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भाजपा विधायक बिरंची नारायण का हेमंत सरकार पर हमला, कहा- काम के बजाए सिर्फ हो रहीं घोषणाएं

रांची के बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में पार्टी के मुख्य सचेतक सह बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की 1 साल के नाकामियों को सामने रखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस विभाग में 1 साल में सिर्फ घोषणाओं के अलावा कुछ भी नहीं हुआ है.

bjp mla biranchi narayan targeted hemant government in ranchi
बिरंची नारायण ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
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Published : Jan 9, 2021, 7:13 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 7:44 PM IST

रांचीः हेमंत सरकार की कथित 1 साल की नाकामियों को विपक्षी बीजेपी लगातार हमलावर है. इसी के तहत शनिवार को पार्टी के मुख्य सचेतक सह बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 1 साल के नाकामियों को सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस विभाग में एक भी काम नहीं हुए हैं. जनता को पिछले 1 साल में पानी पिलाने की जगह सिर्फ आश्वासन का ही घूंट पिलाया जा रहा है. सरकार पूरी तरह से निकम्मी साबित हुई है.

बोकारो विधायक बिरंची नारायण

घोषणाओं के अलावा कुछ भी नहीं

बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि इस विभाग में 1 साल में सिर्फ घोषणाओं के अलावा कुछ भी नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने 2020 के बजट सत्र में विधानसभा में घोषणा की थी कि विधायक की अनुशंसा पर हर पंचायत में 5 चापाकल लगाए जाएंगे. ऐसे में कुल 4542 पंचायत में 22810 चापाकल लगाए जाने थे, लेकिन दुर्भाग्य है कि एक भी चापाकल 1 वर्ष में इस सरकार में नहीं लगाया जा सका.

उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि अब सरकार के पहले वर्षगांठ पर सरकार की नींद टूटी है और पेयजल विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शपथ लिया है कि वह अगले 3 महीने में चापाकल लगाने की घोषणा को पूरा करेंगे.

पुराने 4 लाख से ज्यादा चापाकल

बिरंची नारायण ने कहा कि यह सरकार विजनलेस है, इस सरकार को क्या, कैसे और कब काम करना है, यह भी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के हेमंत सरकार में निर्णय लिया गया था कि भूगर्भ जल के नीचे जाने की वजह से चापाकल नहीं लगाया जाएगा. बल्कि जो पुराने 4 लाख से ज्यादा चापाकल है, उसका समय-समय पर मरम्मत किया जाएगा और जल स्रोत की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी, लेकिन अब फिर से सरकार ने चापाकल लगाने की शपथ ली है.

इसे भी पढ़ें- सोहराय पर्व में दिखी आदिवासी संस्कृति की झलक, मांदर की थाप पर झूमे आम और खास


हेमंत सरकार में कोई गंभीरता नहीं
इसके साथ ही बिरंची नारायण ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि 2024 तक 'हर घर नल से जल' को पूरा करना है, लेकिन हेमंत सरकार में इस ओर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. अगर गंभीरता दिखाई जाती तो चापाकल लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि लगता है हेमंत सरकार ने संकल्प ले लिया है कि प्रधानमंत्री जो भी अच्छा कार्य करेंगे, उसको ईमानदारी से नहीं किया जाएगा. आलम यह है कि भारत सरकार की राशि को योजनाओं में खर्च तो किया जा रहा है, लेकिन इसका क्रेडिट प्रधानमंत्री को नहीं दिया जा रहा है. सरकारी होर्डिंग और बैनर में सिर्फ मुख्यमंत्री का फोटो चिपकाया जा रहा है.


लगभग 7275 करोड़ से अधिक की योजना
बिरंची नारायण ने कहा कि रघुवर सरकार की ओर से किए गए लगभग 7275 करोड़ से अधिक की योजना में एक भी योजना को पूरा नहीं किया गया है. सिर्फ 12 ग्रामीण जलापूर्ति योजना का डिजिटल शिलान्यास ही सरकार की ओर से किया जा सका है. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में जल नीति बनाई गई थी. अगर उस पर काम किया जाता तो जनता की प्यास आसानी से बुझाई जा सकती थी. वहीं भारत सरकार की ओर से जगजीवन मिशन के लिए 2020 में मिले 572 करोड़ रुपये की राशि का भी उपयोग करने में हेमंत सरकार विफल रही है. साथ ही डीएमएफटी के पैसे को भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए रोक दिया गया है.

फाइल की नोटिंग में छेड़छाड़
बोकारो विधायक ने कहा कि वर्तमान में हालत ऐसे है कि मंत्रियों की अधिकारी नहीं सुनते हैं. उन्होंने कहा कि फाइल की नोटिंग में छेड़छाड़ कर पसंदीदा एजेंसी को करोड़ों का काम देने का मामला भी प्रकाश में आया है, जिसमें पेयजल मंत्री मिथलेश कुमार ठाकुर ने अपने विभागीय सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल धनबाद से संबंधित बीडिंग डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ किया गया है.

उन्होंने कहा कि अधिकारियों और इंजीनियर का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि मंत्री के मामले में पत्र लिखे जाने के बाद भी अधिकारी ने स्पष्टीकरण नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने वैसे अधिकारियों और इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई किया या नहीं, इसकी जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा है कि कहीं न कहीं इस मुद्दे पर मिलीभगत तो नहीं हो रही है.

रांचीः हेमंत सरकार की कथित 1 साल की नाकामियों को विपक्षी बीजेपी लगातार हमलावर है. इसी के तहत शनिवार को पार्टी के मुख्य सचेतक सह बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 1 साल के नाकामियों को सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस विभाग में एक भी काम नहीं हुए हैं. जनता को पिछले 1 साल में पानी पिलाने की जगह सिर्फ आश्वासन का ही घूंट पिलाया जा रहा है. सरकार पूरी तरह से निकम्मी साबित हुई है.

बोकारो विधायक बिरंची नारायण

घोषणाओं के अलावा कुछ भी नहीं

बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि इस विभाग में 1 साल में सिर्फ घोषणाओं के अलावा कुछ भी नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने 2020 के बजट सत्र में विधानसभा में घोषणा की थी कि विधायक की अनुशंसा पर हर पंचायत में 5 चापाकल लगाए जाएंगे. ऐसे में कुल 4542 पंचायत में 22810 चापाकल लगाए जाने थे, लेकिन दुर्भाग्य है कि एक भी चापाकल 1 वर्ष में इस सरकार में नहीं लगाया जा सका.

उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि अब सरकार के पहले वर्षगांठ पर सरकार की नींद टूटी है और पेयजल विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शपथ लिया है कि वह अगले 3 महीने में चापाकल लगाने की घोषणा को पूरा करेंगे.

पुराने 4 लाख से ज्यादा चापाकल

बिरंची नारायण ने कहा कि यह सरकार विजनलेस है, इस सरकार को क्या, कैसे और कब काम करना है, यह भी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के हेमंत सरकार में निर्णय लिया गया था कि भूगर्भ जल के नीचे जाने की वजह से चापाकल नहीं लगाया जाएगा. बल्कि जो पुराने 4 लाख से ज्यादा चापाकल है, उसका समय-समय पर मरम्मत किया जाएगा और जल स्रोत की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी, लेकिन अब फिर से सरकार ने चापाकल लगाने की शपथ ली है.

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हेमंत सरकार में कोई गंभीरता नहीं
इसके साथ ही बिरंची नारायण ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि 2024 तक 'हर घर नल से जल' को पूरा करना है, लेकिन हेमंत सरकार में इस ओर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. अगर गंभीरता दिखाई जाती तो चापाकल लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि लगता है हेमंत सरकार ने संकल्प ले लिया है कि प्रधानमंत्री जो भी अच्छा कार्य करेंगे, उसको ईमानदारी से नहीं किया जाएगा. आलम यह है कि भारत सरकार की राशि को योजनाओं में खर्च तो किया जा रहा है, लेकिन इसका क्रेडिट प्रधानमंत्री को नहीं दिया जा रहा है. सरकारी होर्डिंग और बैनर में सिर्फ मुख्यमंत्री का फोटो चिपकाया जा रहा है.


लगभग 7275 करोड़ से अधिक की योजना
बिरंची नारायण ने कहा कि रघुवर सरकार की ओर से किए गए लगभग 7275 करोड़ से अधिक की योजना में एक भी योजना को पूरा नहीं किया गया है. सिर्फ 12 ग्रामीण जलापूर्ति योजना का डिजिटल शिलान्यास ही सरकार की ओर से किया जा सका है. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में जल नीति बनाई गई थी. अगर उस पर काम किया जाता तो जनता की प्यास आसानी से बुझाई जा सकती थी. वहीं भारत सरकार की ओर से जगजीवन मिशन के लिए 2020 में मिले 572 करोड़ रुपये की राशि का भी उपयोग करने में हेमंत सरकार विफल रही है. साथ ही डीएमएफटी के पैसे को भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए रोक दिया गया है.

फाइल की नोटिंग में छेड़छाड़
बोकारो विधायक ने कहा कि वर्तमान में हालत ऐसे है कि मंत्रियों की अधिकारी नहीं सुनते हैं. उन्होंने कहा कि फाइल की नोटिंग में छेड़छाड़ कर पसंदीदा एजेंसी को करोड़ों का काम देने का मामला भी प्रकाश में आया है, जिसमें पेयजल मंत्री मिथलेश कुमार ठाकुर ने अपने विभागीय सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल धनबाद से संबंधित बीडिंग डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ किया गया है.

उन्होंने कहा कि अधिकारियों और इंजीनियर का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि मंत्री के मामले में पत्र लिखे जाने के बाद भी अधिकारी ने स्पष्टीकरण नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने वैसे अधिकारियों और इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई किया या नहीं, इसकी जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा है कि कहीं न कहीं इस मुद्दे पर मिलीभगत तो नहीं हो रही है.

Last Updated : Jan 9, 2021, 7:44 PM IST
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