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सदन में सरयू पर भड़के बन्ना गुप्ता कहा- कभी सरकार की करते हैं चाटुकारिता तो कभी विपक्ष में बोलने लगते हैं, राजनीति के हरिश्चंद्र भी यही हैं

झारखंड बजट सत्र 2023 की कार्यवाही के दौरन 20 मार्च को सदन में स्वास्थ्य विभाग के बजट को लेकर चर्चा परिचर्चा को दौरान सदन में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सरयू राय पर भड़क गए. बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरयू राय डरा कर राजनीति करवाना चाहते हैं. कभी सरकार की चाटुकारिता करते हैं और कभी विरोध करने लगते हैं....

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Published : Mar 20, 2023, 8:18 PM IST

रांची: झारखंड बजट सत्र 2023 में 20 मार्च की तारीख ऐतिहासिक रही है. 20 तरीख को से स्वास्थ्य विभाग के बजट को लेकर चर्चा परिचर्चा होनी थी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिस तरीके से सदन में जवाब दिया यह भी लोकतांत्रिक प्रणाली में संसदीय कार्य व्यवस्था का एक नमूना ही बन गया.

ये भी पढ़ें- VIDEO: 'राज्य के एकमात्र स्वघोषित ईमानदार हरिश्चंद्र हैं, लोगों को डराकर करना चाहते हैं राजनीति'

सदन में स्वास्थ्य विभाग पर बजट का पक्ष रखने के लिए स्वास्थ्य मंत्री खड़े हुए, तो सरजू राय के कई सवालों पर काफी नाराज हो गए. सरयू राय का आरोप था कि विभाग में जिस तरह से काम चल रहा है उसको लेकर सवाल पूछे जाने पर कोई उत्तर नहीं मिलता है. जिन कागजात को सदन में रखा गया उसको लेकर के उनके खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री ने मानहानि का दावा कर दिया है और विभाग ने उनके ऊपर और अरगोड़ा थाने में एफआईआर करा दिया है.

इसी सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरयू राय का राजनीति का स्टैंड तो क्लियर ही नहीं है. कभी सरकार की चाटुकारिता करने लगते हैं तो कभी सरकार के विपक्ष में बोलने लगते हैं. सदन में सबसे सीनियर नेता है इसलिए किसी पर भी कोई सवाल उठा देते हैं. इनको लगता है कि राजनीति के हरिश्चंद्र यही है. इनको सब पर सवाल उठाने का अधिकार है, बन्ना गुप्ता सरजू राय के मुद्दे पर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सरजू राय काम करते हैं इन्हें ऐसा लगता है कि यह डरा करके राजनीति करेंगे. अब तक यही इनका यही राजनीतिक स्टैंड ही रहा है. इन्हें पता होना चाहिए कि अब डरा करके राजनीति करने का दौर खत्म हो गया है. हम लोग डर और दबाव में आकर काम करने वाले नहीं है. जनता की सेवा करने का मौका मिला है और जनता की सेवा करेंगे और उन्हीं का जवाब देंगे.

सदन में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विरोधियों को किसी तरीके से बख्शने के मूड में नहीं थे. उन्होंने सदन में कहा कि यहां लोग सवाल उठाते हैं कि प्रधानमंत्री केयर फंड के तहत जो वेंटिलेटर आए हैं उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं उन लोगों को जानकारी होना चाहिए कि प्रधानमंत्री के साथ यह बातें डायरेक्टर ने साफ साफ तौर पर कह दिया था, कि जो वेंटिलेटर आए हैं वह ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. बन्ना गुप्ता ने कहा बड़ा सवाल यही है कि केंद्र की हमारी सरकार वैसे लोगों को वेंटिलेटर बनाने का जिम्मा दी है जो साइकिल बनाते हैं.

ये भी पढ़ें- पोक्सो और साइबर मामलों पर गृह विभाग ने सदन को किया गुमराह, मनीष जयसवाल ने सरकार को घेरा

केन्द्र सरकार से हेलीकॉप्टर बनाने का ठेका उन्हें दे दिया जाता है जिन्हें साइकिल बनाने का भी अनुभव नहीं रहा है. यह चीजें वह लोग समझाने की कोशिश कर रहे हैं जिन लोगों ने ही स्वास्थ्य विभाग को गर्त में डाला है. हम लोग एक इंजन वाले हेलीकॉप्टर से व्यवस्था को सुधारने का काम कर रहे हैं. वे लोग झारखंड की व्यवस्था को नहीं सुधार पाए जो लोग दो इंजन के हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते थे. आज वही लोग अपनी बिगाड़ी हुई व्यवस्था को हमारे ऊपर लाद कर सवाल पूछ रहे हैं. डबल इंजन की सरकार वालों ने झारखंड में इमानदारी से कार्य किया होता तो आज ये हालात नहीं होते.

कोरोना काल में जिस तरीके से हम लोगों ने काम किया वह अपने आप में एक नजीर है. जब लोगों अपनों को यूंही छोड़कर के लोग चले जा रहे थे, तब हम लोगों ने उन लोगों के अंतिम संस्कार उनके धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार किया. इन लोगों को यह पता होना चाहिए कि ये उत्तर प्रदेश नहीं है. यूपी में करोना के समय कोरोना से मरे लोगों की लाशें गंगा में फेंक दी गई. हम लोगों ने ईमानदारी से काम किया और सभी लोगों के साथ झारखंड में हर सुविधा देने की कोशिश की. हमारा यह संकल्प है और हम लोग कोशिश भी कर रहे हैं जिस विकास के तरफ स्वास्थ्य विभाग को ले जाना है हम लोग स्वास्थ्य विभाग को हर हाल में ले जाएंगे और इसमें किसी तरह की कोई कोताही नहीं होने देंगे.

20 मार्च स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा थी स्वास्थ्य मंत्री को अपने विभाग का जवाब भी देना था. जिस तरीके का जवाब सदन में आया वह निश्चित तौर पर झारखंड में कई तरह के प्रश्न भी खड़ा कर गया. आज स्वास्थ्य विभाग के मंत्री के निशाने पर सरयू राय थे. जिन्हें सरकार की चाटुकारिता करने तक की बात सदन में कही गई. बाहर हाल 20 मार्च का दिन स्वास्थ्य विभाग की चर्चा के लिए तो था लेकिन जिस तरह की चर्चा हुई उसने निश्चित तौर पर सदन में मौजूद कई लोगों का स्वास्थ्य और बीपी जरूर ऊपर हो गया होगा.

रांची: झारखंड बजट सत्र 2023 में 20 मार्च की तारीख ऐतिहासिक रही है. 20 तरीख को से स्वास्थ्य विभाग के बजट को लेकर चर्चा परिचर्चा होनी थी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिस तरीके से सदन में जवाब दिया यह भी लोकतांत्रिक प्रणाली में संसदीय कार्य व्यवस्था का एक नमूना ही बन गया.

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सदन में स्वास्थ्य विभाग पर बजट का पक्ष रखने के लिए स्वास्थ्य मंत्री खड़े हुए, तो सरजू राय के कई सवालों पर काफी नाराज हो गए. सरयू राय का आरोप था कि विभाग में जिस तरह से काम चल रहा है उसको लेकर सवाल पूछे जाने पर कोई उत्तर नहीं मिलता है. जिन कागजात को सदन में रखा गया उसको लेकर के उनके खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री ने मानहानि का दावा कर दिया है और विभाग ने उनके ऊपर और अरगोड़ा थाने में एफआईआर करा दिया है.

इसी सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरयू राय का राजनीति का स्टैंड तो क्लियर ही नहीं है. कभी सरकार की चाटुकारिता करने लगते हैं तो कभी सरकार के विपक्ष में बोलने लगते हैं. सदन में सबसे सीनियर नेता है इसलिए किसी पर भी कोई सवाल उठा देते हैं. इनको लगता है कि राजनीति के हरिश्चंद्र यही है. इनको सब पर सवाल उठाने का अधिकार है, बन्ना गुप्ता सरजू राय के मुद्दे पर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सरजू राय काम करते हैं इन्हें ऐसा लगता है कि यह डरा करके राजनीति करेंगे. अब तक यही इनका यही राजनीतिक स्टैंड ही रहा है. इन्हें पता होना चाहिए कि अब डरा करके राजनीति करने का दौर खत्म हो गया है. हम लोग डर और दबाव में आकर काम करने वाले नहीं है. जनता की सेवा करने का मौका मिला है और जनता की सेवा करेंगे और उन्हीं का जवाब देंगे.

सदन में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विरोधियों को किसी तरीके से बख्शने के मूड में नहीं थे. उन्होंने सदन में कहा कि यहां लोग सवाल उठाते हैं कि प्रधानमंत्री केयर फंड के तहत जो वेंटिलेटर आए हैं उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं उन लोगों को जानकारी होना चाहिए कि प्रधानमंत्री के साथ यह बातें डायरेक्टर ने साफ साफ तौर पर कह दिया था, कि जो वेंटिलेटर आए हैं वह ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. बन्ना गुप्ता ने कहा बड़ा सवाल यही है कि केंद्र की हमारी सरकार वैसे लोगों को वेंटिलेटर बनाने का जिम्मा दी है जो साइकिल बनाते हैं.

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केन्द्र सरकार से हेलीकॉप्टर बनाने का ठेका उन्हें दे दिया जाता है जिन्हें साइकिल बनाने का भी अनुभव नहीं रहा है. यह चीजें वह लोग समझाने की कोशिश कर रहे हैं जिन लोगों ने ही स्वास्थ्य विभाग को गर्त में डाला है. हम लोग एक इंजन वाले हेलीकॉप्टर से व्यवस्था को सुधारने का काम कर रहे हैं. वे लोग झारखंड की व्यवस्था को नहीं सुधार पाए जो लोग दो इंजन के हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते थे. आज वही लोग अपनी बिगाड़ी हुई व्यवस्था को हमारे ऊपर लाद कर सवाल पूछ रहे हैं. डबल इंजन की सरकार वालों ने झारखंड में इमानदारी से कार्य किया होता तो आज ये हालात नहीं होते.

कोरोना काल में जिस तरीके से हम लोगों ने काम किया वह अपने आप में एक नजीर है. जब लोगों अपनों को यूंही छोड़कर के लोग चले जा रहे थे, तब हम लोगों ने उन लोगों के अंतिम संस्कार उनके धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार किया. इन लोगों को यह पता होना चाहिए कि ये उत्तर प्रदेश नहीं है. यूपी में करोना के समय कोरोना से मरे लोगों की लाशें गंगा में फेंक दी गई. हम लोगों ने ईमानदारी से काम किया और सभी लोगों के साथ झारखंड में हर सुविधा देने की कोशिश की. हमारा यह संकल्प है और हम लोग कोशिश भी कर रहे हैं जिस विकास के तरफ स्वास्थ्य विभाग को ले जाना है हम लोग स्वास्थ्य विभाग को हर हाल में ले जाएंगे और इसमें किसी तरह की कोई कोताही नहीं होने देंगे.

20 मार्च स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा थी स्वास्थ्य मंत्री को अपने विभाग का जवाब भी देना था. जिस तरीके का जवाब सदन में आया वह निश्चित तौर पर झारखंड में कई तरह के प्रश्न भी खड़ा कर गया. आज स्वास्थ्य विभाग के मंत्री के निशाने पर सरयू राय थे. जिन्हें सरकार की चाटुकारिता करने तक की बात सदन में कही गई. बाहर हाल 20 मार्च का दिन स्वास्थ्य विभाग की चर्चा के लिए तो था लेकिन जिस तरह की चर्चा हुई उसने निश्चित तौर पर सदन में मौजूद कई लोगों का स्वास्थ्य और बीपी जरूर ऊपर हो गया होगा.

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