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लाइट हाउस प्रोजेक्ट: जिनके लिए बन रहा आवास वही खींच रहें हैं हाथ, जानिए वजह

झारखंड में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बन रहे घरों के छज्जे गिरने लगे हैं. इससे वैसे लाभुक भयभीत हैं, जिन्होंने इसके लिए किश्त भरने शुरू कर दिए थे. उनका कहना है कि अभी फ्लैट अच्छे से बना भी नहीं है और अभी से ही यह हाल है तो आगे क्या होगा. उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे हैं. इससे निगम के लिए मुसीबतें बढ़ गई है.

Light House project in Jharkhand
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Published : Jul 20, 2023, 7:02 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची: केंद्र का महत्त्वाकांक्षी प्रोजक्ट 'लाइट हाउस' झारखंड में बार-बार फ्यूज हो जा रहा है. बार-बार लाभुकों को इस प्रोजेक्ट के जरिए लाभ देने की कोशिश की जाती है, लेकिन बार-बार कोई ना कोई अड़चन आ ही जाती है. पहले जहां कुछ लाभुकों ने खुद को डिफॉल्टर बता अपने हाथ पीछे खींच लिए, वहीं अब लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले घर की जर्जर हालत देख बाकि लाभुक भी अपने पैसे वापस मांग रहे हैं.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी के सपने को झारखंड में लग रहा पलीता, लाइट हाउस प्रोजेक्ट की बत्ती गुल!

क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट: बड़े ही उम्मीदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब लोगों को सस्ते दर पर घर मुहैया कराने का सपना देखा था. इसे लेकर एक ड्रीम प्रोजक्ट की शुरुआत की गई, नाम रखा गया-लाइट हाउस प्रोजेक्ट. देश के छह राज्यों में इस प्रोजेक्ट के जरिए गरीब लोगों को लाभ मिलना था. इन राज्यों में झारखंड भी शामिल है. पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के जरिए झारखंड के अलावा अन्य 5 राज्यों गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में लाभुकों को आवास मिल चुके हैं.

Light House project in Jharkhand
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झारखंड में लाइट हाउस पर संकट के बादल: मगर झारखंड में गरीबों के इस लाइट हाउस पर संकट के बादल एक बार फिर मंडराने लगे हैं. काफी जद्दोजहद के बाद राजधानी रांची के धुर्वा में बन रहे गरीबों के आशियाना को लेकर पहले जमीन विवाद, फिर लॉटरी विवाद और अब छज्जा गिरते ही आवास निर्माण की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं. हालत यह है कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराने वाले लाभुक आवंटन रद्द कर पैसा वापस करने की मांग करने लगे हैं.

लाभुक मुकेश सिंह और राधिका देवी का मानना है कि जब अभी से घर गिरने लगा है तो लोग रहेंगे तब क्या होगा. फ्लैट बुकिंग के वक्त लाभुकों को लोन दिलाने के साथ-साथ किश्त पर पैसा जमा करने को कहा गया था. मगर, उसके बाद परेशानी के सिवा कुछ भी नहीं मिला. कर्ज लेकर किसी तरह पहला किश्त दिया गया है. मगर, जब घर बनने के वक्त ही गिरने लगा तो उसमें रहकर क्या करेंगे.

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लाइट हाउस निर्माण अनियमितता की हो जांच-सीपी सिंह: प्रोजेक्ट में छज्जा गिरने के बाद क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं. पूर्व नगर विकास मंत्री और रांची के विधायक सीपी सिंह ने इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि क्वालिटी में आ रही गड़बड़ी की शिकायत को देखते हुए तत्काल इसकी जांच करा कर दोषी ठेकेदार और अभियंता पर कार्रवाई करनी चाहिए. मगर अधिकारी उपकृत होने की वजह से इसे नजरअंदाज कर रहे हैं. ऐसे में लाभुकों का डर स्वभाविक है. इस वजह से लोग लाइट हाउस से हाथ खींचने लगे हैं.

धुर्वा के सेक्टर टू में बन रहा है 1008 फ्लैट: धुर्वा के सेक्टर टू में बन रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट में 1008 फ्लैट का निर्माण अंतिम चरण में है. जमीन विवाद की वजह से 2021 में इस स्थल पर निर्माण कार्य शुरू हुआ था. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद नगर निगम के माध्यम से लॉटरी निकालकर लाभुकों को फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया शुरू हुई. मगर फ्लैट के लिए निर्धारित राशि देने में लाभुक फेल होते चले गए. एक दो नहीं इनकी संख्या चार सौ के करीब पहुंच चुकी है.

इन सबके बीच नगर निगम को जिन लाभुकों ने किश्त के पैसे आंशिक रूप से भी दिए हैं, उन्होंने निर्माणाधीन फ्लैट के अचानक छज्जा गिरने से भयभीत होकर आवंटन रद्द कर पैसा वापस करने की मांग की है. इससे नगर निगम की मुसीबत बढ़ गई है. पहले से ही बाकि लाभुकों के डिफॉल्टर होने की वजह से उनके स्थान पर नये सिरे से लॉटरी और आवंटन की तैयारी कर रहे रांची नगर निगम के लिए एक नई मुसीबत इस रूप में आ गई है. हालांकि इस संबंध में नगर निगम के कोई अधिकारी कैमरे पर बोलने से परहेज कर रहे हैं.

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रांची: केंद्र का महत्त्वाकांक्षी प्रोजक्ट 'लाइट हाउस' झारखंड में बार-बार फ्यूज हो जा रहा है. बार-बार लाभुकों को इस प्रोजेक्ट के जरिए लाभ देने की कोशिश की जाती है, लेकिन बार-बार कोई ना कोई अड़चन आ ही जाती है. पहले जहां कुछ लाभुकों ने खुद को डिफॉल्टर बता अपने हाथ पीछे खींच लिए, वहीं अब लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले घर की जर्जर हालत देख बाकि लाभुक भी अपने पैसे वापस मांग रहे हैं.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी के सपने को झारखंड में लग रहा पलीता, लाइट हाउस प्रोजेक्ट की बत्ती गुल!

क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट: बड़े ही उम्मीदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब लोगों को सस्ते दर पर घर मुहैया कराने का सपना देखा था. इसे लेकर एक ड्रीम प्रोजक्ट की शुरुआत की गई, नाम रखा गया-लाइट हाउस प्रोजेक्ट. देश के छह राज्यों में इस प्रोजेक्ट के जरिए गरीब लोगों को लाभ मिलना था. इन राज्यों में झारखंड भी शामिल है. पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के जरिए झारखंड के अलावा अन्य 5 राज्यों गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में लाभुकों को आवास मिल चुके हैं.

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झारखंड में लाइट हाउस पर संकट के बादल: मगर झारखंड में गरीबों के इस लाइट हाउस पर संकट के बादल एक बार फिर मंडराने लगे हैं. काफी जद्दोजहद के बाद राजधानी रांची के धुर्वा में बन रहे गरीबों के आशियाना को लेकर पहले जमीन विवाद, फिर लॉटरी विवाद और अब छज्जा गिरते ही आवास निर्माण की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं. हालत यह है कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराने वाले लाभुक आवंटन रद्द कर पैसा वापस करने की मांग करने लगे हैं.

लाभुक मुकेश सिंह और राधिका देवी का मानना है कि जब अभी से घर गिरने लगा है तो लोग रहेंगे तब क्या होगा. फ्लैट बुकिंग के वक्त लाभुकों को लोन दिलाने के साथ-साथ किश्त पर पैसा जमा करने को कहा गया था. मगर, उसके बाद परेशानी के सिवा कुछ भी नहीं मिला. कर्ज लेकर किसी तरह पहला किश्त दिया गया है. मगर, जब घर बनने के वक्त ही गिरने लगा तो उसमें रहकर क्या करेंगे.

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लाइट हाउस निर्माण अनियमितता की हो जांच-सीपी सिंह: प्रोजेक्ट में छज्जा गिरने के बाद क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं. पूर्व नगर विकास मंत्री और रांची के विधायक सीपी सिंह ने इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि क्वालिटी में आ रही गड़बड़ी की शिकायत को देखते हुए तत्काल इसकी जांच करा कर दोषी ठेकेदार और अभियंता पर कार्रवाई करनी चाहिए. मगर अधिकारी उपकृत होने की वजह से इसे नजरअंदाज कर रहे हैं. ऐसे में लाभुकों का डर स्वभाविक है. इस वजह से लोग लाइट हाउस से हाथ खींचने लगे हैं.

धुर्वा के सेक्टर टू में बन रहा है 1008 फ्लैट: धुर्वा के सेक्टर टू में बन रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट में 1008 फ्लैट का निर्माण अंतिम चरण में है. जमीन विवाद की वजह से 2021 में इस स्थल पर निर्माण कार्य शुरू हुआ था. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद नगर निगम के माध्यम से लॉटरी निकालकर लाभुकों को फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया शुरू हुई. मगर फ्लैट के लिए निर्धारित राशि देने में लाभुक फेल होते चले गए. एक दो नहीं इनकी संख्या चार सौ के करीब पहुंच चुकी है.

इन सबके बीच नगर निगम को जिन लाभुकों ने किश्त के पैसे आंशिक रूप से भी दिए हैं, उन्होंने निर्माणाधीन फ्लैट के अचानक छज्जा गिरने से भयभीत होकर आवंटन रद्द कर पैसा वापस करने की मांग की है. इससे नगर निगम की मुसीबत बढ़ गई है. पहले से ही बाकि लाभुकों के डिफॉल्टर होने की वजह से उनके स्थान पर नये सिरे से लॉटरी और आवंटन की तैयारी कर रहे रांची नगर निगम के लिए एक नई मुसीबत इस रूप में आ गई है. हालांकि इस संबंध में नगर निगम के कोई अधिकारी कैमरे पर बोलने से परहेज कर रहे हैं.

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