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भागलपुर दंगाः दो सेवानिवृत आईपीएस अधिकारियों पर गिर सकती है गाज, पुलिस मुख्यालय ने मांगा स्पष्टीकरण

एकीकृत बिहार के समय भागलपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे में झारखंड से सेवानिवृत हुए आईपीएस अधिकारी नवीन कुमार सिन्हा और प्रशांत कुमार कर्ण पर कार्रवाई हो सकती है. दोनों को दंगों से जुड़े एक कांड की जांच में गड़बड़ी का दोषी पाया है.

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Published : Jun 26, 2020, 2:09 AM IST

रांची: एकीकृत बिहार के समय भागलपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे को लेकर झारखंड में कार्यरत रहे दो आईपीएस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. बिहार सरकार ने भागलपुर दंगा कमीशन रिपोर्ट के दूसरे भाग की जानकारी झारखंड सरकार को भेजी थी.

कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड से सेवानिवृत हुए आईपीएस अधिकारी नवीन कुमार सिन्हा और प्रशांत कुमार कर्ण को दंगों से जुड़े एक कांड की जांच में गड़बड़ी का दोषी पाया है.

मांगा गया है स्पष्टीकरण

साल 1989 में भागलपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान दोनों आईपीएस अधिकारी भागलपुर में बतौर डीएसपी तैनात थे, जबकि इस दौरान भागलपुर के एसपी के एस द्विवेदी थे.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में गुरुवार को मिले 42 कोरोना पॉजिटिव, राज्य में कुल मरीजों की संख्या पहुंची 2261

गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को दोनों सेवानिवृत पुलिस पदाधिकारियों से 8 मई 2018 और 7 सितंबर 2018 को स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिया था, लेकिन उस दौरान दोनों अधिकारियों ने अपना पक्ष पुलिस मुख्यालय को नहीं भेजा था. ऐसे में अब झारखंड पुलिस के आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने नए सिरे से दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछा है.

जल्द देना होगा जवाब

आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह दोनों सेवानिवृत आईपीएस अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. अगर दोनों अधिकारी एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्हें स्पष्टीकरण के विरुद्ध कुछ नहीं कहना है. ऐसे में पुलिस मुख्यालय की तरफ से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

रांची: एकीकृत बिहार के समय भागलपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे को लेकर झारखंड में कार्यरत रहे दो आईपीएस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. बिहार सरकार ने भागलपुर दंगा कमीशन रिपोर्ट के दूसरे भाग की जानकारी झारखंड सरकार को भेजी थी.

कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड से सेवानिवृत हुए आईपीएस अधिकारी नवीन कुमार सिन्हा और प्रशांत कुमार कर्ण को दंगों से जुड़े एक कांड की जांच में गड़बड़ी का दोषी पाया है.

मांगा गया है स्पष्टीकरण

साल 1989 में भागलपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान दोनों आईपीएस अधिकारी भागलपुर में बतौर डीएसपी तैनात थे, जबकि इस दौरान भागलपुर के एसपी के एस द्विवेदी थे.

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गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को दोनों सेवानिवृत पुलिस पदाधिकारियों से 8 मई 2018 और 7 सितंबर 2018 को स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिया था, लेकिन उस दौरान दोनों अधिकारियों ने अपना पक्ष पुलिस मुख्यालय को नहीं भेजा था. ऐसे में अब झारखंड पुलिस के आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने नए सिरे से दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछा है.

जल्द देना होगा जवाब

आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह दोनों सेवानिवृत आईपीएस अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. अगर दोनों अधिकारी एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्हें स्पष्टीकरण के विरुद्ध कुछ नहीं कहना है. ऐसे में पुलिस मुख्यालय की तरफ से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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