रांची: भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार के द्वारा झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र (Special session of Jharkhand Assembly) के दौरान शुक्रवार को लाये जा रहे 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण संबंधी विधेयक की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है. यदि मंशा ठीक होती तो आज से 06 महीने पहले सदन में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए बयान और उसके बाद लिए गए फैसले में अंतर नहीं होता.
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गुरुवार शाम को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक (BJP Legislature Party meeting) में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर सहमत हैं, मगर विधेयक में जिस तरह से त्रुटियां हैं उसे दूर किये बिना इसे सदन में लाना उचित नहीं है. भाजपा के सभी विधायक विशेष सत्र के दौरान उपस्थित रहेंगे और विधानसभाध्यक्ष से दो विधायक चर्चा में भाग लेंगे. इसकी अनुमति भी मांगेंगे. सदन के माहौल पर निर्भर करेगा और उस दौरान निर्णय लिए जायेंगे.
सदन में सरकार को घेरेंगे बीजेपी विधायक: विशेष सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी के विधायक सरकार को सदन में घेरेंगे. भ्रष्टाचार एवं कई मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की रणनीति बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने साफ कर दिया है कि जब-जब ईडी की दबिश बढ़ती है हेमंत सरकार आनन-फानन में उससे कुछ फैसला लेती है. सरकार नौवीं अनुसूची में दोनों विधेयक को लाकर जनता से धोखा देने का काम रही है.
बिरंची नारायण ने कहा की पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने जब 1985 के आधार पर स्थानीयता बनाई थी तो उस समय कहां विधानसभा में विधेयक लाया गया था. कैबिनेट से पास कराकर संकल्प जारी करने के बजाय सरकार इसे जान बूझकर लटकाने में जुटी है. भाजपा विधायक दल की इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, झारखंड विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंचि नारायण, विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, विधायक नवीन जयसवाल, विधायक अनंत ओझा, विधायक नीरा यादव सहित कई विधायक उपस्थित थे.