रांची: राज्य गठन से अब तक प्रदेश में अपना कार्यकाल पूरा करने वाली सत्तारूढ़ बीजेपी दोबारा सत्ता हासिल करने के पूरी कोशिश कर रही है. एक तरफ जहां पार्टी ने अपने कैडर एक्टिव मोड में रखा है वहीं, दूसरी ओर अलग-अलग साधनों से मतदाताओं के बीच अपनी पहुंच बना रही है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास लगातार जोहार जन आशीर्वाद यात्रा से लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं.
मतदाता का बीजेपी से मजबूत कनेक्शन
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल का कहना है कि मतदाताओं को आकर्षित करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि पिछले 5 सालों में राज्य में विकास के ऐतिहासिक काम हुए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी सभी तरह के प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर अपनी उपस्थिति जनता के बीच दर्ज करा रही है और जनता भी दोबारा बीजेपी को बहुमत देने का मन बना चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि हर वर्ग के मतदाता का बीजेपी से मजबूत कनेक्शन स्थापित हो रहा है.
ये भी पढ़ें-रघुवर सरकार से आक्रोशित है राज्य की जनता, ऐतिहासिक होगी जन आक्रोश रैली: कांग्रेस
खोखले हैं बीजेपी के दावे
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा का दावा है कि राज्य सरकार के कथित कृत्यों की वजह से आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होना है. पार्टी के अनुसार 19 अक्टूबर को राजधानी के हरमू मैदान में बदलाव यात्रा इसी मकसद से आयोजित की जाएगी. पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य कि मानें तो राज्य सरकार ने आम लोगों की तकलीफें बढ़ाई है. उन्होंने कहा कि भले ही बीजेपी की ओर से विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हो, लेकिन हकीकत इससे अलग है.
महागठबंधन को मजबूत करने की कवायद में जुटी कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस महागठबंधन बनाने की तस्वीर साफ करने में जुटी हुई है. पार्टी अपने मौजूदा विधायकों की सीटों पर पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा उसका दावा है कि महागठबंधन की वजह से कांग्रेस का 'हाथ' झारखंड में 2014 के मुकाबले 2019 में मजबूत होगा.
पार्टी फिर से करेगी बेहतर प्रदर्शन
2014 में 8 विधायकों वाले झारखंड विकास मोर्चा के पास 2019 के विधानसभा चुनाव आते-आते महज एक विधायक बचा है. हालांकि पार्टी के मुखिया बाबूलाल मरांडी राज्य भर में जगह-जगह सभाएं कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी फिर से अपना बेहतर प्रदर्शन करेगी.
ये भी पढ़ें-विधानसभा चुनाव 2019: तेलंगाना के डॉ रंगैय्या ने बनाई VJAP पार्टी, 81 सीटों पर रखी दावेदारी
65 सीटों पर जीत का लक्ष्य
राज्य के अन्य राजनीतिक दल की फेहरिस्त में शामिल जनता दल यूनाइटेड और हैदराबाद के सांसद असादुद्दीन ओवैसी की एएआईएमआईएम भी इस विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने का मन बना रहे है. बता दें कि इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता 65 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है.