रांची: नियोजन नीति के मुद्दे पर सियासत जारी है. एक तरफ राज्य के छात्र सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने में जुटी है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक लगातार तीसरे दिन विधानसभा में सरकार को नियोजन नीति के मुद्दे पर घेरने में लगी रही.
ये भी पढ़ें: 'माइक तोड़ने वाले' विधायक 2 दिन के लिए सस्पेंड, दिनभर हुआ हंगामा
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा परिसर में भारतीय जनता पार्टी के विधायक हाथों में तख्तियां लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे और मुख्यमंत्री से इस संबंध में सदन के अंदर वक्तव्य देने की मांग करते हुए देखे गए. चिर परिचित अंदाज में गेरुआ वस्त्र पहने विधानसभा सत्र में भाग लेने पहुंचे भाजपा विधायकों ने इस दौरान सरकार को 60-40 नाय चलतो का नारा लगाते हुए, इसे वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही.
भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 3 वर्षों में यहां के युवाओं को नौकरी देने में सरकार विफल रही है. ऐसे में सरकार ने 60-40 वाली नियोजन नीति लाकर बाहरी लोगों को प्रवेश कराने का काम किया है. ऐसे में यहां के मूलवासी लोगों को कहीं ना कहीं सरकार ने धोखा देने का काम किया है, जिसे चलने नहीं दिया जाएगा और भारतीय जनता पार्टी इस मामले में सरकार का विरोध तब तक करती रहेगी, जब तक की इसे वापस नहीं ले लिया जाता है.
सत्तापक्ष ने विपक्ष को दिया करारा जवाब: इधर विपक्ष के द्वारा लगातार नियोजन नीति को लेकर किए जा रहे विरोध पर सत्तापक्ष ने करारा जवाब देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग राज्य में हंगामा खड़ा करके यहां नियुक्ति प्रक्रिया को बाधित करना चाहते हैं. फर्जी ट्विटर अभियान के जरिए राज्य के भोले भाले युवकों को बरगलाया जा रहा है, जिसे राज्य की जनता अच्छी तरह से समझ रही है.
ट्विटर में फर्जी लोग बिगाड़ रहे हैं माहौल: कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भाजपा के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के लोग ड्रामा कर रहे हैं. सदन में सरकार की खामियों को झूठे तरह से गिना कर बाहर निकल जाते हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि भाजपावालों से पूछिए कि गिरिडीह में बैकड्रॉप लोगों ने क्यों लगाया था. भाजपा दोहरा चरित्र प्रस्तुत कर रही है. कभी हिंदी के पक्ष में बोलती है तो कभी हिंदी के विरोध में बोलती है. वहीं कभी संस्कृत के पक्ष में बोलती है तो कभी संस्कृत के विरोध में बोलती है. वह पहले स्पष्ट करे कि उसका क्या कहना है. उन्होंने कहा कि यह ट्विटर-ट्विटर बोलकर जो माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं, यह फर्जी लोग हैं. उन्होंने कहा कि हमने जो पांच लाख नौकरी देने का वादा किया था, वह कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार क्या कर रही है, उनसे भी तो जरा सा पूछिए.