रांची: झारखंड-बिहार के सीमावर्ती जिलों में दोनों राज्यों की पुलिस संयुक्त रूप से अभियान चलाएगी. बुधवार को डीजीपी कमलनयन चौबे की अध्यक्षता में इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई. बैठक में बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, झारखंड सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी राजकुमार, एडीजी विशेष शाखा अजय कुमार सिंह, एडीजी अभियान मुरारीलाल मीणा, आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह, एसपी नक्सल धनंजय कुमार सिंह मौजूद थे.
बैठक के दौरान सीमावर्ती इलाके गिरिडीह-जमुई, चतरा-गया, हजारीबाग-गया, पलामू-औरंगाबाद में संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति बनी. इन इलाकों में सक्रिय माओवादी दस्तों की लिस्ट का आदान प्रदान भी अधिकारियों ने किया.
नई कार्य योजना पर होगा काम
बैठक के दौरान डीजीपी कमलनयन चौबे ने दोनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों और अन्य नक्सली संगठनों के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियानों की नई कार्ययोजना पर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पूर्व से चलाए जा रहे नक्सली अभियानों में भी तेजी लाने की जरूरत है. बैठक में दोनों राज्यों की पुलिस के बीच आपसी संपर्क और समन्वय की सराहना की गई और नक्सली अभियानों में मिल रही सफलताओं पर संतोष व्यक्त किया गया.
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चरणबद्ध अभियान चलाने की जरूरत
राज्यों के सीमावर्ती नक्सल क्षेत्रों में चरणबद्ध और समयबद्ध तरीके से नक्सलियों के खात्मे के लिए अभियान चलाने पर भी बिहार और झारखंड के डीजीपी ने जोर दिया. बैठक में नक्सलियों के वर्तमान में अपनाए जा रहे दांव-पेच, नई तकनीक, आईइडी के इस्तेमाल के तौर तरीकों की जानकारी भी दी गई.
कारगर नक्सल अभियानों के लिए सीआरपीएफ की भूमिका पर भी जोर दिया गया. नक्सल अभियान के लिए स्थानीय पुलिस की क्षमता को बढ़ाने, सीमावर्ती राज्यों के पुलिस पदाधिकारी विशेष कर एसएसपी, एसपी, एएसपी अभियान, डीएसपी, इंस्पेक्टर और थानेदारों के स्तर पर भी निरंतर समन्वय बैठक करने की बातें भी बैठक में हुई. अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर नक्सली गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और सटीक सूचना उपलब्ध कराने हेतु पुलिस बल के आपसी समन्वय पर बल दिया गया.