ETV Bharat / state

100 करोड़ के लिए हुई बीजेपी नेता प्रेम सागर की हत्या, अंडर ग्राउंड भाई के बाहर आने पर सच्चाई आएगी सामने

बीजेपी नेता प्रेम सागर मुंडा के हत्यारों को रांची पुलिस अबतक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. मामले में अबतक पुलिस को दो जगहों के सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रांची के सीनियर एसपी ने एसआईटी का गठन किया है.

BJP leader Prem Sagar murdered for 100 crores in ranchi
पैसे के लिए हुई थी बीजेपी नेता की हत्या
author img

By

Published : Mar 4, 2020, 2:13 AM IST

रांची: बीजेपी नेता सह सीसीएल कर्मी प्रेम सागर मुंडा के हत्यारों की तलाश में घटना के बाद से ही रांची पुलिस हत्यारों की तलाश में खाक छान रही है, लेकिन पुलिस को इस मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हुई है. अब हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए रांची के सीनियर एसपी ने एसआईटी का गठन किया है.

देखें पूरी खबर

सीसीटीवी ही बना सहारा

मामले में अबतक पुलिस को दो जगहों के सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं. एक सीसीटीवी फुटेज में अपराधी पीछे से दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरे फुटेज में चेहरा धुधला दिखाई दे रहा है. दूसरा फुटेज बोड़ेया रोड निकलने से पहले एदलहातू में देखा गया है. हालांकि कद काठी से रांची में उसकी पहचान कराई गई, लेकिन लोकल अपराधी होने का कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस को जानकारी मिली है कि बिहार से शूटर रांची पहुंचे हैं. हत्या के बाद वह शहर में ही छुप गए थे. पुलिस ने मोरहाबादी से एदलहातू रोड से निकलने वाली हर रूट की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. मामले में मृतक के बेटे अश्विनी सागर के बयान पर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ बरियातू थाने में एफआइआर दर्ज की गई है. इस मामले में पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है.

इसे भी पढे़ं:- टेरर फंडिंग मामला: भाजपा नेता और PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप के दो सहयोगी गिरफ्तार

एसआईटी का गठन

इस घटना की जांच के लिए प्रभारी सिटी एसपी सह ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है. एसआइटी में सिटी डीएसपी अमित कुमार सिंह, सदर डीएसपी दीपक कुमार पांडेय, कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल, बरियातू, गोंदा, लालपुर, कोतवाली थाना प्रभारी को शामिल किया गया है. अलग-अलग टीमें अलग-अलग एंगल पर काम कर रही है.

टीएसपीसी संगठन से विवाद पर पुलिस की टिकी है जांच

टीएसपीसी संगठन से 100 करोड़ के लेवी विवाद पर पुलिस की जांच टिकी है. चूंकि पुलिस को जानकारी है कि प्रेम सागर का भाई बबलू सागर मुंडा टीएसपीसी संगठन का 100 करोड़ से ज्यादा लेकर फरार है. पुलिस यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिर टीएसपीसी संगठन उन रुपयों को लेकर किस हद तक जा सकता है. टीएसपीसी कहां के शूटरों को हायर कर सकता है.

बता दें कि प्रेम सागर मुंडा पर कोयला कारोबारियों से टीएसपीसी संगठन के लिए लेवी वसूलने के आरोप में 17 सीएलए एक्ट और यूएपीए एक्ट के तहत केस दर्ज है. घटना से चार दिन पहले ही जेल से छूटकर वह बाहर आया था. प्रेम सागर मुंडा मूल रूप से पिपरवार के बिलारी गांव का रहने वाला था. मोरहाबादी स्थित किंग सफायर अपार्टमेंट में पूरे परिवार के साथ रहते थे. वे सीसीएल कर्मी, एसटी-एएसी इंप्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष व विस्थापित नेता और भाजपा में एसटी मोर्चा का उपाध्यक्ष भी थे.

बबलू को बिल से बाहर निकालने के लिए हुई हत्या !

दूसरी तरफ नक्सली सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि प्रेम सागर मुंडा की हत्या उसके भाई बबलू सागर मुंडा को बाहर निकालने के लिए करवाई गई है. दरअसल बबलू सागर मुंडा के पास नक्सलियों के 100 करोड़ रुपए जमा थे, जिन्हें लेकर वह अंडरग्राउंड हो चुका है. टीपीसी संगठन के एक पूर्व नक्सली ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बबलू सागर मुंडा के पास नक्सली संगठन टीपीसी के करोड़ों रुपए जमा है. पैसे मांगने पर वह अंडरग्राउंड हो गया, जिसकी वजह से लगातार उसके भाई प्रेमसागर मुंडा पर नक्सली यह दबाव डाल रहे थे, कि वह बबलू को बाहर निकालें और उनके पैसे दिलवाए. कोशिश करने के बावजूद जब बबलू बाहर नहीं आया तब प्रेम सागर की हत्या करवाकर नक्सलियों ने संदेश दिलवाया कि उसके परिवार के दूसरे सदस्यों की हत्या भी की जा सकती है, इसलिए वह पैसे वापस कर दे.

टेरर फंडिंग मामले में थे आरोपी

टेरर फंडिंग के मामले में पिपरवार थाना (कांड संख्या 36-19) में प्रेम सागर मुंडा समेत 77 आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एनआइए सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्ति को खंगालने में जुटी है. बताया गया है कि प्रेम सागर मुंडा ने रांची स्थित मोरहाबादी, कांके सहित कई इलाके में संपत्ति खरीदी थी. पुलिस के अनुसार प्रेम सागर मुंडा टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) से जुड़े थे. टंडवा थाना में (कांड संख्या 222-18) भी दर्ज है.

बाइक से पहुंचे अपराधियों ने मारी थी गोली

सोमवार की शाम लगभग सात बजे के करीब प्रेम सागर मुंडा अपने फॉच्र्यूनर एसयूवी (जेएच-01बीटी-0009) से मोरहाबादी स्थित पार्क प्राइम होटल के पास रुका हुआ था, उसने एक चाय की दुकान पर चाय मांगी थी. इसबीच वहां पहुंचे अपराधियों ने उससे बातचीत की. इस दौरान अचानक उसपर गोलियां चलाने लगे. गोलियों की आवाज सुनकर वहां भगदड़ मच गई. गोली मारे जाने के बाद अपराधी मान्या पैलेस के बगल से एदलहातू के रास्ते भाग निकले.

रांची: बीजेपी नेता सह सीसीएल कर्मी प्रेम सागर मुंडा के हत्यारों की तलाश में घटना के बाद से ही रांची पुलिस हत्यारों की तलाश में खाक छान रही है, लेकिन पुलिस को इस मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हुई है. अब हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए रांची के सीनियर एसपी ने एसआईटी का गठन किया है.

देखें पूरी खबर

सीसीटीवी ही बना सहारा

मामले में अबतक पुलिस को दो जगहों के सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं. एक सीसीटीवी फुटेज में अपराधी पीछे से दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरे फुटेज में चेहरा धुधला दिखाई दे रहा है. दूसरा फुटेज बोड़ेया रोड निकलने से पहले एदलहातू में देखा गया है. हालांकि कद काठी से रांची में उसकी पहचान कराई गई, लेकिन लोकल अपराधी होने का कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस को जानकारी मिली है कि बिहार से शूटर रांची पहुंचे हैं. हत्या के बाद वह शहर में ही छुप गए थे. पुलिस ने मोरहाबादी से एदलहातू रोड से निकलने वाली हर रूट की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. मामले में मृतक के बेटे अश्विनी सागर के बयान पर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ बरियातू थाने में एफआइआर दर्ज की गई है. इस मामले में पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है.

इसे भी पढे़ं:- टेरर फंडिंग मामला: भाजपा नेता और PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप के दो सहयोगी गिरफ्तार

एसआईटी का गठन

इस घटना की जांच के लिए प्रभारी सिटी एसपी सह ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है. एसआइटी में सिटी डीएसपी अमित कुमार सिंह, सदर डीएसपी दीपक कुमार पांडेय, कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल, बरियातू, गोंदा, लालपुर, कोतवाली थाना प्रभारी को शामिल किया गया है. अलग-अलग टीमें अलग-अलग एंगल पर काम कर रही है.

टीएसपीसी संगठन से विवाद पर पुलिस की टिकी है जांच

टीएसपीसी संगठन से 100 करोड़ के लेवी विवाद पर पुलिस की जांच टिकी है. चूंकि पुलिस को जानकारी है कि प्रेम सागर का भाई बबलू सागर मुंडा टीएसपीसी संगठन का 100 करोड़ से ज्यादा लेकर फरार है. पुलिस यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिर टीएसपीसी संगठन उन रुपयों को लेकर किस हद तक जा सकता है. टीएसपीसी कहां के शूटरों को हायर कर सकता है.

बता दें कि प्रेम सागर मुंडा पर कोयला कारोबारियों से टीएसपीसी संगठन के लिए लेवी वसूलने के आरोप में 17 सीएलए एक्ट और यूएपीए एक्ट के तहत केस दर्ज है. घटना से चार दिन पहले ही जेल से छूटकर वह बाहर आया था. प्रेम सागर मुंडा मूल रूप से पिपरवार के बिलारी गांव का रहने वाला था. मोरहाबादी स्थित किंग सफायर अपार्टमेंट में पूरे परिवार के साथ रहते थे. वे सीसीएल कर्मी, एसटी-एएसी इंप्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष व विस्थापित नेता और भाजपा में एसटी मोर्चा का उपाध्यक्ष भी थे.

बबलू को बिल से बाहर निकालने के लिए हुई हत्या !

दूसरी तरफ नक्सली सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि प्रेम सागर मुंडा की हत्या उसके भाई बबलू सागर मुंडा को बाहर निकालने के लिए करवाई गई है. दरअसल बबलू सागर मुंडा के पास नक्सलियों के 100 करोड़ रुपए जमा थे, जिन्हें लेकर वह अंडरग्राउंड हो चुका है. टीपीसी संगठन के एक पूर्व नक्सली ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बबलू सागर मुंडा के पास नक्सली संगठन टीपीसी के करोड़ों रुपए जमा है. पैसे मांगने पर वह अंडरग्राउंड हो गया, जिसकी वजह से लगातार उसके भाई प्रेमसागर मुंडा पर नक्सली यह दबाव डाल रहे थे, कि वह बबलू को बाहर निकालें और उनके पैसे दिलवाए. कोशिश करने के बावजूद जब बबलू बाहर नहीं आया तब प्रेम सागर की हत्या करवाकर नक्सलियों ने संदेश दिलवाया कि उसके परिवार के दूसरे सदस्यों की हत्या भी की जा सकती है, इसलिए वह पैसे वापस कर दे.

टेरर फंडिंग मामले में थे आरोपी

टेरर फंडिंग के मामले में पिपरवार थाना (कांड संख्या 36-19) में प्रेम सागर मुंडा समेत 77 आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एनआइए सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्ति को खंगालने में जुटी है. बताया गया है कि प्रेम सागर मुंडा ने रांची स्थित मोरहाबादी, कांके सहित कई इलाके में संपत्ति खरीदी थी. पुलिस के अनुसार प्रेम सागर मुंडा टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) से जुड़े थे. टंडवा थाना में (कांड संख्या 222-18) भी दर्ज है.

बाइक से पहुंचे अपराधियों ने मारी थी गोली

सोमवार की शाम लगभग सात बजे के करीब प्रेम सागर मुंडा अपने फॉच्र्यूनर एसयूवी (जेएच-01बीटी-0009) से मोरहाबादी स्थित पार्क प्राइम होटल के पास रुका हुआ था, उसने एक चाय की दुकान पर चाय मांगी थी. इसबीच वहां पहुंचे अपराधियों ने उससे बातचीत की. इस दौरान अचानक उसपर गोलियां चलाने लगे. गोलियों की आवाज सुनकर वहां भगदड़ मच गई. गोली मारे जाने के बाद अपराधी मान्या पैलेस के बगल से एदलहातू के रास्ते भाग निकले.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.