रांची: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डॉक्टर और विशेषज्ञ लगातार अलर्ट कर रहे हैं. लेकिन, ये बात भाजपा के विधायकों को शायद नहीं समझ आ रही है. दूसरी लहर के दौरान मची तबाही से भाजपा विधायकों ने कोई सबक नहीं ली. अगर ऐसा होता तो कम से कम सरकार का विरोध करने के चक्कर में वे कोरोना गाइडलाइन तो नहीं भूलते.
यह भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों ने किया कीर्तन, सरकार पर लगाया तुष्टिकरण का आरोप
कोरोना गाइडलाइन की जमकर उड़ाई धज्जियां
दरअसल, विधानसभा भवन में नमाज के लिए अलग से कमरा अलॉट करने को लेकर झारखंड में सियासी पारा चढ़ा है. भाजपा इसको लेकर लगातार विरोध कर रही है. सोमवार को भाजपा विधायक ढोलक और झाल लेकर विधानसभा पहुंचे और सदन के बाहर कीर्तन किया. इस दौरान ज्यादातर विधायक बिना मास्क के दिखे और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई. कुछ विधायकों ने मास्क तो पहना था लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए. ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि जब माननीय ही इस तरह की हरकत करेंगे तो आम जनता के बीच क्या संदेश जाएगा.
विधायक रणधीर सिंह, सीपी सिंह, भानू प्रताप शाही, बिरंची नारायण, अमर कुमार बाउरी और अनंत ओझा समेत कई विधायक बिना मास्क के दिखे. बाबूलाल मरांडी ने तो मास्क पहना था लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए.
अब तक किसी के खिलाफ नहीं लिया गया एक्शन
इससे पहले रविवार को भी भाजपा ने सरकार के फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री और स्पीकर का पुतला फूंका. प्रदर्शन के दौरान कई जगह भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई. कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले अब तक किसी नेता या कार्यकर्ता के खिलाफ प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया है.
क्या है पूरा मामला?
3 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उपसचिव नवीन कुमार के हस्ताक्षर से विधानसभा ने एक चिट्ठी जारी किया था. इसमें नमाज अता करने के लिए विधानसभा में एक कमरा आवंटित किया गया है. इसी को लेकर झारखंड में सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. भाजपा का कहना है कि विधानसभा में बजरंग बली का मंदिर बनवाया जाए. इसके साथ ही बीजेपी का कहना है सरकार तुष्टिकरण की नीति छोड़कर सभी धर्म के लिए अलग से कमरा आवंटित करें.