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रांची में 4 फरवरी को आदिवासी एकता महारैली, बंधु तिर्की ने आरएसएस पर आदिवासी समाज को कमजोर करने की साजिश रचने का लगाया आरोप - आदिवासी एकता महा रैली

Tribal unity mega rally. जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा डीलिस्टिंग रैली आयोजित करने के बाद कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने आदिवासी एकता महारैली बुलाई है. बंधु तिर्की ने जनजाति सुरक्षा मंच और आरएसएस पर आदिवासी समाज को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.

Tribal unity mega rally
Tribal unity mega rally
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 27, 2023, 7:42 PM IST

बंधु तिर्की का बयान

रांची: जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से 24 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित डीलिस्टिंग रैली ने राज्य की राजनीति में आदिवासी समुदाय को लेकर नेताओं के बीच खेमेबाजी तेज कर दी है. अब झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य में आदिवासी समुदाय के बीच एकता को कमजोर करने और गोडसे-गोलवरकर की विचारधारा को यहां थोपने की साजिश रची जा रही है. डीलिस्टिंग के नाम पर आरएसएस आदिवासी समुदाय को कमजोर करने की साजिश रच रही है. इसलिए 04 फरवरी 2024 को रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड जनाधिकार मंच के बैनर तले होने वाली इस महारैली में गोडसे-गोलवरकर की विचारधारा थोपने की साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा.

'किसने बंद किया अनुदान?': बंधु तिर्की ने कहा कि आज जनजाति सुरक्षा मंच पूर्व मंत्री कार्तिक उरांव की बात करता है. लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि कार्तिक बाबा आदिवासी समुदाय की शिक्षा के लिए 70 से अधिक स्कूल चलाते थे, जिन्हें यूपीए सरकार तक अनुदान मिलता था, वह अनुदान किसने बंद किया? इसका उत्तर दिया जाना चाहिए. जो लोग जनसांख्यिकीय बदलाव की बात करते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि रांची में कई जगहों पर जनसांख्यिकी क्यों बदल गयी है. उसके लिए कौन जिम्मेदार है?

कड़िया मुंडा ने आदिवासियों के लिए क्या किया- बंधु तिर्की: पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि कड़िया मुंडा डीलिस्टिंग रैली में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, उन्हें बताना चाहिए कि वे कई बार सांसद, मंत्री, लोकसभा के उपाध्यक्ष रहे होंगे, लेकिन उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए क्या किया. बंधु तिर्की ने कहा कि दरअसल बीजेपी आदिवासियों को कमजोर करने के लिए ये सब कर रही है. आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि आदिवासी समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं. आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए चल रहे संघर्ष से ध्यान भटकाने की साजिश है, जिसके खिलाफ 04 फरवरी को महारैली आयोजित की जायेगी.

आदिवासी बुद्धिजीवी प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि आदिवासी एकता महारैली में राज्य भर से आदिवासी समुदाय के लोग मोरहाबादी मैदान में जुटेंगे और अपनी ताकत दिखाएंगे और दिखा देंगे कि यहां गोडसे की नहीं बल्कि धरती आबा की विचारधारा चलेगी.

यह भी पढ़ें: धर्मांतरित व्यक्ति को नहीं मिले आरक्षण एसटी-एससी का लाभ, डीलिस्टिंग की मांग को लेकर दुमका में महारैली

यह भी पढ़ें: डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों के बीच जहर घोलना चाहती है आरएसएस और जनजाति सुरक्षा मंच- बंधु तिर्की

यह भी पढ़ें: डीलिस्टिंग महारैली का जवाब देगी आदिवासी एकता महारैली, धर्म बदलने वाले को आदिवासी का दर्जा नहीं देने की मांग पर छिड़ा घमासान

बंधु तिर्की का बयान

रांची: जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से 24 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित डीलिस्टिंग रैली ने राज्य की राजनीति में आदिवासी समुदाय को लेकर नेताओं के बीच खेमेबाजी तेज कर दी है. अब झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य में आदिवासी समुदाय के बीच एकता को कमजोर करने और गोडसे-गोलवरकर की विचारधारा को यहां थोपने की साजिश रची जा रही है. डीलिस्टिंग के नाम पर आरएसएस आदिवासी समुदाय को कमजोर करने की साजिश रच रही है. इसलिए 04 फरवरी 2024 को रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड जनाधिकार मंच के बैनर तले होने वाली इस महारैली में गोडसे-गोलवरकर की विचारधारा थोपने की साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा.

'किसने बंद किया अनुदान?': बंधु तिर्की ने कहा कि आज जनजाति सुरक्षा मंच पूर्व मंत्री कार्तिक उरांव की बात करता है. लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि कार्तिक बाबा आदिवासी समुदाय की शिक्षा के लिए 70 से अधिक स्कूल चलाते थे, जिन्हें यूपीए सरकार तक अनुदान मिलता था, वह अनुदान किसने बंद किया? इसका उत्तर दिया जाना चाहिए. जो लोग जनसांख्यिकीय बदलाव की बात करते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि रांची में कई जगहों पर जनसांख्यिकी क्यों बदल गयी है. उसके लिए कौन जिम्मेदार है?

कड़िया मुंडा ने आदिवासियों के लिए क्या किया- बंधु तिर्की: पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि कड़िया मुंडा डीलिस्टिंग रैली में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, उन्हें बताना चाहिए कि वे कई बार सांसद, मंत्री, लोकसभा के उपाध्यक्ष रहे होंगे, लेकिन उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए क्या किया. बंधु तिर्की ने कहा कि दरअसल बीजेपी आदिवासियों को कमजोर करने के लिए ये सब कर रही है. आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि आदिवासी समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं. आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए चल रहे संघर्ष से ध्यान भटकाने की साजिश है, जिसके खिलाफ 04 फरवरी को महारैली आयोजित की जायेगी.

आदिवासी बुद्धिजीवी प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि आदिवासी एकता महारैली में राज्य भर से आदिवासी समुदाय के लोग मोरहाबादी मैदान में जुटेंगे और अपनी ताकत दिखाएंगे और दिखा देंगे कि यहां गोडसे की नहीं बल्कि धरती आबा की विचारधारा चलेगी.

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