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प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी मामलाः बीजेपी ने की स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग

प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी मामले को लेकर झारखंड में सियासत शुरू हो गयी है. निर्दलीय विधायक सरयू राय की ओर से सीएम को लिखे पत्र को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने मंत्री बन्ना गुप्ता पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए सीएम से स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.

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Published : Apr 15, 2022, 9:07 PM IST

Updated : Apr 15, 2022, 9:24 PM IST

रांचीः कोरोना महामारी के दौरान बेहतर कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में खुद को प्रोत्साहन राशि लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एक बार फिर सुर्खियों में हैं. विधायक सरयू राय के द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए ना केवल उच्चस्तरीय जांच की मांग की है बल्कि मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है और इसके लिए राज्यपाल से अनुशंसा करने का आग्रह किया है.

इसे भी पढ़ें- सरयू राय के आरोप के बाद स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा, मंत्री कोषांग के लोग नहीं लेंगे प्रोत्साहन राशि

प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी को लेकर बीजेपी ने स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिस तरह से कृत्य किया है उससे साफ हो गया है कि राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में किस तरह की गड़बड़ी हुई है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की चिठ्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रोत्साहन राशि पाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने अपने नाम की अनुशंसा कर दी थी.

जानकारी देते बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता

उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मियों के अलावा अपने स्टाफ और सुरक्षा गार्ड को भी यह राशि दिलवा दी. प्रतुल शाहदेव ने सरकारी फैसलों का स्वास्थ्य मंत्री द्वारा धज्जियां उड़ाए जाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से अविलंब उन्हें बर्खास्त करने की अपील की है.


जानिए क्या है विवाद का कारणः कोविड-19 पर नियंत्रण पाने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने उन्हें 1 महीने का अतिरिक्त वेतन देने की स्वीकृति दी थी. कांटैक्ट ट्रेसिंग, जांच, निरीक्षण कोविड-19 अस्पताल कंट्रोल रूम में काम करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को इसका लाभ मिलना था. कोरोना प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य नियमित एवं संविदा कर्मियों को विभाग द्वारा चिन्हित भी किया जाना था. वैसे चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मी जिन्होंने कोविड-19 कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन नहीं किया था उन्हें यह राशि नहीं दी जानी थी.

लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय समिति की तरफ से अनुशंसित 94 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची में 60 अतिरिक्त नाम जोड़ने की सिफारिश कर दी. इसमें भी उन्होंने अपना नाम सबसे ऊपर रखा इसके अलावा विभागीय सचिव सहित सभी लोगों के नाम अनुशंसा कर भेजे गए. इसको लेकर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखा. जिसके बाद शुक्रवार को रांची में मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस वार्ता में अपनी बात रखी.

रांचीः कोरोना महामारी के दौरान बेहतर कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में खुद को प्रोत्साहन राशि लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एक बार फिर सुर्खियों में हैं. विधायक सरयू राय के द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए ना केवल उच्चस्तरीय जांच की मांग की है बल्कि मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है और इसके लिए राज्यपाल से अनुशंसा करने का आग्रह किया है.

इसे भी पढ़ें- सरयू राय के आरोप के बाद स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा, मंत्री कोषांग के लोग नहीं लेंगे प्रोत्साहन राशि

प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी को लेकर बीजेपी ने स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिस तरह से कृत्य किया है उससे साफ हो गया है कि राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में किस तरह की गड़बड़ी हुई है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की चिठ्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रोत्साहन राशि पाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने अपने नाम की अनुशंसा कर दी थी.

जानकारी देते बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता

उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मियों के अलावा अपने स्टाफ और सुरक्षा गार्ड को भी यह राशि दिलवा दी. प्रतुल शाहदेव ने सरकारी फैसलों का स्वास्थ्य मंत्री द्वारा धज्जियां उड़ाए जाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से अविलंब उन्हें बर्खास्त करने की अपील की है.


जानिए क्या है विवाद का कारणः कोविड-19 पर नियंत्रण पाने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने उन्हें 1 महीने का अतिरिक्त वेतन देने की स्वीकृति दी थी. कांटैक्ट ट्रेसिंग, जांच, निरीक्षण कोविड-19 अस्पताल कंट्रोल रूम में काम करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को इसका लाभ मिलना था. कोरोना प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य नियमित एवं संविदा कर्मियों को विभाग द्वारा चिन्हित भी किया जाना था. वैसे चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मी जिन्होंने कोविड-19 कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन नहीं किया था उन्हें यह राशि नहीं दी जानी थी.

लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय समिति की तरफ से अनुशंसित 94 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची में 60 अतिरिक्त नाम जोड़ने की सिफारिश कर दी. इसमें भी उन्होंने अपना नाम सबसे ऊपर रखा इसके अलावा विभागीय सचिव सहित सभी लोगों के नाम अनुशंसा कर भेजे गए. इसको लेकर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखा. जिसके बाद शुक्रवार को रांची में मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस वार्ता में अपनी बात रखी.

Last Updated : Apr 15, 2022, 9:24 PM IST
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