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नाबालिग की दर्द भरी दास्तां: गलती पर गर्म सलाखें, ठंड में छत पर सोने की सजा - बंधुआ मजदूर बना लिया

पिछले दिनों पूर्व आईएएस की पत्नी और बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा के अपने घरेलू नौकर पर जुल्म करने की बात समाने आई थी. वैसा ही एक और मामला सामने आया है. भारती कुमार नाम की महिला ने अपने घर में घरेलू नौकर के तौर पर एक नाबालिग को रखा था. इस बच्चे पर उसने इतने जुल्म किए कि जिसे देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं (Beating and inhuman treatment of minor servant).

Beating and inhuman treatment of minor servant By woman
Beating and inhuman treatment of minor servant By woman
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Published : Nov 3, 2022, 12:45 PM IST

Updated : Nov 3, 2022, 1:52 PM IST

रांची: राजधानी रांची के अरगोड़ा में पूर्व आईएएस अधिकारी की पत्नी सह बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा के बाद घरेलू नौकर के ऊपर बेइंतहा जुल्म करने का एक और मामला सामने आया है. अपने मालकिन भारती कुमार के प्रताड़ना से तंग आकर 11 वर्षीय मासूम आदिवासी बच्चा घर से भागने में कामयाब हो गया, जिसके बाद यह कहानी सामने आई है (Beating and inhuman treatment of minor servant).

ये भी पढ़ें: रिटायर्ड आईएएस की पत्नी और भाजपा नेता सीमा पात्रा गिरफ्तार, नौकरानी के साथ की थी हैवानियत


क्या है पूरा मामला: एक सप्ताह पहले अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार को उनके क्षेत्र में एक 11 वर्षीय आदिवासी बच्चा भटकते हुए मिला था. विनोद कुमार ने बच्चे को चाइल्डलाइन को सौंप दिया था कि उसे रहने की जगह मिल जाए. चाइल्डलाइन पहुंचने के बाद बच्चा वहीं पर रह रहा था, इसी दौरान सीडब्ल्यूसी की टीम चाइल्ड लाइन पहुंची थी. इस दौरान पुलिस के द्वारा चाइल्डलाइन को सौपें बगैर बच्चे की काउंसलिंग शुरू की गई.

काउंसलिंग में जो बातें निकल कर सामने आई उसमें सामने बैठे सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों के चौंक गए. मासूम आदिवासी बच्चे ने अपनी प्रताड़ना की जो कहानी सुनाई वह बहुत ही दर्दनाक थी. मासूम में सीडब्ल्यूसी को बताया कि उसके मां-बाप ने उसे 7 साल की उम्र में ही अरगोड़ा की रहने वाली भारती कुमार को सौंप दिया था. भारती कुमार ने उसे बंधुआ मजदूर बना लिया और उसके बाद शुरू हुआ सितम का दौर.

पढ़ाने के नाम पर महिला ने बच्चे को अपने घर पर लाया था, लेकिन उससे वह अपने घरेलू काम करवाने लगी और काम में थोड़ी सा भी कोई गलती हो जाती तो बच्चे को लोहे को गर्म कर उसकी पीठ पर दागा जाता था. यहां तक की चाबी से भी उसके शरीर में जख्म किए जाते थे. मासूम ने सीडब्ल्यूसी को यह भी बताया है कि ठंड की रात में भी उसे छत पर सोने की जगह दी जाती थी. जब भी महिला के घर कोई मेहमान आता था तो उसे छत पर भेज दिया था ताकि उसके बारे में किसी को कोई जानकारी ना मिल सके.

प्रताड़ना से तंग आकर घर से भागा: काउंसलिंग के दौरान सीडब्ल्यूसी की टीम ने मासूम बच्चे के शरीर को भी देखा उसके पेट में 100 से अधिक चोट के निशान मिले हैं. मासूम ने सीडब्ल्यूसी को बताया की प्रताड़ना से तंग आकर वह एक दिन घर से भाग गया. स्थानीय लोगों की मदद और पुलिस के माध्यम से वह ओपन शेल्टर होम पहुंच गया.

कार्रवाई की तैयारी: पूरे मामले को लेकर सीडब्ल्यूसी में आरोपी महिला पर कार्रवाई करने के लिए रांची के सीनियर एसपी को पत्र लिखा है. मामला सामने आने के बाद आरोपी महिला पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. रांची पुलिस मासूम बच्चे का बयान भी दर्ज करेगी.

रांची: राजधानी रांची के अरगोड़ा में पूर्व आईएएस अधिकारी की पत्नी सह बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा के बाद घरेलू नौकर के ऊपर बेइंतहा जुल्म करने का एक और मामला सामने आया है. अपने मालकिन भारती कुमार के प्रताड़ना से तंग आकर 11 वर्षीय मासूम आदिवासी बच्चा घर से भागने में कामयाब हो गया, जिसके बाद यह कहानी सामने आई है (Beating and inhuman treatment of minor servant).

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क्या है पूरा मामला: एक सप्ताह पहले अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार को उनके क्षेत्र में एक 11 वर्षीय आदिवासी बच्चा भटकते हुए मिला था. विनोद कुमार ने बच्चे को चाइल्डलाइन को सौंप दिया था कि उसे रहने की जगह मिल जाए. चाइल्डलाइन पहुंचने के बाद बच्चा वहीं पर रह रहा था, इसी दौरान सीडब्ल्यूसी की टीम चाइल्ड लाइन पहुंची थी. इस दौरान पुलिस के द्वारा चाइल्डलाइन को सौपें बगैर बच्चे की काउंसलिंग शुरू की गई.

काउंसलिंग में जो बातें निकल कर सामने आई उसमें सामने बैठे सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों के चौंक गए. मासूम आदिवासी बच्चे ने अपनी प्रताड़ना की जो कहानी सुनाई वह बहुत ही दर्दनाक थी. मासूम में सीडब्ल्यूसी को बताया कि उसके मां-बाप ने उसे 7 साल की उम्र में ही अरगोड़ा की रहने वाली भारती कुमार को सौंप दिया था. भारती कुमार ने उसे बंधुआ मजदूर बना लिया और उसके बाद शुरू हुआ सितम का दौर.

पढ़ाने के नाम पर महिला ने बच्चे को अपने घर पर लाया था, लेकिन उससे वह अपने घरेलू काम करवाने लगी और काम में थोड़ी सा भी कोई गलती हो जाती तो बच्चे को लोहे को गर्म कर उसकी पीठ पर दागा जाता था. यहां तक की चाबी से भी उसके शरीर में जख्म किए जाते थे. मासूम ने सीडब्ल्यूसी को यह भी बताया है कि ठंड की रात में भी उसे छत पर सोने की जगह दी जाती थी. जब भी महिला के घर कोई मेहमान आता था तो उसे छत पर भेज दिया था ताकि उसके बारे में किसी को कोई जानकारी ना मिल सके.

प्रताड़ना से तंग आकर घर से भागा: काउंसलिंग के दौरान सीडब्ल्यूसी की टीम ने मासूम बच्चे के शरीर को भी देखा उसके पेट में 100 से अधिक चोट के निशान मिले हैं. मासूम ने सीडब्ल्यूसी को बताया की प्रताड़ना से तंग आकर वह एक दिन घर से भाग गया. स्थानीय लोगों की मदद और पुलिस के माध्यम से वह ओपन शेल्टर होम पहुंच गया.

कार्रवाई की तैयारी: पूरे मामले को लेकर सीडब्ल्यूसी में आरोपी महिला पर कार्रवाई करने के लिए रांची के सीनियर एसपी को पत्र लिखा है. मामला सामने आने के बाद आरोपी महिला पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. रांची पुलिस मासूम बच्चे का बयान भी दर्ज करेगी.

Last Updated : Nov 3, 2022, 1:52 PM IST
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