रांची: झारखंड में इस साल होने वाले पंचायत चुनाव 2022 पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है. यही वजह है कि पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही आचार संहिता उल्लंघन को लेकर सियासत शुरू हो गई है. पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्री के झारखंड दौरे को लेकर सत्तारूढ़ दलों जेएमएम कांग्रेस द्वारा आचार संहिता उल्लंघन के लगाए गए. मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि विपक्षी दल बीजेपी ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा दिया है. आचार संहिता उल्लंघन को लेकर बीजेपी ने निर्वाचन आयोग से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शिकायत भी की है.
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मुख्यमंत्री के खिलाफ बीजेपी ने निर्वाचन आयोग से की शिकायतः बीजेपी ने राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें बीजेपी नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को महिला एवं समाज कल्याण विभाग की समीक्षा की. इस दौरान जिस तरह से पेसा का हवाला दिया और ऐसे क्षेत्रों में पंचायत की उपसमिति बनाने का आदेश दिया, वह आचार संहिता का उल्लंघन है.
बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए आयोग से कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार द्वारा 32 बीडीओ का ट्रांसफर किया गया था, जिसके बाद बीजेपी ने आपत्ति जताई थी. इस बार तो खुल्लम खुल्ला मुख्यमंत्री ने आचार संहिता का उल्लंघन किया. उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते हम चुप नहीं बैठेंगे. राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचे शिष्टमंडल में महिला मोर्चा के अध्यक्ष आरती कुजूर ,भाजपा मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप और प्रवक्ता सरोज सिंह शामिल थे.
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिएः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्य की समीक्षा मंगलवार को की थी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पंचायतराज अधिनियम और पेसा एक्ट के तहत पंचायतों में एक सब कमेटी बनाने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इसके तहत पंचायत स्तर पर एक समिति गठित की जाए. सबकमिटी में मानकी, मुखिया, प्रधान आदि अन्य परंपरागत नेतृत्वकर्ताओं को शामिल करने का भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था.
यह सब कमेटी महीने में दो बार बैठक कर ग्रामीणों से जुड़े छोटे-छोटे मामलों जैसे जन्म प्रमाण पत्र ,मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि निर्गत करने करने का सत्यापन करने का काम करेगी या कमिटी वैसे पात्र लोग जो सरकार के विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित हैं, उन्हें चिन्हित कर अनुशंसा करेगी एवं योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका निभाएगी.