रांची: राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधानसभाध्यक्ष पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है. दरअसल, शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भोजनावकाश के बाद जब सदन में सरकार द्वारा लाई गई स्थानीय नीति विधेयक पर चर्चा हो रही थी उस चर्चा में बाबूलाल मरांडी सदन में कुछ बोलना चाह रहे थे.
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विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने आज आसन की गरिमा के विपरित व्यवहार करते हुए मुझे सदन में बोलने का अवसर नहीं दिया l
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित विधानसभा अध्यक्ष सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि झारखंड की जनता के आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं l
उनका यह निम्नस्तरीय आचरण लोकतंत्र… pic.twitter.com/G8maMnOZgb
">विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने आज आसन की गरिमा के विपरित व्यवहार करते हुए मुझे सदन में बोलने का अवसर नहीं दिया l
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 20, 2023
राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित विधानसभा अध्यक्ष सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि झारखंड की जनता के आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं l
उनका यह निम्नस्तरीय आचरण लोकतंत्र… pic.twitter.com/G8maMnOZgbविधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने आज आसन की गरिमा के विपरित व्यवहार करते हुए मुझे सदन में बोलने का अवसर नहीं दिया l
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 20, 2023
राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित विधानसभा अध्यक्ष सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि झारखंड की जनता के आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं l
उनका यह निम्नस्तरीय आचरण लोकतंत्र… pic.twitter.com/G8maMnOZgb
तीन बार सदन के अंदर उन्होंने हाथ उठाकर स्पीकर से समय की मांग की मगर इसे नजरअंदाज कर दिया गया. जिससे नाराज होकर बाबूलाल मरांडी सदन से बाहर निकल गए. विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सदन में हमें बोलने नहीं दिया गया, इससे मैं काफी दुखी हूं. यह तौर तरीका कहीं ना कहीं मुझे अपमानित करने की कोशिश है, जो सत्ता पक्ष के इशारे पर हुआ है. यह पहला मौका नहीं है जो इस तरह का वर्ताव स्पीकर के द्वारा किया गया है.
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2004-14 के बीच हेमंत सोरेन अधिकांश समय राज्य की सत्ता में रहे l उपमुख्यमंत्री भी बने, केंद्र में भी यूपीए की ही सरकार रही... लेकिन हेमंत सोरेन ने कभी भी स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाने का प्रयास नहीं किया l
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हेमंत स्थानीयता के मुद्दे पर @MundaArjun जी की सरकार गिरा के स्वयं… pic.twitter.com/okKdwbToBX
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— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 20, 2023
हेमंत स्थानीयता के मुद्दे पर @MundaArjun जी की सरकार गिरा के स्वयं… pic.twitter.com/okKdwbToBX2004-14 के बीच हेमंत सोरेन अधिकांश समय राज्य की सत्ता में रहे l उपमुख्यमंत्री भी बने, केंद्र में भी यूपीए की ही सरकार रही... लेकिन हेमंत सोरेन ने कभी भी स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाने का प्रयास नहीं किया l
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हेमंत स्थानीयता के मुद्दे पर @MundaArjun जी की सरकार गिरा के स्वयं… pic.twitter.com/okKdwbToBX
हेमंत सोरेन ने जो एक बार फिर स्थानीय नीति लाया है उसमें कई विसंगतियां होने की वजह से राज्यपाल ने वापस लौटाया था. एक बार फिर इसे लटकाने और भटकाने की कोशिश की गई है, जिसे राज्य की जनता जान रही है. हेमंत सोरेन को राज्य के युवाओं को नौकरी देनी नहीं है, यही वजह है कि इस तरह की नीति लाकर राज्य की जनता को ठगने का काम किया है.
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