रांची: पिछले दिनों जमशेदपुर के कदमा के शास्त्रीनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर भाजपा के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से बुधवार को मुलाकात की. बीजेपी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी के नेतृत्व में राजभवन पहुंची 10 सदस्यीय भाजपा शिष्टमंडल ने राज्यपाल को जमशेदपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा की पूरी जानकारी देते हुए ज्ञापन सौंपा है. बीजेपी के शिष्टमंडल में प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा, पूर्व गृह सचिव सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जेबी तुबिद, पूर्व आईजी सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य लक्ष्मण प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू ,जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, जमशेदपुर महानगर उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा, महानगर महामंत्री अनिल मोदी, राकेश सिंह, कदमा मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह शामिल थे.
हिंसा मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांगः भाजपा के शिष्टमंडल ने नौ अप्रैल 2023 को जमशेदपुर के कदमा के शास्त्रीनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जानकारी राज्यपाल को देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही सभी निर्दोष भाजपा और विहिप कार्यकर्ताओं को रिहा कराने का आग्रह किया है. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि जमशेदपुर कदमा के शास्त्रीनगर में उपद्रवी तत्वों द्वारा जटाधारी शिव मंदिर पर पथराव कर सांप्रदायिक हिंसा फैलाई गई. उन्मादी और उपद्रवी तत्वों के पथराव से कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.नौ अप्रैल को ही कदमा में एक संस्था द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी से लौट कर सैकड़ों युवकों ने मंदिर पर हमला किया था. इससे जाहिर है कि कुछ उपद्रवी तत्वों का शहर में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की मंशा पहले से थी.
पूर्वी सिंहभूम प्रशासन की कार्यशैली पर उठाए सवालः शिष्टमंडल ने स्थानीय जिला प्रशासन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सांप्रदायिक तनाव की स्थिति में नौ अप्रैल को कदमा गणेश पूजा मैदान में इफ्तार पार्टी आयोजित करने की अनुमति जिला प्रशासन के द्वारा दिया जाना आश्चर्य का विषय है. इसके अलावा नौ अप्रैल के उपद्रव के बाद जिस तरह से निर्दोष भाजपा, विहिप और हिंदू कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई है इससे यह प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर पक्षपात करते हुए हिंदू नेताओं पर कार्रवाई की है. शिष्टमंडल ने जमशेदपुर के कदमा थाना अंतर्गत शास्त्रीनगर में नौ अप्रैल को हुए उपद्रव और सांप्रदायिक हिंसा की जांच सीबीआई अथवा झारखंड उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से कराने की मांग की है. जिससे सांप्रदायिक हिंसा का साजिश रचने वाले और हिंसा में सम्मिलित तत्वों की पहचान कर उन्हें सजा दिलायी जा सके.