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Controversy On Green Colour Gamcha: झारखंड में हरे रंग के गमछे पर शुरू हुआ विवाद, बीजेपी ने जताई आपत्ति - नक्सल मुक्त बूढ़ा पहाड़

झारखंड में अब हरे रंग के साफा पर विवाद बढ़ता जा रहा है. सीएम हेमंत सोरेन ने बूढ़ा पहाड़ पर विकास योजनाओं की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम में अधिकारियों के गले में भी हरे रंग का गमछा था. बीजेपी ने इसपर आपत्ति जताई है.

Controversy On Green Colour Gamcha
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Published : Jan 29, 2023, 7:26 AM IST

Updated : Jan 29, 2023, 8:41 AM IST

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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 27 जनवरी को बूढ़ा पहाड़ पर विकास योजनाओं का शुभारंभ किया था. इस दौरान मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों को हरे रंग का साफा(गमछा) पहनाने और उन अधिकारियों द्वारा उसे सहर्ष स्वीकार कर लेने पर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति जताई है. हरे रंग के गमछे को झामुमो का साफा बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ का कार्यक्रम एक सरकारी कार्यक्रम था. कोई झामुमो का कार्यक्रम नहीं था, लेकिन जिस तरह से राज्य के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के गले में झामुमो के हरे रंग का पट्टा डाला गया वह ठीक नहीं है.

ये भी पढ़ें: बूढ़ा पहाड़ पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन, डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का किया उद्घाटन

झामुमो ने कहा झारखंड की संस्कृति की पहचान है हरा रंग: बूढ़ा पहाड़ पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को हरा रंग का साफा पहनाए जाने पर भाजपा के विरोध को झामुमो ने बेवजह का बताया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि 22 वर्ष के झारखंड के इतिहास में झारखंड की मिट्टी का बेटा हेमंत सोरेन ने बूढ़ा पहाड़ पर जाकर विकास योजनाओं की जिस तरह से शुभारंभ किया है. उसका फायदा वहां के लोगों को मिलेगा, यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी बेवजह के मुद्दे को हवा देकर विवाद पैदा करना चाह रही है.
मनोज पांडे ने कहा कि नक्सल मुक्त बूढ़ा पहाड़ में अब विकास की नई राह दिखाई देने लगी है और भटके हुए युवाओं को भी उम्मीद की एक रोशनी नजर आ रही है. तब भारतीय जनता पार्टी को कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को हरा गमछा और साफा देकर सम्मानित करने के पीछे भी पॉलिटिक्स दिख रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि हरा पट्टा झारखंड की संस्कृति का परिचायक है और राज्य के अधिकारी भी झारखंड के ही हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि दरअसल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से भारतीय जनता पार्टी के नेता बेचैन और व्याकुल है और इसी व्याकुलता में इस तरह के अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.

राजेश ठाकुर ने कहा रंगों को देखने के लिए अपना चश्मा बदलें भाजपा: वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बूढ़ा पहाड़ पर गुरुवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को हरा रंग का गमछा पहनाने और अधिकारियों द्वारा उसे मंच पर स्वीकार करने पर, भारतीय जनता पार्टी की आपत्ति को बेवजह का बताया. उन्होंने कहा कि लगता है झारखंड भाजपा के नेताओं ने उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों के समाचार नहीं देखे हैं जहां भाजपा अपने शासन में अधिकारियों का पूरा राजनीतिकरण करती है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को हरा रंग का गमछा और साफा पहनाना कोई आपत्तिजनक बात नहीं है क्योंकि हरा रंग तो प्रकृति का रंग है. उन्होंने कहा कि कलर देखने में लगी भारतीय जनता पार्टी को अपना चश्मा बदल लेना चाहिए. अगर वह चश्मा बदल लेंगे तो हरा रंग किसानों का रंग दिखेगा और अगर गंदे चश्मे से हरा रंग को देखेंगे तो उन्हें वह झारखंड मुक्ति मोर्चा का झंडा और गमछा ही दिखेगा.

क्या है पूरा मामला: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 27 जनवरी को नक्सल प्रभावित बूढ़ा पहाड़ का दौरा किया था. उस कार्यक्रम के दौरान की जो तस्वीरें जारी हुई है उसमें मुख्य सचिव एवम अन्य अधिकारियों को स्वागत के दौरान मंच पर हरे रंग का साफा (गमछा) पहनाया गया है. भारतीय जनता पार्टी इसी पर आपत्ति कर रही है कि जो साफा या गमछा मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य नेताओं ने गले में पहने हैं या पगड़ी बांधी है वहीं अधिकारियों के गले मे भी है, यह ठीक नहीं है. किसी भी सरकारी कार्यक्रम में किसी दल विशेष का गमछा या साफा को गले में लटकाने या पहनने से अधिकरियों को परहेज करना चाहिए.
हेमंत सोरेन पहले सीएम जिन्होंने बूढ़ा पहाड़ पर जाकर विकास कार्यों का शुभारंभ किया: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड के पहले मुख्यमंत्री है जिन्होंने नक्सल प्रभावित बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र का दौरा किया है और दुर्गम पहाड़ पर सभा की. उन्होंने इस पूरे क्षेत्र की विकास के लिए कई योजनाओं की आधारशिला रखी है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस जहां मुख्यमंत्री के बूढ़ा पहाड़ दौरे की प्रशंसा करते नहीं थक रहे. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों द्वारा हरे रंग का साफा पहनने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राजकीय अधिकारियों को राजनीतिकरण का शिकार नहीं होना चाहिए.

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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 27 जनवरी को बूढ़ा पहाड़ पर विकास योजनाओं का शुभारंभ किया था. इस दौरान मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों को हरे रंग का साफा(गमछा) पहनाने और उन अधिकारियों द्वारा उसे सहर्ष स्वीकार कर लेने पर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति जताई है. हरे रंग के गमछे को झामुमो का साफा बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ का कार्यक्रम एक सरकारी कार्यक्रम था. कोई झामुमो का कार्यक्रम नहीं था, लेकिन जिस तरह से राज्य के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के गले में झामुमो के हरे रंग का पट्टा डाला गया वह ठीक नहीं है.

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झामुमो ने कहा झारखंड की संस्कृति की पहचान है हरा रंग: बूढ़ा पहाड़ पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को हरा रंग का साफा पहनाए जाने पर भाजपा के विरोध को झामुमो ने बेवजह का बताया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि 22 वर्ष के झारखंड के इतिहास में झारखंड की मिट्टी का बेटा हेमंत सोरेन ने बूढ़ा पहाड़ पर जाकर विकास योजनाओं की जिस तरह से शुभारंभ किया है. उसका फायदा वहां के लोगों को मिलेगा, यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी बेवजह के मुद्दे को हवा देकर विवाद पैदा करना चाह रही है.
मनोज पांडे ने कहा कि नक्सल मुक्त बूढ़ा पहाड़ में अब विकास की नई राह दिखाई देने लगी है और भटके हुए युवाओं को भी उम्मीद की एक रोशनी नजर आ रही है. तब भारतीय जनता पार्टी को कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को हरा गमछा और साफा देकर सम्मानित करने के पीछे भी पॉलिटिक्स दिख रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि हरा पट्टा झारखंड की संस्कृति का परिचायक है और राज्य के अधिकारी भी झारखंड के ही हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि दरअसल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से भारतीय जनता पार्टी के नेता बेचैन और व्याकुल है और इसी व्याकुलता में इस तरह के अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.

राजेश ठाकुर ने कहा रंगों को देखने के लिए अपना चश्मा बदलें भाजपा: वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बूढ़ा पहाड़ पर गुरुवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को हरा रंग का गमछा पहनाने और अधिकारियों द्वारा उसे मंच पर स्वीकार करने पर, भारतीय जनता पार्टी की आपत्ति को बेवजह का बताया. उन्होंने कहा कि लगता है झारखंड भाजपा के नेताओं ने उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों के समाचार नहीं देखे हैं जहां भाजपा अपने शासन में अधिकारियों का पूरा राजनीतिकरण करती है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को हरा रंग का गमछा और साफा पहनाना कोई आपत्तिजनक बात नहीं है क्योंकि हरा रंग तो प्रकृति का रंग है. उन्होंने कहा कि कलर देखने में लगी भारतीय जनता पार्टी को अपना चश्मा बदल लेना चाहिए. अगर वह चश्मा बदल लेंगे तो हरा रंग किसानों का रंग दिखेगा और अगर गंदे चश्मे से हरा रंग को देखेंगे तो उन्हें वह झारखंड मुक्ति मोर्चा का झंडा और गमछा ही दिखेगा.

क्या है पूरा मामला: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 27 जनवरी को नक्सल प्रभावित बूढ़ा पहाड़ का दौरा किया था. उस कार्यक्रम के दौरान की जो तस्वीरें जारी हुई है उसमें मुख्य सचिव एवम अन्य अधिकारियों को स्वागत के दौरान मंच पर हरे रंग का साफा (गमछा) पहनाया गया है. भारतीय जनता पार्टी इसी पर आपत्ति कर रही है कि जो साफा या गमछा मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य नेताओं ने गले में पहने हैं या पगड़ी बांधी है वहीं अधिकारियों के गले मे भी है, यह ठीक नहीं है. किसी भी सरकारी कार्यक्रम में किसी दल विशेष का गमछा या साफा को गले में लटकाने या पहनने से अधिकरियों को परहेज करना चाहिए.
हेमंत सोरेन पहले सीएम जिन्होंने बूढ़ा पहाड़ पर जाकर विकास कार्यों का शुभारंभ किया: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड के पहले मुख्यमंत्री है जिन्होंने नक्सल प्रभावित बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र का दौरा किया है और दुर्गम पहाड़ पर सभा की. उन्होंने इस पूरे क्षेत्र की विकास के लिए कई योजनाओं की आधारशिला रखी है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस जहां मुख्यमंत्री के बूढ़ा पहाड़ दौरे की प्रशंसा करते नहीं थक रहे. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों द्वारा हरे रंग का साफा पहनने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राजकीय अधिकारियों को राजनीतिकरण का शिकार नहीं होना चाहिए.

Last Updated : Jan 29, 2023, 8:41 AM IST
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