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भाजपा का हेमंत सरकार पर आरोप, कहा- निकाय चुनाव में की जा रही ओबीसी की हकमारी

झारखंड में आने वाले कुछ दिनों में नगर निकाय का चुनाव होने वाले हैं. इस चुनावी सरागर्मी में बीजेपी ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation in Jharkhand) को लेकर पक्ष पर हमलावर हो रहा है. वहीं सत्ताधारी दल भी विपक्ष को जवाब दे रहे हैं. इ

BJP allegation on JMM for OBC Reservation
BJP allegation on JMM for OBC Reservation
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Published : Oct 27, 2022, 12:57 PM IST

रांची: राज्य में सरकार आने वाले दिनों में नगर निकाय का चुनाव कराने जा रही है (Municipal Elections in Jharkhand). इस दौरान निकाय चुनाव के राजनीति के केंद्र में ओबीसी आरक्षण नहीं मिलने का मुद्दा गरमाने लगा है (OBC Reservation in Jharkhand). भाजपा वर्तमान हेमंत सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को ओबीसी विरोधी बताकर सीधा आरोप लगा रही है कि राज्य में पहले पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं देकर (BJP allegation on Hemant Sarkar for OBC Reservation) और अब निकाय चुनाव भी बिना ओबीसी आरक्षण के कराने का फैसला लेकर सरकार ने साबित कर दिया कि वह ओबीसी समाज को उसके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर रही है.


यह भी पढ़ें: झारखंड में फट सकता है एक आध एटम बम, सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले पर बोले राज्यपाल

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि मध्यप्रदेश और अन्य भाजपा शासित राज्यों में पिछड़ा आयोग का गठन एवं अन्य प्रक्रिया पूरी कर पिछड़ों को स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण देकर सशक्त किया गया, लेकिन राज्य की हेमन्त सोरेन सरकार, ओबीसी को हक देने को लेकर कन्फ्यूज्ड है, पंचायत चुनाव के समय में सर्वोच्च न्यायालय में अगले किसी भी स्थानीय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने का हलफनामा देनेवाली सरकार अब निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने जा रही है. जो ठीक नहीं है और राज्य का ओबीसी समाज समय आने पर माकूल जवाब देगा.

देखें वीडियो



नगर निकाय चुनाव में ओबीसी की हकमारी के भाजपा के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि हमारी पार्टी और हमारी सरकार में ओबीसी के आरक्षण को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है. लेकिन आदित्य साहू बताएं कि 2014 से 2019 तक राज्य में चली डबल इंजन की सरकार में ओबीसी को कितना हक मिला. उन्होंने उसके लिए क्या- क्या प्रयास किया. राकेश सिन्हा ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य के पिछड़ा समाज के लोगों को 27% आरक्षण देने का काम किया है. सरकार प्रक्रिया पूरी कर ऐसी व्यवस्था कराएगी कि आगे जब चुनाव हो तो ओबीसी को पंचायत और नगर निकाय चुनाव में भी आरक्षण मिले. राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने सड़क से सदन तक ओबीसी के हक की लड़ाई लड़ी है.


वहीं, हेमन्त सोरेन सरकार को ओबीसी विरोधी बताने वाले भाजपा राज्यसभा सांसद के बयान को बेतुका बताते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा की सरकार ने राज्य के ओबीसी के 27% आरक्षण को घटाकर 14% किया था. हम उन्हें सशक्त करने के लिए फिर 27% आरक्षण देने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. जहां तक स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की बात है, तो सरकार ने राज्यहित में यह फैसला लिया है क्योंकि अगर निकाय चुनाव नहीं कराए जाते हैं तो केंद्र से शहरी विकास के लिए मिलने वाली कई वित्तीय सहायता रुक जाती.

मनोज पांडेय ने कहा कि राज्य में पिछड़ा आयोग का गठन या अन्य आयोग का गठन सरकार इसलिए नहीं कर पा रही है क्योंकि उसके लिए नेता प्रतिपक्ष की जरूरत होती है. विधानसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष है ही नहीं. झामुमो नेता ने साफ किया कि उनकी पार्टी ओबीसी आरक्षण सहित जातीय जनगणना को लेकर सकारात्मक रुख रखती है, इसलिए इस मुद्दे पर भाजपा राजनीति न करें.

रांची: राज्य में सरकार आने वाले दिनों में नगर निकाय का चुनाव कराने जा रही है (Municipal Elections in Jharkhand). इस दौरान निकाय चुनाव के राजनीति के केंद्र में ओबीसी आरक्षण नहीं मिलने का मुद्दा गरमाने लगा है (OBC Reservation in Jharkhand). भाजपा वर्तमान हेमंत सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को ओबीसी विरोधी बताकर सीधा आरोप लगा रही है कि राज्य में पहले पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं देकर (BJP allegation on Hemant Sarkar for OBC Reservation) और अब निकाय चुनाव भी बिना ओबीसी आरक्षण के कराने का फैसला लेकर सरकार ने साबित कर दिया कि वह ओबीसी समाज को उसके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर रही है.


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भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि मध्यप्रदेश और अन्य भाजपा शासित राज्यों में पिछड़ा आयोग का गठन एवं अन्य प्रक्रिया पूरी कर पिछड़ों को स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण देकर सशक्त किया गया, लेकिन राज्य की हेमन्त सोरेन सरकार, ओबीसी को हक देने को लेकर कन्फ्यूज्ड है, पंचायत चुनाव के समय में सर्वोच्च न्यायालय में अगले किसी भी स्थानीय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने का हलफनामा देनेवाली सरकार अब निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने जा रही है. जो ठीक नहीं है और राज्य का ओबीसी समाज समय आने पर माकूल जवाब देगा.

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नगर निकाय चुनाव में ओबीसी की हकमारी के भाजपा के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि हमारी पार्टी और हमारी सरकार में ओबीसी के आरक्षण को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है. लेकिन आदित्य साहू बताएं कि 2014 से 2019 तक राज्य में चली डबल इंजन की सरकार में ओबीसी को कितना हक मिला. उन्होंने उसके लिए क्या- क्या प्रयास किया. राकेश सिन्हा ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य के पिछड़ा समाज के लोगों को 27% आरक्षण देने का काम किया है. सरकार प्रक्रिया पूरी कर ऐसी व्यवस्था कराएगी कि आगे जब चुनाव हो तो ओबीसी को पंचायत और नगर निकाय चुनाव में भी आरक्षण मिले. राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने सड़क से सदन तक ओबीसी के हक की लड़ाई लड़ी है.


वहीं, हेमन्त सोरेन सरकार को ओबीसी विरोधी बताने वाले भाजपा राज्यसभा सांसद के बयान को बेतुका बताते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा की सरकार ने राज्य के ओबीसी के 27% आरक्षण को घटाकर 14% किया था. हम उन्हें सशक्त करने के लिए फिर 27% आरक्षण देने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. जहां तक स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की बात है, तो सरकार ने राज्यहित में यह फैसला लिया है क्योंकि अगर निकाय चुनाव नहीं कराए जाते हैं तो केंद्र से शहरी विकास के लिए मिलने वाली कई वित्तीय सहायता रुक जाती.

मनोज पांडेय ने कहा कि राज्य में पिछड़ा आयोग का गठन या अन्य आयोग का गठन सरकार इसलिए नहीं कर पा रही है क्योंकि उसके लिए नेता प्रतिपक्ष की जरूरत होती है. विधानसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष है ही नहीं. झामुमो नेता ने साफ किया कि उनकी पार्टी ओबीसी आरक्षण सहित जातीय जनगणना को लेकर सकारात्मक रुख रखती है, इसलिए इस मुद्दे पर भाजपा राजनीति न करें.

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