रांचीः नियोजन नीति में संशोधन की बात गठबंधन सरकार कर रही है. ऐसे में सत्ताधारी दल और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी का मानना है कि पूर्व की रघुवर सरकार में राज्य में दो तरह की नियोजन नीति थी, जिसकी वजह से यहां के युवाओं को रोजगार में भागीदारी नहीं मिल रही थी, ऐसे में बदलाव जरूरी है. वहीं विपक्ष की भाजपा का मानना है कि गठबंधन सरकार राज्य में बनी हुई एकता के बीच खाई चौड़ी करना चाहती है.
सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने नियोजन नीति को लेकर कहा कि पिछली सरकार ने जिस प्रकार से नीति बनाई थी, उसमें कई विसंगतियां थी, जिसकी वजह से राज्य के युवाओं को नौकरी से वंचित होना पड़ रहा था, इसको लेकर सरकार गंभीर है और सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नियोजन नीति में बदलाव करेगी. ऐसा बदलाव करेगी ताकि यहां के लोगों की रोजगार में भागीदारी ज्यादा हो सके. उन्होंने कहा कि एक राज्य में दो तरह की नियोजन नीति कहीं न कहीं यहां के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था. इस वजह से नियुक्तियों में बाहर के लोगों को ज्यादा जगह मिल रही थी, लेकिन इसमें अब बदलाव किए जाएंगे ताकि यहां के युवाओं को लाभ मिल सके.
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विद्वेष की भावना भड़काना चाहती है राज्य सरकार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि पूर्व की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो नीति बनाई थी, उसमें स्थाई निवासियों और स्थानीय निवासियों को नौकरी में प्रतिनिधित्व मिले, इसे ध्यान में रखा गया था. अब गठबंधन सरकार में कहीं न कहीं समाज में व्याप्त एकता के बीच खाई चौड़ी करने की मनसा है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार विद्वेष की भावना भड़काना चाहती है, जबकि भाजपा समाज में आपसी मेलजोल बना रहे यह चाहती है. ऐसे में देखना है कि सरकार नीति में किस तरह का संशोधन करती है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने आर्थिक विकास और शैक्षणिक विकास को नकारा न जा सके, इस लिहाज से नीति बनाई थी.