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'ईडी के समन को जेल जाने से कैसे जोड़ रहे हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन', बीजेपी ने सीएम से किया सवाल

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा ईडी समन के बाद जेल जाने की बात पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने पूछा है कि उन्हें कैसे पता कि वे जेल जाने वाले हैं. शायद उनके अंतर्मन की आवाज उन्हें इसका आभास दिला रही है. इसके अलावा उन्होंने और भी बातें कही. BJP asked questions to CM Hemant Soren on ED summons

BJP asked questions to CM Hemant Soren
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 15, 2023, 8:36 PM IST

रांची: भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपनी अंतरात्मा की आवाज सार्वजनिक करने की मांग की है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि वे बताएं कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के समन को जेल भेजने की तैयारी से कैसे जोड़ दिया, ये जनता को बताएं. भारतीय प्रदेश कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री को एक समन से कैसे समझ आ सकता है कि वह जेल जा रहे हैं या जेल जाने वाले हैं? बीजेपी नेता ने खुद इसका जवाब देते हुए आगे कहा कि शायद मुख्यमंत्री अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर ऐसी बातें कह रहे हैं.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस में शामिल होने के लिए 100 रुपये में जुटाया गया भीड़! पूर्व मुख्यमंत्री केबी सहाय के पोते आशीष सहाय पर लगा आरोप

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड निर्माण के 23 वर्षों में 12 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शासन किया है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना स्क्रिप्ट राइटर बदलना चाहिए, क्योंकि वह बार-बार भाजपा पर राज्य में 20 साल तक शासन करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि झामुमो और कांग्रेस ने 23 वर्षों में से 12 वर्षों तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राज्य पर शासन किया है और अभी भी सत्ता का सुख भोग रहे हैं.

ये रहा था झामुमो और कांग्रेस का कार्यकाल: प्रतुल शाहदेव ने बताया कि 2005 में शिबू सोरेन 9 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने, निर्दलीय मधु कोड़ा साल में 346 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे, जिसे झामुमो और कांग्रेस ने अपने समर्थन से चलाया. 2008 से 2010 के बीच शिबू सोरेन दो बार 145 दिन और 153 दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं 2012 से 2014 तक 1 वर्ष 168 दिन तक मुख्यमंत्री रहे, वहीं वर्तमान में वे 29 दिसंबर 2019 से लगभग 3 वर्ष 10 माह तक मुख्यमंत्री हैं. हेमंत सोरेन 2 साल और 129 दिन के लिए उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. 2004 से 2014 के बीच यूपीए शासन के दौरान राज्य में 623 दिनों तक राष्ट्रपति शासन रहा था. यह वह दौर था जब राजभवन कांग्रेस कार्यालय की तरह काम करता था. कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी उस दौरान राज्यपाल के सलाहकार की भूमिका में थे.

'केंद्र ने हेमंत सरकार की ज्यादा मदद की': केंद्र सरकार के असहयोग के आरोप पर पलटवार करते हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मोदी सरकार ने रघुवर सरकार के समय से भी ज्यादा मदद हेमंत सरकार को दी है. उनके वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में केंद्र सरकार की मदद की सराहना भी की थी. इसलिए सत्ताधारी दल के नेताओं को अनावश्यक आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए. झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 'जजमेंट डे' नजदीक आ रहा है और मुख्यमंत्री को सभी घोटालों का हिसाब देना होगा. प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में सही और गलत का निर्णय करने का विवेक होता है. शायद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जानते हैं कि अंतिम परिणाम क्या होने वाला है. इसलिए वह बार-बार जेल जाने की बात कर रहे हैं.

'मुख्यमंत्री को आदिवासी कार्ड नहीं खेलना चाहिए': एसआईटी ने नरेंद्र मोदी से उस समय घंटों जांच की थी जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. तो उन्होंने यह नहीं कहा था कि वह पिछड़े समाज से आते हैं. यूपीए सरकार में उन्हें परेशान किया जा रहा है. बीजेपी नेता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद को आदिवासी बताकर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है.

रांची: भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपनी अंतरात्मा की आवाज सार्वजनिक करने की मांग की है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि वे बताएं कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के समन को जेल भेजने की तैयारी से कैसे जोड़ दिया, ये जनता को बताएं. भारतीय प्रदेश कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री को एक समन से कैसे समझ आ सकता है कि वह जेल जा रहे हैं या जेल जाने वाले हैं? बीजेपी नेता ने खुद इसका जवाब देते हुए आगे कहा कि शायद मुख्यमंत्री अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर ऐसी बातें कह रहे हैं.

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बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड निर्माण के 23 वर्षों में 12 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शासन किया है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना स्क्रिप्ट राइटर बदलना चाहिए, क्योंकि वह बार-बार भाजपा पर राज्य में 20 साल तक शासन करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि झामुमो और कांग्रेस ने 23 वर्षों में से 12 वर्षों तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राज्य पर शासन किया है और अभी भी सत्ता का सुख भोग रहे हैं.

ये रहा था झामुमो और कांग्रेस का कार्यकाल: प्रतुल शाहदेव ने बताया कि 2005 में शिबू सोरेन 9 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने, निर्दलीय मधु कोड़ा साल में 346 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे, जिसे झामुमो और कांग्रेस ने अपने समर्थन से चलाया. 2008 से 2010 के बीच शिबू सोरेन दो बार 145 दिन और 153 दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं 2012 से 2014 तक 1 वर्ष 168 दिन तक मुख्यमंत्री रहे, वहीं वर्तमान में वे 29 दिसंबर 2019 से लगभग 3 वर्ष 10 माह तक मुख्यमंत्री हैं. हेमंत सोरेन 2 साल और 129 दिन के लिए उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. 2004 से 2014 के बीच यूपीए शासन के दौरान राज्य में 623 दिनों तक राष्ट्रपति शासन रहा था. यह वह दौर था जब राजभवन कांग्रेस कार्यालय की तरह काम करता था. कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी उस दौरान राज्यपाल के सलाहकार की भूमिका में थे.

'केंद्र ने हेमंत सरकार की ज्यादा मदद की': केंद्र सरकार के असहयोग के आरोप पर पलटवार करते हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मोदी सरकार ने रघुवर सरकार के समय से भी ज्यादा मदद हेमंत सरकार को दी है. उनके वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में केंद्र सरकार की मदद की सराहना भी की थी. इसलिए सत्ताधारी दल के नेताओं को अनावश्यक आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए. झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 'जजमेंट डे' नजदीक आ रहा है और मुख्यमंत्री को सभी घोटालों का हिसाब देना होगा. प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में सही और गलत का निर्णय करने का विवेक होता है. शायद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जानते हैं कि अंतिम परिणाम क्या होने वाला है. इसलिए वह बार-बार जेल जाने की बात कर रहे हैं.

'मुख्यमंत्री को आदिवासी कार्ड नहीं खेलना चाहिए': एसआईटी ने नरेंद्र मोदी से उस समय घंटों जांच की थी जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. तो उन्होंने यह नहीं कहा था कि वह पिछड़े समाज से आते हैं. यूपीए सरकार में उन्हें परेशान किया जा रहा है. बीजेपी नेता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद को आदिवासी बताकर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है.

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