चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा. इस मौके पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत कुमार, सत्यदेव मुंडा, सूर्यप्रभात आदि उपस्थित थे.

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