रांची: झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाएगी. राज्य पुलिस के डीजीपी एमवी राव ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन के बाद की परिस्थितियों में माओवादियों के लेवी वसूली की राशि में कमी आई है, ऐसे में माओवादी कई जगहों पर आगजनी कर वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डीजीपी ने बताया कि राज्य में माओवादियों ने लॉकडाउन के कारण बाहर से आए मजदूरों को संगठन से जोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली.
सितंबर के बाद आई है तेजी
डीजीपी ने बताया कि सितंबर से अक्टूबर महीने में राज्य में सघन अभियान चला है, पुलिस अब अभियान में और तेजी लाएगी. डीजीपी ने बताया कि सितंबर से अक्टूबर महीने के बीच राज्य पुलिस ने 50 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है, 4 माओवादियों ने सरेंडर किया, वहीं 2 रेगुलर हथियार, 15 देशी हथियार, 26 लैंडमाइंस बरामद की है.
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साइबर अपराध रोकने के लिए जामताड़ा- देवघर में चार प्रशिक्षू आईपीस की तैनाती
डीजीपी ने बताया कि राज्य में जामताड़ा और देवघर में साइबर अपराध की सर्वाधिक घटनाएं हुई हैं, छह महीने के अंदर इन जिलों में साइबर अपराध शून्य करने का लक्ष्य है, दोनों जिलों के सर्वाधिक प्रभावित थानों में चार प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग बतौर थानेदार होगी, तकनीकी कौशल के लैस पुलिस अधिकारी साइबर अपराध रोकने में मददगार होंगे. डीजीपी ने बताया कि साइबर अपराध के मामलों के अध्ययन से पता चला है कि साइबर अपराध के मामलों में अधिकांश पश्चिम बंगाल से जारी सिम कार्ड का इस्तेमाल हुआ है, ऐसे में पश्चिम बंगाल के सिम कार्ड प्रोवाइडर से कार्रवाई का अनुरोध किया गया है.