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बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने का मामला पहुंचा राजभवन, बीजेपी ने राज्यपाल से की हस्तक्षेप की मांग

झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं है. बीजेपी की ओर से बाबूलाल मरांडी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता बनाया है. लेकिन स्पीकर की ओर से मान्यता नहीं दी जा रही है. इससे नाराज बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर हस्तक्षेप करने की मांग की है.

Babulal Marandi
बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने का मामला पहुंचा राजभवन
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Published : Feb 27, 2022, 9:40 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बीजेपी है. लेकिन 26 महीने बाद भी बीजेपी की ओर से विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नहीं है. इसकी वजह है कि बीजेपी की ओर से बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता बनाने की मांग की जा रही है. लेकिन स्पीकर मान्यता नहीं दे रहे हैं. रविवार को यह मामला राजभवन पहुंचा, जहां बीजेपी के विधायकों और सांसदों ने राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर हस्तक्षेप करने की मांग की.

यह भी पढ़ेंः भाजपा विधायक दल और सांसदों की बैठक, राज्यपाल से भी मिलेगा बीजेपी का शिष्टमंडल

राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि 26 महीने बाद भी स्पीकर बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं दे रहे हैं. यह संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है. दीपक प्रकाश ने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर विधानसभा होता है और बीजेपी के सभी विधायक सर्वसम्मति से बाबूलाल को अपना नेता चुन लिए हैं तो स्कीकर को क्या आपत्ति हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की जरूरत सिर्फ विधानसभा में नहीं, बल्कि कई आयोगों के गठन में भी होती है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि झामुमो, कांग्रेस और राजद के इशारे पर लोकतंत्र को कलंकित किया जा रहा है. बीजेपी विधायक नीरा यादव ने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा उठेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है इसका जवाब राज्य की जनता देंगी.

देखें पूरी खबर
झामुमो की ओर से पहले ही विधानसभा में बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने के मुद्दे पर अपना रुख साफ कर चुकी है. झामुमो के नेता कहते रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी भाजपा प्रत्याशी को ही हरा कर विधानसभा में आये हैं. इस स्थिति में बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में नेता प्रतिपक्ष बनना है तो पहले विधायिकी से इस्तीफा देकर बीजेपी के सिंबल पर चुनाव जीतकर सदन में आना चाहिए.

रांचीः झारखंड विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बीजेपी है. लेकिन 26 महीने बाद भी बीजेपी की ओर से विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नहीं है. इसकी वजह है कि बीजेपी की ओर से बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता बनाने की मांग की जा रही है. लेकिन स्पीकर मान्यता नहीं दे रहे हैं. रविवार को यह मामला राजभवन पहुंचा, जहां बीजेपी के विधायकों और सांसदों ने राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर हस्तक्षेप करने की मांग की.

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राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि 26 महीने बाद भी स्पीकर बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं दे रहे हैं. यह संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है. दीपक प्रकाश ने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर विधानसभा होता है और बीजेपी के सभी विधायक सर्वसम्मति से बाबूलाल को अपना नेता चुन लिए हैं तो स्कीकर को क्या आपत्ति हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की जरूरत सिर्फ विधानसभा में नहीं, बल्कि कई आयोगों के गठन में भी होती है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि झामुमो, कांग्रेस और राजद के इशारे पर लोकतंत्र को कलंकित किया जा रहा है. बीजेपी विधायक नीरा यादव ने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा उठेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है इसका जवाब राज्य की जनता देंगी.

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झामुमो की ओर से पहले ही विधानसभा में बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने के मुद्दे पर अपना रुख साफ कर चुकी है. झामुमो के नेता कहते रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी भाजपा प्रत्याशी को ही हरा कर विधानसभा में आये हैं. इस स्थिति में बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में नेता प्रतिपक्ष बनना है तो पहले विधायिकी से इस्तीफा देकर बीजेपी के सिंबल पर चुनाव जीतकर सदन में आना चाहिए.
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