रांची: लातेहार के बालूमाथ में हुए भाजपा नेता राजेंद्र प्रसाद साहू की हत्या पैसों के लेनदेन की वजह से हुई थी. जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि भाजपा नेता के द्वारा एक बड़ी रकम की लेनदेन कुछ ऐसे लोगों के साथ की गई थी जो एक प्रतिबंधित नक्सली संगठन के साथ जुड़े हुए थे. रकम काफी बड़ी थी इसलिए इसे लेकर लगातार राजेंद्र साहू के साथ विवाद चल रहा था.
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झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि भाजपा नेता के हत्याकांड में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि शूटर की तलाश की जा रही है. इसके लिए एटीएस और जिला पुलिस की टीम लगी हुई है. डीजीपी के अनुसार गिरफ्तार तीनों आरोपी हत्या की साजिश रचने में शामिल थे और शूटर को इन्हीं के द्वारा पनाह दिया गया था. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक उग्रवादी संगठन के 5 करोड़ के लेनदेन में उपजे विवाद की वजह से ही राजेंद्र साहू की हत्या की गई है. बताया जा रहा है कि मामला नोटबंदी के समय का जुड़ा हुआ है. हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है.
12 अगस्त को हुआ था हमला: भाजपा नेता सह कोयला कारोबारी राजेंद्र प्रसाद साहू पर लातेहार के बालूमाथ में 12 अगस्त की शाम अपराधियों के द्वारा फायरिंग की गई थी. इस फायरिंग में राजेंद्र प्रसाद बुरी तरह से जख्मी हो गए थे, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया था. दो दिनों के बाद घायल भाजपा नेता की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी.
भाजपा नेता पर हमले के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि जेल में बंद गैंगस्टर अमन साव के द्वारा इस वारदात को अंजाम दिलवाया दिया है, क्योंकि वह अमन गैंग के निशाने पर थे. लेकिन पुलिस की जांच में जो तथ्य उभरकर सामने आए हैं उसके अनुसार भाजपा नेता का एक उग्रवादी संगठन के कुछ लोगों के साथ पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था और उसी वजह से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया.