रांची: ट्रेनों में बायो टॉयलेट की सुविधा के बाद अब स्टेशनों पर बायो टॉयलेट का निर्माण किया जा रहा है. ईको स्मार्ट स्टेशन योजना के तहत रांची रेल मंडल की ओर से लगातार यात्री सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. जिसके तहत रांची रेलवे स्टेशन पर भी बायो टॉयलेट का निर्माण कराया जा रहा है.
ईको स्मार्ट स्टेशन की योजना के तहत दूसरे चरण में बायो टॉयलेट निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इसमें प्रतिदिन 1100 यात्री इस बायो टॉयलेट का उपयोग कर पाएंगे. बायो टॉयलेट की खासियत यह है कि लगातार इस्तेमाल होने के बाद भी इसमें ना तो गंदगी फैलती है और ना ही बदबू निकलती है. टैंक में मौजूद बैक्टीरिया, मल को भी खत्म कर देती है. जबकि टैंक में जमा पानी क्लोरिनेशन की प्रक्रिया के तहत साफ होकर बाहर निकल जाता है.
पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बेहतरीन कदम
रांची रेल मंडल के सीपीआरओ नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक जितने भी टॉयलेट रांची रेलवे स्टेशन पर बने हैं, उसका वेस्ट प्रोडक्ट सेप्टिक टैंक में जाकर जमा हो जाता है, जो ट्रेडिशनल तरीका के तहत बना एक टॉयलेट है. लेकिन अब उसको सेप्टिक टैंक की जगह बायो टैंक को फिट किया जा रहा है. इस टैंक को लगने के बाद वेस्ट प्रोडक्ट को अलग किया जा सकेगा. साथ ही टैंक से गंदगी को पूरी तरह से बैक्टीरिया की मदद से डाइजेस्ट कर दिया जाएगा.
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टैंक से सिर्फ पानी और कार्बन डाइऑक्साइड निकलेगा
टैंक से जो प्रोडक्ट निकलेगा उसमें सिर्फ पानी और कार्बन-डाइऑक्साइड होगा. वहीं टैंक से निकले पानी का इस्तेमाल हम वाटर रिचार्ज और गार्डेनिंग के लिए कर सकते हैं. यह बायो टॉयलट पर्यावरण के अनुकूल और फ्रेंडली होने के साथ-साथ साफ-सफाई और स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में मददगार भी साबित होगा. बता दें कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर रांची रेल मंडल लगातार प्रयासरत है. रांची रेल मंडल की ओर से ट्रेनों की बोगियों में बायो टॉयलेट की सुविधा दुरुस्त करने के बाद अब रांची स्टेशन पर भी बायो टॉयलेट का निर्माण करा रहा है.