रांची: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कानून में संशोधन के विरोध के दौरान छात्र-छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस केस को निरस्त करने को लेकर आग्रह करते हुए बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
बंधु तिर्की ने कहा कि तत्कालीन सदर एसडीओ अंजली यादव ने निर्दोष महिला, छात्राओं पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए जातिसूचक शब्दों से संबोधित किया था. इसके अलावा पुलिस ने बल प्रयोग की वजह से सुमति कुमारी और सुखारी टुडू नामक छात्रा काफी चोटिल हो गई थी. जिसे बेहतर इलाज के लिए निकटतम स्थान में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने अपने पावर का दुरुपयोग करते हुए छात्रावास कार्तिक उरांव और यदुवंशी छात्रावास में छात्रों के साथ बेरहमी से मारपीट की. जिसमें संजय महली नामक छात्र के अलावा कई छात्र जख्मी हो गए. उन्हें घायल अवस्था में रांची कारागार में बंद कर दिया गया और बंदी के दौरान इलाज कराया गया.
बात दें कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कानून में संशोधन किए जाने के विरोध में 2 अप्रैल 2018 को आहूत भारत बंद किया गया था. वहीं, रांची वीमेंस कॉलेज के अधीनस्थ आकांक्षा महिला छात्रावास में सशस्त्र पुलिस बल के जरिए महिला छात्रावास में घुसकर महिलाओं को लाठी-डंडे से बर्बरता पूर्वक पीटा गया था और छात्र-छात्राओं पर लालपुर थाना में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. जिसकी फिर से जांच करा कर दर्ज केस निरस्त किए जाने का आग्रह करते हुए मांडर विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री को गुरुवार को पत्र लिखा है.
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बंधु तिर्की ने कहा कि ऐसे में निर्दोष छात्र-छात्राओं ने लालपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि मार्ग अवरुद्ध करने से आम जनता की संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया गया और पुलिस बल पर हमला कर जान से मारने की नीयत से जख्मी किया गया. जिसे निराधार और सत्य से परे बताते हुए उन्होंने इस मामले की जांच संबंधित विभागीय पदाधिकारी से कराते हुए दर्ज केस को निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है.