ETV Bharat / state

Bharat Ratn Lata Mangeshkar: प्रदीप के गीत को देश की आत्मा का गीत बना गईं लताजी, बिहार-झारखंड के साहित्यकारों का था दीदी से जुड़ाव

भारत रत्न लता मंगेशकर का जुड़ाव बिहार झारखंड के साहित्यकारों से रहा है. बिहार के साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु के उपन्यास पर आधारित फिल्म तीसरी कसम में पार्श्व गायिका की भूमिका दीदी ने भी निभाई थी. इसके अलावा भी के साहित्यकारों में दीदी के प्रति अगाध श्रद्धा थी. बिहार के साहित्यकारों का दीदी से जुड़ाव पर पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Connection with Lata Mangeshkar
भारत रत्न लता मंगेशकर का जुड़ाव
author img

By

Published : Feb 6, 2022, 2:03 PM IST

Updated : Feb 6, 2022, 4:20 PM IST

हैदराबादः शरीर से आत्मा को अलग कर दिया जाए तो फिर वह इस सृष्टि में स्थूल बनकर रह जाता है. भारत रत्न लता मंगेशकर के बगैर भारतीय संगीत जगत की हालत इससे अलग नहीं है. लेकिन जाने से पहले उन्होंने भारतीय जनमानस के मन को जो आवाज दी है, उसे देश भुला नहीं सकेगा. और बरसों पहले इसकी स्क्रिप्ट लिखी थी कवि प्रदीप ने. उनके गीत ऐ मेरे वतन के लोगों को अपनी आवाज देकर लताजी उसे देश की आत्मा का गीत बना गईं.

ये भी पढ़ें-स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन, घर लाया गया पार्थिव शरीर

यह बात बरसों पहले देश के राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में कही थी. पटना के कालीदास रंगालय में प्रबुद्धजनों से राष्ट्रकवि ने कहा था कि कभी प्रदीप द्विवेदी द्वारा लिखा गया गाना ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी.. को लता मंगेशकर की आवाज ने देश की आत्मा बना दिया. जब भी यह गाना बजेगा हिंदुस्तान अपनी वीरता पर इठला उठेगा.

बता दें कि अरसा पहले पटना के कालिदास रंगालय में रामधारी सिंह दिनकर ने अपने समकालीन कवि, साहित्यकार, लेखकों और समालोचकों के साथ आत्मीय पलों को साझा करते हुए कहा था कि बिहार में लता मंगेशकर आईं भले न हों लेकिन लता से बिहार कभी अलग रहा ही नहीं. संयुक्त बिहार झारखंड में बिहार रेजिमेंटल सेंटर और रांची, गया, रामगढ़ कैंटोनमेंट सेंटर में जब भी यह गाना बजा है. बिहार झारखंड के लोगों ने सिर्फ यह समझा है कि उन्हें माटी ही मिट जाने के लिए आवाज दे रही है. यह गीत मन में देश भक्ति का जज्बा भर देता है.

रेणु का भी दीदी से जुड़ावः बिहार की एक और शख्सियत का लताजी से जुड़ाव रहा है. आंचलिक उपन्यासकारों के बीच अपनी कलम से लोहा मनवा चुके बिहार के फणीश्वर नाथ रेणु के मन में लताजी के प्रति अगाध श्रद्धा थी. रेणु के उपन्यास मारे गए गुलफाम पर राज कपूर ने तीसरी कसम फिल्म बनाई थी. इस दौरान फणीश्वर नाथ रेणु मुंबई में थे और शूटिंग के दौरान एक बार उनकी मुलाकात लता मंगेशकर से हुई थी जिन्होंने इस फिल्म में अपनी आवाज भी दी थी. इस बात का जिक्र फणीश्वर नाथ रेणु ने अपनी पत्नी लतिका रेनू से किया था और लतिका रेणु ने 2007 में एक वार्ता के दौरान यह बात कही थी.

अधूरी रह गई ख्वाहिशः लतिका रेणु ने कहा था कि साहब जब मुंबई से लौट कर आए तो उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर कभी मुंबई चलना हुआ तो मैं तुम्हें लताजी से मिलवा दूंगा जो साक्षात सरस्वती का स्वरूप हैं. उनका आशीर्वाद जीवन के लिए बहुत अनमोल है, बिहार के लोगों से खासतर से बिहार के साहित्य जगत से कुछ इसी तरह लता मंगेशकर जुड़ी हुई थीं. हालांकि उनकी यह हसरत पूरी नहीं हो सकी.

लता मंगेशकर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज सदियों तक इसी तरह से गूंजती रहेगी. जब देश ऐ मेरे वतन के लोगों गाएगा..उन्हें दीदी की याद आएगी. ऐ मेरे वतन के लोगों लताजी का राग है. यह राष्ट्रभक्ति का जज्बा लोगों में पैदा करता रहेगा. ईटीवी भारत झारखंड लता मंगेशकरको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.

हैदराबादः शरीर से आत्मा को अलग कर दिया जाए तो फिर वह इस सृष्टि में स्थूल बनकर रह जाता है. भारत रत्न लता मंगेशकर के बगैर भारतीय संगीत जगत की हालत इससे अलग नहीं है. लेकिन जाने से पहले उन्होंने भारतीय जनमानस के मन को जो आवाज दी है, उसे देश भुला नहीं सकेगा. और बरसों पहले इसकी स्क्रिप्ट लिखी थी कवि प्रदीप ने. उनके गीत ऐ मेरे वतन के लोगों को अपनी आवाज देकर लताजी उसे देश की आत्मा का गीत बना गईं.

ये भी पढ़ें-स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन, घर लाया गया पार्थिव शरीर

यह बात बरसों पहले देश के राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में कही थी. पटना के कालीदास रंगालय में प्रबुद्धजनों से राष्ट्रकवि ने कहा था कि कभी प्रदीप द्विवेदी द्वारा लिखा गया गाना ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी.. को लता मंगेशकर की आवाज ने देश की आत्मा बना दिया. जब भी यह गाना बजेगा हिंदुस्तान अपनी वीरता पर इठला उठेगा.

बता दें कि अरसा पहले पटना के कालिदास रंगालय में रामधारी सिंह दिनकर ने अपने समकालीन कवि, साहित्यकार, लेखकों और समालोचकों के साथ आत्मीय पलों को साझा करते हुए कहा था कि बिहार में लता मंगेशकर आईं भले न हों लेकिन लता से बिहार कभी अलग रहा ही नहीं. संयुक्त बिहार झारखंड में बिहार रेजिमेंटल सेंटर और रांची, गया, रामगढ़ कैंटोनमेंट सेंटर में जब भी यह गाना बजा है. बिहार झारखंड के लोगों ने सिर्फ यह समझा है कि उन्हें माटी ही मिट जाने के लिए आवाज दे रही है. यह गीत मन में देश भक्ति का जज्बा भर देता है.

रेणु का भी दीदी से जुड़ावः बिहार की एक और शख्सियत का लताजी से जुड़ाव रहा है. आंचलिक उपन्यासकारों के बीच अपनी कलम से लोहा मनवा चुके बिहार के फणीश्वर नाथ रेणु के मन में लताजी के प्रति अगाध श्रद्धा थी. रेणु के उपन्यास मारे गए गुलफाम पर राज कपूर ने तीसरी कसम फिल्म बनाई थी. इस दौरान फणीश्वर नाथ रेणु मुंबई में थे और शूटिंग के दौरान एक बार उनकी मुलाकात लता मंगेशकर से हुई थी जिन्होंने इस फिल्म में अपनी आवाज भी दी थी. इस बात का जिक्र फणीश्वर नाथ रेणु ने अपनी पत्नी लतिका रेनू से किया था और लतिका रेणु ने 2007 में एक वार्ता के दौरान यह बात कही थी.

अधूरी रह गई ख्वाहिशः लतिका रेणु ने कहा था कि साहब जब मुंबई से लौट कर आए तो उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर कभी मुंबई चलना हुआ तो मैं तुम्हें लताजी से मिलवा दूंगा जो साक्षात सरस्वती का स्वरूप हैं. उनका आशीर्वाद जीवन के लिए बहुत अनमोल है, बिहार के लोगों से खासतर से बिहार के साहित्य जगत से कुछ इसी तरह लता मंगेशकर जुड़ी हुई थीं. हालांकि उनकी यह हसरत पूरी नहीं हो सकी.

लता मंगेशकर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज सदियों तक इसी तरह से गूंजती रहेगी. जब देश ऐ मेरे वतन के लोगों गाएगा..उन्हें दीदी की याद आएगी. ऐ मेरे वतन के लोगों लताजी का राग है. यह राष्ट्रभक्ति का जज्बा लोगों में पैदा करता रहेगा. ईटीवी भारत झारखंड लता मंगेशकरको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.

Last Updated : Feb 6, 2022, 4:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.