रांचीः राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर पॉलिटिकल क्वॉरेंटाइन में रह रहे बीजेपी विधायकों को जैसे ही जिला प्रशासन की कार्रवाई की भनक मिली, वे गमछा लपेटकर सरला बिरला विश्वविद्यालय से एक-एक कर निकल गए.
दरअसल, बुधवार को एनडीए की बैठक के बाद बीजेपी के सभी विधायकों को सरला बिरला विश्वविद्यालय में रखा गया था. पार्टी की स्ट्रेटजी के अनुसार सभी विधायक 2 दिन रहने के बाद सीधा राज्यसभा चुनाव में वोट डालने जाते. जैसे ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत कार्रवाई की बात कही, एकजुट बीजेपी विधायक धीरे-धीरे कर के टाटीसिल्वे स्थित शैक्षणिक संस्थान से निकलने लगे. पहले बाबूलाल मरांडी निकले, फिर अर्जुन मुंडा उसके बाद कुछ और विधायक. हैरत की बात यह रही कि इस विश्वविद्यालय कैंपस में ना केवल बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सबसे पहले निकले. उसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी कैंपस से निकलते नजर आए. जबकि मुंडा दिल्ली से लौटने के बाद कथित तौर पर होम क्वॉरेंटाइन पर में रह रहे हैं.
कुछ ऐसे बदली परिस्थितियां
दरअसल बुधवार तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा था. एनडीए विधायक दल की बैठक के बाद यह तय हुआ कि सभी विधायक सरला बिरला विश्वविद्यालय के कैंपस में रहेंगे. साथ ही 19 जून को सीधा राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग करने झारखंड विधानसभा जाएंगे. बुधवार की देर शाम महागठबंधन की हुई बैठक में यह बात उठी और मुख्यमंत्री ने इस बाबत कार्रवाई का इशारा किया. मुख्यमंत्री सोरेन ने स्पष्ट किया कि यह लॉकडाउन का उल्लंघन का मामला है और इस पर कार्रवाई की जाएगी.
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हरकत में आया जिला प्रशासन
इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार को स्कूल प्रबंधन को बाकायदा रांची के डिप्टी कमिश्नर राय महिमापत रे ने तलब किया. जैसे ही जिला प्रशासन हरकत में आई. कथित तौर पर पॉलिटिकल क्वॉरेंटाइन में रह रहे बीजेपी विधायकों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की कवायद शुरू हो गई. गुरुवार की शाम होते-होते यूनिवर्सिटी के कैंपस से सभी विधायक एक-एक कर निकल गए. सबसे पहले बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी बाहर आए, उसके बाद अन्य विधायक एक-एक कर निकले. हैरत की बात यह रही कि उनमें से कईयों ने मास्क के अलावा पूरा चेहरा ढक रखा था.
चुनाव के पहले होती है ऐसी बैठक
धनबाद से सांसद पीएन सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चुनावों के पहले इस तरह की एकजुटता होती है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर यह काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है और इसे अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए. हालांकि राजनीतिक हलकों में बीजेपी की इस पूरे राज्यसभा चुनाव की गतिविधि को लेकर काफी फजीहत हो रही है. सबसे पहले बीजेपी विधायकों को एकजुट रखना, वह भी तब जब बीजेपी के उम्मीदवार के पास जीत के पर्याप्त संख्या बल मौजूद हों. उसके बाद खुद ही विधायकों से यूनिवर्सिटी का कैंपस खाली कराना वह भी राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के 1 दिन पहले.