रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र (monsoon session 2021) के दूसरे दिन राजधानी में सियासी हलचल बढ़ी हुई है. सोमवार को देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम समेत प्रदेश के सभी मंदिरों को खुलवाने और उसमें सामान्य ढंग से पूजा-अर्चना की मंजूरी देने की मांग को लेकर भाजपा विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए. विधायक रणधीर सिंह की अगुवाई में भाजपा विधायकों ने मांग की कि जल्द से जल्द सभी मंदिरों को सरकार खोले और कोरोना गाइडलाइन का पालन कराते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन करने दे. इस दौरान विधायक ने सरकार पर ' हिंदू विरोधी' होने का आरोप लगाया.
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मंदिर बंद करने को भी तुष्टिकरण से जोड़ा
विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि कोलकाता का तारा मंदिर हो या उत्तर प्रदेश का काशी विश्वनाथ और अयोध्या का श्रीराम मंदिर सभी खुले हुए हैं. विधायक ने कहा कि हनुमानगढ़ी से लेकर विंध्याचल मंदिर तक खुले हुए हैं और सिर्फ झारखंड की राज्य सरकार तुष्टिकरण के लिए राज्य में मंदिरों को बंद रखे हुए है.
विधायक ने सरकार पर लोगों का रोजगार छीनने का भी आरोप लगाया. उन्होंने मांग की कि राज्य के जितने भी मंदिर हैं, चाहे रजरप्पा का छिन्नमस्तिका मंदिर, देवड़ी मंदिर, पहाड़ी मंदिर, बाबा बैद्यनाथ मंदिर सभी मंदिरों को जल्द से जल्द खोला जाए. विधायक ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो विरोध जारी रखेगा.
कोरोना संक्रमण के चलते बंद हैं मंदिर
आपको बता दें कि कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर धार्मिक स्थलों को बंद करने का आदेश दिया गया था, हालांकि देश के विभिन्न राज्यों में अब धार्मिक स्थल धीरे-धीरे खोले जा रहे हैं. लेकिन झारखंड राज्य में तमाम मंदिर बंद हैं. इसी को लेकर विपक्ष सरकार से जल्द मंदिरों को खोलने का आदेश जारी करने की मांग कर रहा है. विधायकों का कहना है कि इससे मंदिर से जुड़े लोगों की आजीविका भी प्रभावित हो रही है.
बाढ़ पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग
झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन के बाहर विपक्ष ने अपने कई मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनंत ओझा ने साहिबगंज जिले में बाढ़ पीड़ित लोगों को न्याय मिले इसको लेकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही अधिकारियों पर इस विपदा के समय में आपदा मे अवसर तलाशने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.