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रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर लगी रोक जारी, 22 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई - रांची न्यूज

रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जहां अदालत ने निगम से नक्शा स्वीकृति पर लगी रोक को जारी रखा है (Ban on approval of map from RMC). मामले में जांच अभी भी जारी है. अदालत की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को निर्धारित की गई है.

Jharkhand High Court
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Published : Dec 15, 2022, 6:30 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान और डॉ राजेश कुमार के नक्शा विचलन केस में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. यह सुनवाई हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगड़ा की अदालत में हुई, जहां कोर्ट ने रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर रोक जारी रखी है (Ban on approval of map from RMC).



ये भी पढ़ें: हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, तीन महीने के अंदर करें नियुक्ति प्रक्रिया पूरी

सुनवाई के दौरान बताया गया कि रांची नगर निगम में 21 दिसंबर को शाम साढ़े 5 बजे निगम और आरआरडीए के अधिवक्ता के अलावा मामले में एमिकस क्यूरी और कई अन्य अधिवक्ता इस डेमोंसट्रेशन का अवलोकन करेंगे. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि नक्शा स्वीकृति मामले की जांच को लेकर बनी 3 सदस्यीय कमेटी की जांच जारी है. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को तय की गई है.



पिछले सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि नक्शा स्वीकृति में पैसों के खेल की जांच को लेकर 3 सदस्य वाली कमेटी बनाई गई है. यह 3 सदस्यीय कमेटी एडीशनल सेक्रेटरी अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट, गवर्नमेंट ऑफ झारखंड कांत किशोर मिश्रा की अध्यक्षता में बनाई गई है. यह कमेटी जल्द ही विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. जिसे कोर्ट को अवगत कराया जाएगा.



पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि क्यों नहीं आरआरडीए और रांची नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी जैसे सीबीआई से कराई जाए. अदालत ने राज्य सरकार से एक जनवरी 2022 से लेकर 30 नवंबर 2022 तक नए बिल्डिंग से संबंधित वैसे नक्शा आवेदनों के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसे किसी आपत्ति के आधार पर आरआरडीए या नगर निगम ने वापस कर दिया गया है. लंबित स्वीकृत पद पर नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र इकाई बनाने का भी कोर्ट ने सुझाव देते हुए पूछा था कि इसमें क्या किया जा सकता है. साथ ही नक्शा से सबंधित किसी भी प्रकार के शिकायतों की सुनवाई के लिए भी एक समिति बनाने की बात कही थी. कोर्ट ने रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी.



मालूम हो कि इससे संबंधित खबर रांची के स्थानीय समाचार पत्र में छपी थी, जिसपर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले को एलपीए 132 /2012 के साथ टैग करने का निर्देश दिया था. '20-30 रुपए प्रति वर्ग फीट चढ़ावा, तब पास होता है नक्शा' शीर्षक से यह खबर छपी हुई है. इसमें कहा गया है की राज्य के नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के लिए अधिकतम शुल्क 8 रुपया प्रति वर्ग फीट है लेकिन निकायों में तय शुल्क के अलावा 30 रुपए प्रति वर्ग फीट तक चढ़ावा देकर नक्शा की स्वीकृति प्राप्त किया जाता है. नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्स कर दी गई है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान और डॉ राजेश कुमार के नक्शा विचलन केस में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. यह सुनवाई हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगड़ा की अदालत में हुई, जहां कोर्ट ने रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर रोक जारी रखी है (Ban on approval of map from RMC).



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सुनवाई के दौरान बताया गया कि रांची नगर निगम में 21 दिसंबर को शाम साढ़े 5 बजे निगम और आरआरडीए के अधिवक्ता के अलावा मामले में एमिकस क्यूरी और कई अन्य अधिवक्ता इस डेमोंसट्रेशन का अवलोकन करेंगे. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि नक्शा स्वीकृति मामले की जांच को लेकर बनी 3 सदस्यीय कमेटी की जांच जारी है. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को तय की गई है.



पिछले सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि नक्शा स्वीकृति में पैसों के खेल की जांच को लेकर 3 सदस्य वाली कमेटी बनाई गई है. यह 3 सदस्यीय कमेटी एडीशनल सेक्रेटरी अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट, गवर्नमेंट ऑफ झारखंड कांत किशोर मिश्रा की अध्यक्षता में बनाई गई है. यह कमेटी जल्द ही विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. जिसे कोर्ट को अवगत कराया जाएगा.



पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि क्यों नहीं आरआरडीए और रांची नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी जैसे सीबीआई से कराई जाए. अदालत ने राज्य सरकार से एक जनवरी 2022 से लेकर 30 नवंबर 2022 तक नए बिल्डिंग से संबंधित वैसे नक्शा आवेदनों के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसे किसी आपत्ति के आधार पर आरआरडीए या नगर निगम ने वापस कर दिया गया है. लंबित स्वीकृत पद पर नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र इकाई बनाने का भी कोर्ट ने सुझाव देते हुए पूछा था कि इसमें क्या किया जा सकता है. साथ ही नक्शा से सबंधित किसी भी प्रकार के शिकायतों की सुनवाई के लिए भी एक समिति बनाने की बात कही थी. कोर्ट ने रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी.



मालूम हो कि इससे संबंधित खबर रांची के स्थानीय समाचार पत्र में छपी थी, जिसपर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले को एलपीए 132 /2012 के साथ टैग करने का निर्देश दिया था. '20-30 रुपए प्रति वर्ग फीट चढ़ावा, तब पास होता है नक्शा' शीर्षक से यह खबर छपी हुई है. इसमें कहा गया है की राज्य के नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के लिए अधिकतम शुल्क 8 रुपया प्रति वर्ग फीट है लेकिन निकायों में तय शुल्क के अलावा 30 रुपए प्रति वर्ग फीट तक चढ़ावा देकर नक्शा की स्वीकृति प्राप्त किया जाता है. नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्स कर दी गई है.

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