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विधायक बंधु तिर्की ने केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा पत्र, झारखंड के किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग

विधायक बंधु तिर्की ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग की है. अपने पत्र में उन्होंने खाद बीज सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की मदद करने की भी मांग की.

bandhu tirkee ne kendreey mantree ko likha patr 43 / 5000 Translation results Bandhu Tirkey wrote a letter to the Union Minister
बंधु तिर्की ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
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Published : May 22, 2021, 11:01 PM IST

रांची: विधायक बंधु तिर्की ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को शनिवार को पत्र लिखकर झारखंड के किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में कहा की वैश्विक महामारी कोविड-19 से देश के साथ हमारा प्रदेश झारखंड भी जूझ रहा है. कोरोना काल में सबसे अधिक चौतरफा नुकसान झारखंड प्रदेश के उन लाखों किसानों को उठाना पड़ा है. सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति केंद्रों में अपने उत्पादित धान बेचने के बाद भी किसानों को अभी तक पूरी राशि का भुगतान नहीं मिल पाया है.


ये भी पढ़ें- झारखंड में लॉकडाउन से किसान परेशान, कर्ज लेकर चलाना पड़ रहा घर का खर्च

सब्सिडी के लिए राज्य की मदद करे केंद्र

विधायक बंधु तिर्की ने अपने पत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री से किसानों को राहत पैकेज के साथ खाद बीज सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराने की मांग की. उन्होंने किसानों की सब्सिडी के लिए केंद्र से राज्य की मदद करने की भी अपील की, ताकि झारखंड के किसानों का जख्म तीव्र गति से भर सके.

फसल की नहीं मिल रही उचित कीमत

बंधु तिर्की ने अपने पत्र में किसानों को लॉकडाउन के दौरान फसल को बेचने में हो रही दिक्कत का भी जिक्र किया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा की धान अधिप्राप्ति केंद्रों के संचालकों के गड़बड़झाला और अनियमितता के कारण किसान अपना पूरा धान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पाए हैं. उन्होंने लिखा की लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के लाखों किसान उत्पादित सब्जी फसल की लागत खर्च नहीं मिल पाने के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर हैं. किसानों को बीज बोने से लेकर तैयार सब्जी तक बाजार पहुंचाने की कीमत भी नहीं मिल रही है.

कोरोना के कारण किसानों को नुकसान

कोरोना को लेकर झारखंड सरकार की गाइडलाइन से भी किसानों को नुकसान हो रहा है. गाइडलाइन के मुताबिक सुबह सब्जी तोड़ने से लेकर 2:00 बजे तक ही सब्जी बाजार में बेचा जा सकता है. ऐसे में समय नहीं मिल पाने कारण किसान व्यापारियों के हाथों औने-पौने दामों पर सब्जी बेचने को मजबूर हैं. व्यापारियों के द्वारा थौक मंडी में सब्जियों की कीमत औसतन 2-3 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद किया जा रहा है. क्योंकि 2:00 बजे के बाद किसान अपनी सब्जी बाजार में नहीं बेच सकते हैं. ऐसे में जब अधिकतर किसान कर्ज लेकर फसल का उत्पादन कर रहे हैं तब सब्जी की उचित कीमत नहीं मिलना सही नहीं है.

रांची: विधायक बंधु तिर्की ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को शनिवार को पत्र लिखकर झारखंड के किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में कहा की वैश्विक महामारी कोविड-19 से देश के साथ हमारा प्रदेश झारखंड भी जूझ रहा है. कोरोना काल में सबसे अधिक चौतरफा नुकसान झारखंड प्रदेश के उन लाखों किसानों को उठाना पड़ा है. सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति केंद्रों में अपने उत्पादित धान बेचने के बाद भी किसानों को अभी तक पूरी राशि का भुगतान नहीं मिल पाया है.


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सब्सिडी के लिए राज्य की मदद करे केंद्र

विधायक बंधु तिर्की ने अपने पत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री से किसानों को राहत पैकेज के साथ खाद बीज सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराने की मांग की. उन्होंने किसानों की सब्सिडी के लिए केंद्र से राज्य की मदद करने की भी अपील की, ताकि झारखंड के किसानों का जख्म तीव्र गति से भर सके.

फसल की नहीं मिल रही उचित कीमत

बंधु तिर्की ने अपने पत्र में किसानों को लॉकडाउन के दौरान फसल को बेचने में हो रही दिक्कत का भी जिक्र किया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा की धान अधिप्राप्ति केंद्रों के संचालकों के गड़बड़झाला और अनियमितता के कारण किसान अपना पूरा धान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पाए हैं. उन्होंने लिखा की लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के लाखों किसान उत्पादित सब्जी फसल की लागत खर्च नहीं मिल पाने के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर हैं. किसानों को बीज बोने से लेकर तैयार सब्जी तक बाजार पहुंचाने की कीमत भी नहीं मिल रही है.

कोरोना के कारण किसानों को नुकसान

कोरोना को लेकर झारखंड सरकार की गाइडलाइन से भी किसानों को नुकसान हो रहा है. गाइडलाइन के मुताबिक सुबह सब्जी तोड़ने से लेकर 2:00 बजे तक ही सब्जी बाजार में बेचा जा सकता है. ऐसे में समय नहीं मिल पाने कारण किसान व्यापारियों के हाथों औने-पौने दामों पर सब्जी बेचने को मजबूर हैं. व्यापारियों के द्वारा थौक मंडी में सब्जियों की कीमत औसतन 2-3 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद किया जा रहा है. क्योंकि 2:00 बजे के बाद किसान अपनी सब्जी बाजार में नहीं बेच सकते हैं. ऐसे में जब अधिकतर किसान कर्ज लेकर फसल का उत्पादन कर रहे हैं तब सब्जी की उचित कीमत नहीं मिलना सही नहीं है.

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