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नाई समाज के लिए आर्थिक पैकेज के साथ मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे सरकार: समीर उरांव - नाई समाज को आर्थिक पैकेज देने की मांग

बीजेपी सांसद समीर उरांव ने झारखंड सरकार से मांग की है कि नाई समाज को आर्थिक पैकेज दिया जाए. उन्होंने कहा कोरोना काल में जिन्होंने आत्महत्या की है उनके परिजनों को मुआवजा भी मिलना चाहिए.

BJP MP Samir Oraon
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Published : Aug 25, 2020, 9:23 PM IST

रांची: झारखंड बीजेपी के महामंत्री और सांसद समीर उरांव ने मंगलवार को प्रदेश के नाई समाज के बीच बढ़ते हताशा, निराशा और आर्थिक तंगी से हो रही आत्महत्याओं पर गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने जमशेदपुर में सोमवार और मंगलवार को इस समाज के दो व्यक्तियों द्वारा आर्थिक तंगी से की गई आत्महत्या पर शोक व्यक्त किया है और उनके परिजनों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है.

उन्होंने कहा है कि नाई समाज पारंपरिक पेशा और रोजगार से जुड़ा हुआ है। इस समाज में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या के बीच अपने हुनर के बल पर ये अपने पैरों पर खड़ा रहता है. सेवा के बल पर अपनी आर्थिक उन्नति करता है, साथ ही समाज के हुनरमंद लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराता है, लेकिन पिछले छह महीने से कोरोना काल में लॉकडाउन में सैलून, पार्लर बंद होने से यह समाज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इन्हें ना सिर्फ परिवार के भरण-पोषण की चिंता है, बल्कि दुकानों के किराए, ईएमआई चुकाने की चिंता भी परेशान कर रही है. जिसके कारण मानसिक तनाव की वजह से आत्महत्या भी होने लगे हैं, जो राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

ये भी पढ़ें- कोरोना से संक्रमित मंत्री बादल पत्रलेख और बन्ना गुप्ता के स्वास्थ्य में सुधार, फिर से टेस्ट की तैयारी

उन्होंने राज्य सरकार से नाई समाज की समस्याओं को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार इस समाज के लिए आर्थिक पैकेज पर विचार करें. जिससे इनकी समस्या का निदान हो सके, साथ आत्महत्या करने वालों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा दे.

रांची: झारखंड बीजेपी के महामंत्री और सांसद समीर उरांव ने मंगलवार को प्रदेश के नाई समाज के बीच बढ़ते हताशा, निराशा और आर्थिक तंगी से हो रही आत्महत्याओं पर गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने जमशेदपुर में सोमवार और मंगलवार को इस समाज के दो व्यक्तियों द्वारा आर्थिक तंगी से की गई आत्महत्या पर शोक व्यक्त किया है और उनके परिजनों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है.

उन्होंने कहा है कि नाई समाज पारंपरिक पेशा और रोजगार से जुड़ा हुआ है। इस समाज में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या के बीच अपने हुनर के बल पर ये अपने पैरों पर खड़ा रहता है. सेवा के बल पर अपनी आर्थिक उन्नति करता है, साथ ही समाज के हुनरमंद लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराता है, लेकिन पिछले छह महीने से कोरोना काल में लॉकडाउन में सैलून, पार्लर बंद होने से यह समाज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इन्हें ना सिर्फ परिवार के भरण-पोषण की चिंता है, बल्कि दुकानों के किराए, ईएमआई चुकाने की चिंता भी परेशान कर रही है. जिसके कारण मानसिक तनाव की वजह से आत्महत्या भी होने लगे हैं, जो राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

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उन्होंने राज्य सरकार से नाई समाज की समस्याओं को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार इस समाज के लिए आर्थिक पैकेज पर विचार करें. जिससे इनकी समस्या का निदान हो सके, साथ आत्महत्या करने वालों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा दे.

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