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सीएम को धमकी मामले में भाजपा मुखर, जांच की धीमी गति पर उठाए सवाल

प्रदेश भाजपा सीएम को जान से मारने की धमकी के मामले को लेकर काफी मुखर है. प्रदेश प्रवक्ता ने जांच की धीमी गति पर सवाल खड़ा किया है. साथ ही पूरे सिस्टम को कटघरे में ला खड़ा किया है.

bjp raises questions in case of threat to cm in ranchi
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव
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Published : Dec 31, 2020, 11:42 PM IST

रांचीः भाजपा का मानना है कि वर्ष की विदाई के अंत में भी मुख्यमंत्री की हत्या की धमकी के मामले का खुलासा नहीं हो पाना सिस्टम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने गुरुवार को कहा कि दो ईमेल के जरिए 8 और 17 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके परिजनों और करीबी अधिकारियों की हत्या की धमकी दी गई थी.

अब तक नहीं हुआ खुलासा

उन्होंने कहा कि रांची के साइबर थाना में मामला दर्ज कराया गया था और उसके बाद मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था. अब तक मामले का उद्भेदन नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा की दोनों ईमेल का सर्वर जर्मनी और स्विट्जरलैंड था. अब लगभग साढ़े 5 महीने के बाद सीआईडी ने जर्मनी और स्विट्जरलैंड को अनुरोध पत्र भेजने के लिए अदालत से आग्रह करने का फैसला लिया है.

इसे भी पढ़ें- नए साल को लेकर रांची पुलिस अलर्ट, शहर के विभिन्न इलाकों में चला एंटी क्राइम चेकिंग और ड्रिंक एंड ड्राइव अभियान



जांच की धीमी गति पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री की हत्या की धमकी के मामले में अनुसंधान इतनी धीमी गति से चल रहा हो और 5 महीने से ज्यादा समय के बाद भी उद्भेदन नहीं हो पाया है. तब आम जनों की स्थिति का अंदाज लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस के आला अधिकारी जो भी दावा करें. लेकिन राज्य में अराजकता का माहौल है. उन्होंने कहा कि पुलिस के जवान बीहड़ इलाकों में विषम परिस्थितियों में आज भी नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं. लेकिन सरकार के स्तर पर अनिश्चितता की स्थिति और ठोस निर्णय ना लिए जाने के कारण इनका भी मनोबल गिर सकता है.

रांचीः भाजपा का मानना है कि वर्ष की विदाई के अंत में भी मुख्यमंत्री की हत्या की धमकी के मामले का खुलासा नहीं हो पाना सिस्टम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने गुरुवार को कहा कि दो ईमेल के जरिए 8 और 17 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके परिजनों और करीबी अधिकारियों की हत्या की धमकी दी गई थी.

अब तक नहीं हुआ खुलासा

उन्होंने कहा कि रांची के साइबर थाना में मामला दर्ज कराया गया था और उसके बाद मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था. अब तक मामले का उद्भेदन नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा की दोनों ईमेल का सर्वर जर्मनी और स्विट्जरलैंड था. अब लगभग साढ़े 5 महीने के बाद सीआईडी ने जर्मनी और स्विट्जरलैंड को अनुरोध पत्र भेजने के लिए अदालत से आग्रह करने का फैसला लिया है.

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जांच की धीमी गति पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री की हत्या की धमकी के मामले में अनुसंधान इतनी धीमी गति से चल रहा हो और 5 महीने से ज्यादा समय के बाद भी उद्भेदन नहीं हो पाया है. तब आम जनों की स्थिति का अंदाज लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस के आला अधिकारी जो भी दावा करें. लेकिन राज्य में अराजकता का माहौल है. उन्होंने कहा कि पुलिस के जवान बीहड़ इलाकों में विषम परिस्थितियों में आज भी नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं. लेकिन सरकार के स्तर पर अनिश्चितता की स्थिति और ठोस निर्णय ना लिए जाने के कारण इनका भी मनोबल गिर सकता है.

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