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'कौन है स्थानीय' विपक्ष का सवाल, सीएम ने कहा-जल्द मिलेगा जवाब

मानसून सत्र 2021 के चौथे दिन (fourth day of monsoon session 2021) नई नियोजन नीति (new employment policy ) रद्द करने और स्थानीयता को परिभाषित करने की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने बुधवार को सदन में जोरदार हंगामा किया. विपक्ष ने सवाल किया कि कौन है स्थानीय, इस पर सीएम ने कहा कि जल्द इसका जवाब मिलेगा.

cm hemant soren
सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Sep 8, 2021, 2:03 PM IST

रांची: नई नियोजन नीति (new employment policy) रद्द करने और स्थानीयता को परिभाषित करने की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने बुधवार को सदन में जोरदार हंगामा किया. इस दौरान भाजपा के विधायकों ने सरकार से पूछा कि एक तरफ झारखंड के प्राइवेट सेक्टर में 75% आरक्षण की बात हो रही है, दूसरी तरफ अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यहां का स्थानीय कौन है. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को भरोसा दिलाया कि नियोजन और स्थानीय नीति पर सरकार काम कर रही है. उनकी सरकार यहां के मूलवासी और आदिवासी को रोजगार देने के प्रति कटिबद्ध है और कौन स्थानीय है इसका भी जल्द जवाब मिल जाएगा.

ये भी पढ़ें-झारखंड की नई नियोजन नीति और हिंदी को परीक्षा से बाहर करने पर विपक्ष का सवाल, JMM बोली-बोलने का हक नहीं

भाजपा के तंज पर सीएम का पलटवार

इस पर भाजपा विधायकों ने तंज कसा और कहा कि इस बात को सुनते-सुनते 20 महीना बीत चुका है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह तय करने के लिए (कौन स्थानीय है) आपको मौका मिला था लेकिन आपने खो दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि किसी भी हालत में झारखंड के गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक और आदिवासियों को उनका अधिकार न मिले.

विधायक बंधु तिर्की ने की गतिरोध तोड़ने की अपील

हंगामे के बीच विधायक बंधु तिर्की ने भी इस मसले पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि स्थानीयता के लिए झारखंड में 6 लोग शहीद हुए थे. इसलिए सरकार को बताना चाहिए कि स्थानीय कौन है. इस गतिरोध को दूर करना बेहद जरूरी है.

रघुवर दास सरकार की नियोजन नीति को किया था रद्द

इससे पहले हेमंत सरकार ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की नियोजन नीति को रद्द कर दिया था और अपनी नई नियोजन नीति लाई थी. भाजपा इस नई नियोजन नीति का विरोध कर रही है.

रांची: नई नियोजन नीति (new employment policy) रद्द करने और स्थानीयता को परिभाषित करने की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने बुधवार को सदन में जोरदार हंगामा किया. इस दौरान भाजपा के विधायकों ने सरकार से पूछा कि एक तरफ झारखंड के प्राइवेट सेक्टर में 75% आरक्षण की बात हो रही है, दूसरी तरफ अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यहां का स्थानीय कौन है. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को भरोसा दिलाया कि नियोजन और स्थानीय नीति पर सरकार काम कर रही है. उनकी सरकार यहां के मूलवासी और आदिवासी को रोजगार देने के प्रति कटिबद्ध है और कौन स्थानीय है इसका भी जल्द जवाब मिल जाएगा.

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भाजपा के तंज पर सीएम का पलटवार

इस पर भाजपा विधायकों ने तंज कसा और कहा कि इस बात को सुनते-सुनते 20 महीना बीत चुका है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह तय करने के लिए (कौन स्थानीय है) आपको मौका मिला था लेकिन आपने खो दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि किसी भी हालत में झारखंड के गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक और आदिवासियों को उनका अधिकार न मिले.

विधायक बंधु तिर्की ने की गतिरोध तोड़ने की अपील

हंगामे के बीच विधायक बंधु तिर्की ने भी इस मसले पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि स्थानीयता के लिए झारखंड में 6 लोग शहीद हुए थे. इसलिए सरकार को बताना चाहिए कि स्थानीय कौन है. इस गतिरोध को दूर करना बेहद जरूरी है.

रघुवर दास सरकार की नियोजन नीति को किया था रद्द

इससे पहले हेमंत सरकार ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की नियोजन नीति को रद्द कर दिया था और अपनी नई नियोजन नीति लाई थी. भाजपा इस नई नियोजन नीति का विरोध कर रही है.

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