रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने प्रोन्नति के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य के सभी विभागों के अधिकारियों की प्रोन्नति पर रोक (Ban on promotion of state employees) लगा दी है. श्रीकांत दुबे व अन्य द्वारा राज्य के डीजीपी एवं राज्य के प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के 3 जून 2022 के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग व राज्य के डीजीपी शपथ पत्र दायर करके बताएं कि उक्त दोनों आदेश न्याय संगत है या नहीं. कोर्ट ने 2 सप्ताह में उन्हें शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही मामले की सुनवाई 18 अगस्त निर्धारित की है. तब तक प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक रहेगी.
बता दें कि 24 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि किसी भी विभाग में अगले आदेश तक प्रोन्नति नहीं दी जाएगी. उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. बाद 13 जनवरी 2022 को झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार के 24 दिसंबर 2020 के आदेश को निरस्त कर दिया. साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिया गया कि सभी विभागों में सक्षम पदाधिकारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए. इसके बाद 3 जून 2022 को राज्य सरकार के प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने एक आदेश निकाला की प्रोन्नति सभी विभागों में तत्काल प्रभाव से दिया जाएगा. साथ ही यह शर्त लगा दिया कि एसटी/एससी के कर्मी जनरल कैडर में भी वरीयता के आधार पर प्रोन्नति ले सकते हैं. इसके आलोक में राज्य के डीजीपी ने 23 जून 2022 को एक आदेश निकाला जिसमें एएसआई से एसआई के लिए सभी वाहिनी एवं जिला में मनोनयन की मांग किया था. डीजीपी एवं प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक एवं सुधार राजभाषा विभाग के आदेश को प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.