रांचीः राजधानी के लोगों को जल्द ही झारखंड की कला और संस्कृति को दर्शाता एलिवेटेड कॉरिडोर की सौगात मिलेगी. रातू रोड में बन रहे इस एलिवेटेड कॉरिडोर को अंतिम रूप देने में निर्माण कंपनी जुटी हुई है. इस एलिवेटेड कॉरिडोर को सुसज्जित करने की जिम्मेदारी नागपुर की एक एजेंसी को दी जा रही है. यह एजेंसी इस एलिवेटेड कॉरिडोर के सभी पीलर को बेहतर तरीके से सजाने का काम करेगा. वहीं इस साज-सज्जा के कार्य में लगभग 2.5 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है.
सौंदर्यीकरण के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर को पांच जोन में बांटा गयाः साज-सज्जा के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर को पांच जोन में बांटा गया है. जिसमें ट्राइबल जोन, पर्सनैलिटी जोन, स्पोर्ट्स जोन, सोशल एवयरनेस जोन और ग्रीन जोन शामिल हैं. पर्सनैलिटी जोन में झारखंड के महापुरुषों भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, नीलांबर-पीतांबर, चांद-भैरव सहित कई महापुरुषों की जीवन गाथा देखने को मिलेगी. वहीं स्पोर्ट्स जोन में हॉकी, फुटबॉल, तीरंदाजी, ओलंपिक सहित अन्य खेलों से जुड़े झारखंड के खिलाड़ी और उनकी उपलब्धियां देखने को मिलेंगी. ग्रीन जोन में झारखंड की नदियों, पहाड़ और झरने दिखेंगी. सोशल अवेयरनेस जोन में कई प्रकार के सामाजिक संदेश होंगे. रंग-बिरंगे लाइटों से सजे इस एलिवेटेड कॉरिडोर के स्टील के प्लेट भी रंग-बिरंगी लाइट्स से सजे होंगे, ताकि कॉरिडोर और भी खूबसूरत दिखे. कॉरिडोर के ऊपर की दीवारों पर भी सोहराय पेंटिंग, छऊ और पाइका नृत्य की भी झलक देखने को मिलेगी.
एलिवेटेड कॉरिडोर पर दिखेगी 3डी के माध्यम से प्राकृतिक छटाः झारखंड के जंगल, झरने और वन्य जीव को 3डी के माध्यम से दिखाया जाएगा. रांची सांसद संजय सेठ के अनुसार इसके लिए एनएचएआई और केसीसी बिल्डकॉन के द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है. यह प्रयास किया जा रहा है कि रांची का यह एलिवेटेड कॉरिडोर देश के चुनिंदा कॉरिडोर में शामिल हो सके. उन्होंने कहा कि एलिवेटेड कॉरिडोर से गुजरने वालों को झारखंड में होने का अहसास होगा. झारखंड की कला-संस्कृति को देखने का अवसर मिलेगा. यहां के महापुरुषों की जीवन गाथा भी दिखेगी. गौरतलब है कि 2024 मार्च तक इस कॉरिडोर को पूरा करने का लक्ष्य है. संभावना यह है कि निर्धारित समय सीमा से पहले इसका कार्य पूरा हो जाए.