रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य में चरमराई लॉ एंड ऑर्डर को लेकर हेमंत सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने किशोरगंज में हुए बवाल को लेकर पुलिस पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस वालों ने ही जानबूझकर ऐसी कार्रवाई की है और आम लोगों को परेशान किया जा रहा है. पहले पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
निर्दोष लोगों पर कार्रवाई
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करने का सभी को हक है, लेकिन सभी आंदोलनकारियों को पुलिस की ओर से गुंडा करार देना कहीं से सही नहीं है. मुख्यमंत्री के काफिले का रूट डायवर्ट करने के मामले में सबसे पहले उन पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिनको इतनी भी सूचना नहीं थी कि सड़क पर आंदोलन करने आम जनता उतरी है, लेकिन पुलिस की ओर से आम लोगों समेत बीजेपी से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जा रही है. कई परिवार के लोगों को भी थाना बुलाया गया है, जबकि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.
ओरमांझी में निर्भया कांड से भी बड़ी हुई है घटना
मरांडी ने कहा कि ओरमांझी में सिर कटी महिला के शव का मामला निर्भया कांड से भी बड़ी घटना है. ऐसे में स्वाभाविक है कि लोगों में आक्रोश होगा और वह सड़क पर उतरेंगे. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं आंदोलन करने वालों को गुंडा कहना राज्य के लोगों को सरकार की ओर से धमकी है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों को तंग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम के किसी भी मूवमेंट से पहले रास्ता क्लियर किया जाता है, लेकिन पुलिस इस मामले में विफल साबित हुई है. अगर ऐसे पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई ना करके आम लोगों को परेशान किया जाता है तो बीजेपी की ओर से जोरदार तरीके से आंदोलन किया जाएगा और तब देखा जाएगा कि कितने लोगों पर केस किया जाता है. उन्होंने कहा कि बुधवार को सभी जिला मुख्यालय पर इस मामले को लेकर पार्टी एक दिवसीय धरना देगी.
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1 साल में करीब 1,765 महिलाओं के साथ हुआ दुष्कर्म
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने मांग की है कि अपराधियों को ढूंढ कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए और जिन पदाधिकारियों की गलती है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को संरक्षण दे रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से लगाए गए आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि जनता जब आक्रोशित होती है तब ही सड़क पर उतरती है. राज्य में पिछले 1 साल में लगभग 1765 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है. रोजाना औसतन 5 और महीने में 50 दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही है. बरहेट और साहिबगंज की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई और मामला रफा-दफा करने में प्रशासन लग गई. दुमका में 5 बच्चों की मां के साथ हैवानियत की गई. थाना में जब पीड़िता केस दर्ज कराने गई तो उससे सबूत मांगा जाता है. इससे साफ है कि पुलिस पदाधिकारी गंभीर नहीं है.
मेयर आशा लकड़ा का सीएम पर आरोप
रांची की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि ऐसी बातें सामने आ रही है कि आदिवासी सीएम होने के कारण यह हमला हुआ है, लेकिन राज्य में पिछले 1 साल में सबसे ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा आदिवासी महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई हैं. उन्होंने बताया कि 18 साल से कम उम्र की 432 पीड़िता हैं और 18 साल से ज्यादा उम्र की 639 पीड़िता हैं. वहीं. 600 आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है, लेकिन सीएम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जांच भी नहीं बैठाई गई है. 412 एससी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है. ऐसे में चौतरफा आंदोलन होना तय है. उन्होंने कहा कि पुलिस नेता की तरह बयान दे रहे हैं. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.