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बैंकों के निजीकरण को लेकर विरोध, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन का राजभवन घेराव

रांची में केंद्र सरकार के आईडीबीआई और 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण करने के विरोध में बैंकों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सदस्य और अधिकारियों ने प्रस्ताव को वापस लेने की अपील की है. इस दौरान उन्होंने देश भर में 15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेवाएं बंद करने की घोषणा की.

bank personnel  protest in Ranchi
केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण प्रस्ताव का रांची में विरोध
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Published : Feb 20, 2021, 7:45 AM IST

रांची: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आवाह्नन पर बैंक कर्मियों ने राजभवन के समीप एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस धरने में सैकड़ों की संख्या में बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारी मौजूद रहे. केंद्र सरकार की ओर से आईडीबीआई और 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजी करने के प्रस्ताव के विरोध में प्रदर्शन किया गया.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली आज, पार्टी ने झोंकी पूरी ताकत, पूरा हजारीबाग बैनर और पोस्टरों से पटा



निजीकरण के फैसले वापस लेने की गुहार

धरने पर बैठे बैंक कर्मियों ने कहा कि केंद्र सरकार पिछले 3 दशकों से इस सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सुधार के नाम पर निजीकरण करने की साजिश कर रही है. इनका कहना है कि केंद्र सरकार के आईडीबीआई और दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य जीवन बीमा एवं सभी सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिया जाए साथ ही जीवन बीमा निगम में 49% से और से 74 प्रतिशत तक एफडीआई के प्रस्ताव को भी वासल ले.


जनता की राय बेहद जरूरी

बैंक यूनियंस के संयुक्त संयोजक एमएल सिंह ने कहा कि आज के परिपेक्ष में बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव बिल्कुल ही गलत है, क्योंकि बैंकों ने देश की जनता की सेवा करने का काम किया है, चाहे नोटबंदी के समय में बैंककर्मियों के द्वारा किया गया कार्य हो या फिर वैश्विक महामारी के बीच बैंककर्मियों ने सरकार को मुनाफा देने का काम किया है.

15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेवाएं बंद

वहीं, उन्होंने केंद्र सरकार से निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है और घोषणा की है कि पूरे देश में 15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेवाएं बंद रहेगी और इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मांगों को लेकर ऑनलाइन पीटिशन फेसबुक टि्वटर के माध्यम से देने का काम किया जाएगा.

रांची: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आवाह्नन पर बैंक कर्मियों ने राजभवन के समीप एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस धरने में सैकड़ों की संख्या में बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारी मौजूद रहे. केंद्र सरकार की ओर से आईडीबीआई और 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजी करने के प्रस्ताव के विरोध में प्रदर्शन किया गया.

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निजीकरण के फैसले वापस लेने की गुहार

धरने पर बैठे बैंक कर्मियों ने कहा कि केंद्र सरकार पिछले 3 दशकों से इस सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सुधार के नाम पर निजीकरण करने की साजिश कर रही है. इनका कहना है कि केंद्र सरकार के आईडीबीआई और दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य जीवन बीमा एवं सभी सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिया जाए साथ ही जीवन बीमा निगम में 49% से और से 74 प्रतिशत तक एफडीआई के प्रस्ताव को भी वासल ले.


जनता की राय बेहद जरूरी

बैंक यूनियंस के संयुक्त संयोजक एमएल सिंह ने कहा कि आज के परिपेक्ष में बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव बिल्कुल ही गलत है, क्योंकि बैंकों ने देश की जनता की सेवा करने का काम किया है, चाहे नोटबंदी के समय में बैंककर्मियों के द्वारा किया गया कार्य हो या फिर वैश्विक महामारी के बीच बैंककर्मियों ने सरकार को मुनाफा देने का काम किया है.

15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेवाएं बंद

वहीं, उन्होंने केंद्र सरकार से निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है और घोषणा की है कि पूरे देश में 15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेवाएं बंद रहेगी और इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मांगों को लेकर ऑनलाइन पीटिशन फेसबुक टि्वटर के माध्यम से देने का काम किया जाएगा.

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