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पोक्सो और साइबर मामलों पर गृह विभाग ने सदन को किया गुमराह, मनीष जयसवाल ने सरकार को घेरा

बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने अधिकारियों पर गलत जवाब देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है.

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सदन के अंदर मंत्री आलमगीर आलम और विधायक मनीष जायसवाल
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Published : Mar 20, 2023, 7:59 PM IST

रांची: सदन में जवाब देने के मामले में विभागीय लापरवाही के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत विशेष न्यायालयों में विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की बात सफेद झूठ है.

ये भी पढ़ें- VIDEO: 'राज्य के एकमात्र स्वघोषित ईमानदार हरिश्चंद्र हैं, लोगों को डराकर करना चाहते हैं राजनीति'

उन्होंने कहा कि गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक धनबाद, जमशेदपुर, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, रांची और देवघर में पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हो चुकी है. लेकिन विधि विभाग के मुताबिक सिर्फ एसटी, एससी से जुड़े मामलों को देखने के लिए विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हुई है. इससे साफ है कि अधिकारी गलत जवाब दे रहे हैं.


इस सवाल में उलझे प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि वह मामले को जरूर दिखवाएंगे. स्पीकर ने भी कहा कि आसन ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि प्रश्न का हू-बहू उत्तर देना है फिर भी विसंगति है तो मैं भी देखूंगा. दरअसल, मनीष जयसवाल ने सवाल पूछा था कि पिछले 3 वर्षों में पोक्सो, साइबर और एनडीपीएस एक्ट के तहत उससे जुड़े मामलों पर बहस करने के लिए कितने विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हुई है.

जवाब में विभाग की ओर से बताया गया कि पोक्सो में 3388, साइबर में 2972 और एनडीपीएस एक्ट में 1644 यानी कुल 8004 कांड दर्ज हुए हैं. साथ ही यह भी कह दिया गया कि आठ जिलों में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त हो चुके हैं. विधायक ने कहा कि विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है. तमाम केसेज पेंडिंग हैं.

रांची: सदन में जवाब देने के मामले में विभागीय लापरवाही के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत विशेष न्यायालयों में विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की बात सफेद झूठ है.

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उन्होंने कहा कि गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक धनबाद, जमशेदपुर, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, रांची और देवघर में पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हो चुकी है. लेकिन विधि विभाग के मुताबिक सिर्फ एसटी, एससी से जुड़े मामलों को देखने के लिए विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हुई है. इससे साफ है कि अधिकारी गलत जवाब दे रहे हैं.


इस सवाल में उलझे प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि वह मामले को जरूर दिखवाएंगे. स्पीकर ने भी कहा कि आसन ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि प्रश्न का हू-बहू उत्तर देना है फिर भी विसंगति है तो मैं भी देखूंगा. दरअसल, मनीष जयसवाल ने सवाल पूछा था कि पिछले 3 वर्षों में पोक्सो, साइबर और एनडीपीएस एक्ट के तहत उससे जुड़े मामलों पर बहस करने के लिए कितने विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हुई है.

जवाब में विभाग की ओर से बताया गया कि पोक्सो में 3388, साइबर में 2972 और एनडीपीएस एक्ट में 1644 यानी कुल 8004 कांड दर्ज हुए हैं. साथ ही यह भी कह दिया गया कि आठ जिलों में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त हो चुके हैं. विधायक ने कहा कि विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है. तमाम केसेज पेंडिंग हैं.

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