रांची: गिरिडीह जिले में बीजेपी सांसद साक्षी महाराज को बलपूर्वक क्वॉरेंटाइन करने पर पार्टी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि राज्य सरकार इस मामले में दोहरी नीति अपना रही है. उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप बिना किसी परमिशन के 60 गाड़ियों के काफिले के साथ रांची में प्रवेश करते हैं, लेकिन जिला प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है.
उमंग सिंघार भी नहीं हुए थे क्वॉरेंटाइन
इससे पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सह प्रभारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता उमंग सिंघार भी दौरे पर झारखंड आए थे लेकिन उन्हें भी क्वॉरेंटाइन नहीं किया गया. इतना ही नहीं सिंघार ने पार्टी द्वारा आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में में हिस्सा लिया और और बैठक करने दूसरे जिले में चले गए. हालांकि जैसे ही मामला मीडिया में आया उसके बाद उन्हें आनन-फानन में झारखंड से वापस दिल्ली भेज दिया गया.
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बाबूलाल और दीपक प्रकाश रहे थे होम क्वॉरेटाइन में
दूसरी तरफ बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश दिल्ली से लौटने के बाद 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन में रहे, जबकि दीपक प्रकाश राज्यसभा में सांसद पद की शपथ लेने गए थे. दिल्ली से झारखंड वापस आने के बाद दोनों नेताओं के हाथ में होम क्वॉरेंटाइन का ठप्पा तक लगा दिया गया था.
क्या है इससे जुड़ी सरकार की गाइड लाइन
दरअसल, झारखंड सरकार के गाइडलाइन के अनुसार दूसरे राज्यों से यहां आने वाले लोगों के लिए 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन अनिवार्य है. हालांकि इससे रियायत वैसे लोगों को मिलेगी जो हवाई यात्रा से 72 घंटे के लिए झारखंड आ रहे हैं, साथ ही उन्हें अपने लौटने की टिकट दिखानी होगी. इसके अलावा विधायी और व्यवसायिक कार्यो से झारखंड आने वाले लोगों को भी इससे छूट मिल सकती है, बशर्ते कि संबंधित जिला के उपायुक्त उन्हें इजाजत दें.