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Lockdown Effect: बैंक्वेट हॉल मालिक और कैटरर्स पर लॉकडाउन बना आफत, व्यापार में करोड़ों का हो रहा नुकसान

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Published : Jun 23, 2021, 9:54 AM IST

Updated : Jun 23, 2021, 2:49 PM IST

कोविड-19 के कारण झारखंड सरकार की ओर से शादी-विवाह, जन्मदिन जैसे समारोह में 11 से ज्यादा लोगों पर रोक लगाई गई है. इस वजह से बैंक्वेट हॉल के मालिक और कैटरिंग से जुड़े व्यापारियों का जीवन-यापन करना काफी मुश्किल हो गया है. ऐसे में उन्होंने सरकार से टैक्स में रियायत की मांग की है.

caterers traders are losing crores due to lockdown
डिजाइन इमेज

रांची: कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए भीड़ पर नियंत्रण करना सबसे ज्यादा जरूरी है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने शादी-विवाह पार्टी पर कड़ाई की है, ताकि भीड़ पर ज्यादा से ज्यादा नियंत्रण किया जा सके. इसी को देखते हुए झारखंड में फिलहाल शादी विवाह, जन्मदिन जैसे आयोजन पर कड़ाई बरती जा रही है, जिससे कि लोग एक जगह पर जमा ना हो और संक्रमण न फैले.

ये भी पढ़ेंः-कोरोना ने छीनी लोहारों की रोजी, बंदी के कगार पर बटाली उद्योग

सरकार के इस फैसले से कोरोना पर नियंत्रण पाया जा रहा है. लेकिन कैटरिंग के व्यापार से जुड़े लोगों पर आफत आ गई है. झारखंड में लगभग 5 से 7 हजार लोग कैटरिंग के व्यापार से जुड़े हैं. पूरे राज्य में 50 से 100 करोड़ का व्यापार कैटरर्स करते हैं.

देखें पूरी खबर

मुश्किल में व्यापारियों का जीवन-यापन

स्वागतम् बैंक्वेट हॉल (banquet hall) के संचालक संजय कुमार बताते हैं कि जिस तरह से वर्तमान में सरकार की ओर से शादी-विवाह जैसे समारोह पर रोक लगाई गई है और यह नियम बनाया गया है कि ऐसे समारोह में 11 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे. ऐसे में सरकार के नियमानुसार लोग अब आयोजन अपने घरों में ही करते हैं. बैंक्वेट हॉल और कैटरर्स का उपयोग न के बराबर हो गया है. इस वजह से विवाह भवन के मालिक और कैटरिंग से जुड़े व्यापारियों का जीवन-यापन करना काफी मुश्किल हो गया है.

banquet hall owners and caterers demanding tax exemption
हाथी की आकृति

टैक्स में रियायत की मांग

बैंक्वेट हॉल के मालिक और कैटरर्स सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें अपने टैक्स भरने को लेकर थोड़ी रियायत दी जाए. कैटरिंग का व्यापार (catering business) करने वाले राहुल कुमार बताते हैं कि शादी-विवाह के मौसम में उनका व्यापार राजस्व के लिए भी काफी लाभदायक होता था. लेकिन सरकार की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन की वजह से लोगों में अब कैटरर्स और बैंक्वेट हॉल की डिमांड नहीं के बराबर है.

banquet hall owners and caterers demanding tax exemption
बैंक्वेट हॉल

कैटरर राहुल बताते हैं कि मई, जून और जुलाई के महीने को शादी का महीना कहा जाता है क्योंकि इसमें अत्यधिक लग्न होता है. लेकिन कोरोना की वजह से शादी विवाह कराने वाले लोगों का व्यापार चौपट हो गया है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. कैटरिंग का व्यापार करने वाले लोग अपनी परेशानी को लेकर सरकार से लगातार अपील कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए लगाए गए प्रतिबंध का पालन करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं लेकिन इससे हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से टैक्स में रियायत दी जाए.

रांची: कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए भीड़ पर नियंत्रण करना सबसे ज्यादा जरूरी है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने शादी-विवाह पार्टी पर कड़ाई की है, ताकि भीड़ पर ज्यादा से ज्यादा नियंत्रण किया जा सके. इसी को देखते हुए झारखंड में फिलहाल शादी विवाह, जन्मदिन जैसे आयोजन पर कड़ाई बरती जा रही है, जिससे कि लोग एक जगह पर जमा ना हो और संक्रमण न फैले.

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सरकार के इस फैसले से कोरोना पर नियंत्रण पाया जा रहा है. लेकिन कैटरिंग के व्यापार से जुड़े लोगों पर आफत आ गई है. झारखंड में लगभग 5 से 7 हजार लोग कैटरिंग के व्यापार से जुड़े हैं. पूरे राज्य में 50 से 100 करोड़ का व्यापार कैटरर्स करते हैं.

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मुश्किल में व्यापारियों का जीवन-यापन

स्वागतम् बैंक्वेट हॉल (banquet hall) के संचालक संजय कुमार बताते हैं कि जिस तरह से वर्तमान में सरकार की ओर से शादी-विवाह जैसे समारोह पर रोक लगाई गई है और यह नियम बनाया गया है कि ऐसे समारोह में 11 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे. ऐसे में सरकार के नियमानुसार लोग अब आयोजन अपने घरों में ही करते हैं. बैंक्वेट हॉल और कैटरर्स का उपयोग न के बराबर हो गया है. इस वजह से विवाह भवन के मालिक और कैटरिंग से जुड़े व्यापारियों का जीवन-यापन करना काफी मुश्किल हो गया है.

banquet hall owners and caterers demanding tax exemption
हाथी की आकृति

टैक्स में रियायत की मांग

बैंक्वेट हॉल के मालिक और कैटरर्स सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें अपने टैक्स भरने को लेकर थोड़ी रियायत दी जाए. कैटरिंग का व्यापार (catering business) करने वाले राहुल कुमार बताते हैं कि शादी-विवाह के मौसम में उनका व्यापार राजस्व के लिए भी काफी लाभदायक होता था. लेकिन सरकार की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन की वजह से लोगों में अब कैटरर्स और बैंक्वेट हॉल की डिमांड नहीं के बराबर है.

banquet hall owners and caterers demanding tax exemption
बैंक्वेट हॉल

कैटरर राहुल बताते हैं कि मई, जून और जुलाई के महीने को शादी का महीना कहा जाता है क्योंकि इसमें अत्यधिक लग्न होता है. लेकिन कोरोना की वजह से शादी विवाह कराने वाले लोगों का व्यापार चौपट हो गया है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. कैटरिंग का व्यापार करने वाले लोग अपनी परेशानी को लेकर सरकार से लगातार अपील कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए लगाए गए प्रतिबंध का पालन करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं लेकिन इससे हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से टैक्स में रियायत दी जाए.

Last Updated : Jun 23, 2021, 2:49 PM IST
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