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बजट सत्र के उद्घटान पर BJP ने ली चुटकी, कहा- इस सरकार में देखने को मिलेगी नई परंपरा - भाजपा ने किया झारखंड सरकार पर प्रहार

झारखंड विधानसभा बिल्डिंग में पंचम विधानसभा बजट सत्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. इस बजट सत्र को लेकर बिल्डिंग में एक शिलालेख लगाया गया है. इस उद्घाटन समारोह में भाजपा का कोई भी विधायक मौजूद नहीं था. इस वाक्ये पर चुटकी लेते हुए भाजपा के विधायकों ने कहा कि हेमंत सरकार में कई नई परंपरा देखने को मिलेगी.

बजट सत्र के उद्घटान पर BJP ने ली चुटकी, कहाः इस सरकार में देखने को मिलेगी नई-नई परंपरा
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Published : Feb 28, 2020, 1:47 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में उद्घाटन का अजीबोगरीब वाक्या देखने को मिल रहा है. जिस विधानसभा भवन की इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर 2019 को किया. उसी विधानसभा बिल्डिंग में पंचम विधानसभा बजट सत्र का एक शिलालेख लगाया गया है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को किया.

देखें पूरी खबर

और पढे़ं- नेता प्रतिपक्ष पर संशय बरकरार, CM ने कहाः जब BJP खुद को नहीं मान रही विपक्ष इसका मतलब सतापक्ष का है हिस्सा

इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि जिस वक्त प्रधानमंत्री ने इस भवन का उद्घाटन किया था, उस समय सोरेन नेता प्रतिपक्ष थे. तब उन्हें कथित तौर पर ना तो उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया था और ना शिलालेख में उनके नाम का जिक्र किया गया. हालांकि, शुक्रवार को बजट सत्र के उद्घाटन को लेकर लगाए गए शिलालेख में सोरेन का नाम बतौर मुख्यमंत्री, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो का नाम और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम का नाम अंकित किया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस शिलालेख में नेता प्रतिपक्ष का कोई नाम नहीं है इसकी दूसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी तक झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का नाम की घोषणा नहीं की गई है.

बीजेपी ने ली चुटकी

इस बाबत बीजेपी के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यह अपने आप में शोध का विषय है कि बजट सत्र का उद्घाटन किसी विधानसभा में किया गया हो. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हालांकि उनका संसदीय अनुभव अपेक्षाकृत कम है लेकिन यह संसदीय इतिहास में अनूठी घटना के रूप में अंकित होगा. वहीं, बीजेपी के धनबाद से विधायक राज सिन्हा ने कहा कि इस बाबत सरकार को चीजें स्पष्ट करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह भी पहली बार सुन रहे हैं कि किसी बजट सत्र का उद्घाटन हो रहा है और बकायदा शिलालेख पर नाम अंकित किया जा रहा है.

मौजूदा सीएम ने रखी थी आधारशिला

जनवरी 2014 में मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन ने इस विधानसभा भवन की आधारशिला रखी थी. उस समय नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मुंडा थे.

झारखंड विधानसभा की क्या है विशेषता

दरअसल, झारखंड विधानसभा की नई बिल्डिंग पूरी तरह से पेपरलेस होने का दावा किया गया है. साथ ही जल और ऊर्जा संरक्षण व्यवस्था भी हैं की गई है. भवन में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है और जल संचयन के लिए रिचार्ज पिट भी लगाया गया है. चार तल्ले की विधानसभा बिल्डिंग में 150 सीटों की सिटिंग कैपेसिटी है. इसके अलावा 400 सीटों का कॉन्फ्रेंस हॉल के अलावा सात अलग-अलग गोलाकार लाइन में विधायकों के बैठने का अरेंजमेंट किया गया है.

करोड़ों हुए हैं खर्च

इसके निर्माण में 465 करोड रुपए खर्च हुए हैं. यह 57270 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. कैंपस में लगभग 400 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में 150 से अधिक विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है.

रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में उद्घाटन का अजीबोगरीब वाक्या देखने को मिल रहा है. जिस विधानसभा भवन की इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर 2019 को किया. उसी विधानसभा बिल्डिंग में पंचम विधानसभा बजट सत्र का एक शिलालेख लगाया गया है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को किया.

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इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि जिस वक्त प्रधानमंत्री ने इस भवन का उद्घाटन किया था, उस समय सोरेन नेता प्रतिपक्ष थे. तब उन्हें कथित तौर पर ना तो उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया था और ना शिलालेख में उनके नाम का जिक्र किया गया. हालांकि, शुक्रवार को बजट सत्र के उद्घाटन को लेकर लगाए गए शिलालेख में सोरेन का नाम बतौर मुख्यमंत्री, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो का नाम और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम का नाम अंकित किया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस शिलालेख में नेता प्रतिपक्ष का कोई नाम नहीं है इसकी दूसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी तक झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का नाम की घोषणा नहीं की गई है.

बीजेपी ने ली चुटकी

इस बाबत बीजेपी के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यह अपने आप में शोध का विषय है कि बजट सत्र का उद्घाटन किसी विधानसभा में किया गया हो. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हालांकि उनका संसदीय अनुभव अपेक्षाकृत कम है लेकिन यह संसदीय इतिहास में अनूठी घटना के रूप में अंकित होगा. वहीं, बीजेपी के धनबाद से विधायक राज सिन्हा ने कहा कि इस बाबत सरकार को चीजें स्पष्ट करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह भी पहली बार सुन रहे हैं कि किसी बजट सत्र का उद्घाटन हो रहा है और बकायदा शिलालेख पर नाम अंकित किया जा रहा है.

मौजूदा सीएम ने रखी थी आधारशिला

जनवरी 2014 में मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन ने इस विधानसभा भवन की आधारशिला रखी थी. उस समय नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मुंडा थे.

झारखंड विधानसभा की क्या है विशेषता

दरअसल, झारखंड विधानसभा की नई बिल्डिंग पूरी तरह से पेपरलेस होने का दावा किया गया है. साथ ही जल और ऊर्जा संरक्षण व्यवस्था भी हैं की गई है. भवन में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है और जल संचयन के लिए रिचार्ज पिट भी लगाया गया है. चार तल्ले की विधानसभा बिल्डिंग में 150 सीटों की सिटिंग कैपेसिटी है. इसके अलावा 400 सीटों का कॉन्फ्रेंस हॉल के अलावा सात अलग-अलग गोलाकार लाइन में विधायकों के बैठने का अरेंजमेंट किया गया है.

करोड़ों हुए हैं खर्च

इसके निर्माण में 465 करोड रुपए खर्च हुए हैं. यह 57270 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. कैंपस में लगभग 400 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में 150 से अधिक विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है.

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