रांचीः झारखंड में होने वाले नगर निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष पद के रोटेशन की वजह से आरक्षण में बदलाव का विरोध शुरू हो गया है. रांची की वर्तमान मेयर और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा विरोध कर रहीं हैं तो अब कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ( Bandhu Tirkey Angry) भी विरोध में उतर आए हैं.
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रविवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन किया. इसमें पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि यह बताना चाहिए कि रांची के शेड्यूल एरिया घोषित होने के बावजूद कैसे और किस आधार पर रांची मेयर का पद अनुसूचित जनजाति की जगह अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व कर दिया गया.
बंधु तिर्की ने कहा कि पहले मैं आदिवासी, उसके बाद कांग्रेसीः पूर्व मंत्री बंधु तिर्की से यह पूछने पर कि वह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और झारखंड में कांग्रेस की सरकार भी है, ऐसे में क्या उनका विरोध कांग्रेस का विरोध है ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पहले वह आदिवासी हैं उसके बाद कांग्रेसी. आदिवासियों की बात वह उठाते रहेंगे.
इधर बंधु तिर्की के आवास पर बड़ी संख्या में आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की और ज्ञापन सौंपकर इस मुद्दे पर बंधु तिर्की से नेतृत्व करने का आह्वान किया. बंधु तिर्की ने आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि वह उनकी आवाज और उनके विचार मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन तक पहुंचाएंगे उन्होंने कहा कि यह जानने का अधिकार हर किसी को है कि आखिर किस नियम के आधार पर अनुसूचित जनजाति की जगह अनुसूचित जाति के लिए सीट रिजर्व कर दी गई.
धनबाद की घटना पर जताया दुखः इधर, धनबाद में CISF द्वारा तथाकथित कोयला चोरों के खिलाफ कार्रवाई पर बंधु तिर्की ने अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि यह घटना दुखद है ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी.