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झारखंड में दम तोड़ता Right to service Act! सरकारी बाबूओं की उदासीनता है बड़ी वजह

झारखंड में राइट टू सर्विस का हाल बदहाल (bad condition of Right to service) है. आम लोग महज जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) के साथ साथ अन्य सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाते फिरते हैं. लेकिन सरकारी कर्मचारियों की उदासीनता के कारण आम लोगों को प्रमाण पत्र बनवाने में परेशानी हो रही है.

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Published : Aug 5, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Aug 5, 2022, 12:28 PM IST

bad condition of Right to service in Jharkhand
रांची

रांचीः आपको जन्म-मृत्यु या मैरेज प्रमाण पत्र बनवाने की आवश्यकता हो तो आप सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए तैयार हो जाएं. कहने को तो ये सारी सुविधा राज्य में राइट टू सर्विस एक्ट (Right to service in Jharkhand) के तहत आती है. जिसके अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर इन प्रमाण पत्रों को बनाया जाना है. लेकिन सरकारी सिस्टम ऐसा है कि आप चाह कर भी इसे समय पर नहीं बनवा सकते. लोगों को सरकारी दफ्तरों का चक्कर ना काटने पड़े इसके लिए कहने को यह सुविधा ऑनलाइन की गई हैं मगर यह महज दिखावा बनकर (Right to service condition is bad) रह गया है.

इसे भी पढ़ें- कागजों में सिमटा राइट टू सर्विस कानून, लोग निगम कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर

जन्म-मृत्यु समेत कई तरह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आज भी लोग काफी परेशान हैं. इन प्रमाण पत्रों के लिए राइट टू सर्विस के तहत सर्टिफिकेट निर्धारित समयसीमा के अंदर जारी करने हैं. सरकारी कर्मचारियों की उदासीनता के कारण ये सारी व्यवस्थाएं दम तोड़ रही हैं. उदाहरण के तौर पर रांची नगर निगम में बने जन्म-मृत्यु सर्टिफिकेट को लेकर बने कॉउंटर पर लोगों की भीड़ ही बताने के लिए काफी है कि यहां प्रति दिन कितने आवेदन जमा हो रहे हैं.

देखें पूरी खबर

आंकड़ों के मुताबिक रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) के कॉउटर पर प्रतिदिन ऑफलाइन करीब 50 से 70 आवेदन सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र के लिए जमा होते हैं. स्कूल में बच्चों के नामांकन के समय अक्टूबर से जनवरी में जमा आवेदनों की संख्या 300 से 400 प्रतिदिन हो जाती है. जन्म प्रमाण पत्र निर्धारित एक सप्ताह में मिलना बेहद ही मुश्किल है. वैसे लोगों को एक सप्ताह में मिल पाता है जो बच्चे के जन्म के ठीक 20 दिन के अंदर अस्पताल का प्रमाण पत्र लेकर आवेदन कर देते हैं. मगर इसके बाद 30 दिन से उपर और एक साल के भीतर जन्मे बच्चों के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सरकारी फाइलें दौड़ने लगती हैं. जिस वजह से लंबित आवेदनों की संख्या राज्यभर में हजारों में है. अकेले रांची नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र के 326 आवेदन सरकारी फाइल में दौर रही है. इसी तरह अन्य प्रमाण पत्र को लेकर भी लोगों की परेशानी बढी हुई है.

आपबीती बताते हुए जितेंद्र का कहना है कि आमजन की सुविधा के लिए लागू सर्विस एक्ट कागज में सिमट कर रह गया है. किसी भी सरकारी कार्य को तय सीमा के भीतर काम करने की बात पूरी तरह से हवा-हवाई साबित हो गई है. लोगों को प्रमाण पत्र सहित अन्य सरकारी काम कराने में पसीने छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैसा नहीं देने पर आपका काम नहीं होगा और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते लगाते आप थक जायेंगे. इसी तरह कांटाटोली के रहने वाले सौभिक का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशानी जमीन म्यूटेशन को लेकर है, जिसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए, आज भी हजारों आवेदन ब्लॉक में पड़े हुए हैं.

इस मामले को लेकर रांची की मेयर आशा लकड़ा का मानना है कि सरकार ने प्रावधान जरुर किया है, जिसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होना होगा. उन्होंने कहा कि निगम कार्यालय में लंबित आवेदन की हमेशा समीक्षा होती रहती है और इसका निष्पादन भी तेजी से करने के निर्देश दिये गये हैं. बहरहाल जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर आवासीय प्रमाण पत्र तक के लिए समय सीमा के साथ अधिकारियों को इसे जारी करने की जिम्मेदारी दी गई है. निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य पूरा नहीं होने पर अधिकारियों को दंडित करने का भी प्रावधान है. इसके बावजूद सरकारी बाबूओं की उदासीनता के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है.

राइट टू सर्विस के तहत निर्धारित समयः सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत एक तय समय सीमा के भीतर प्रमाण पत्र निर्गत करना होता है. इसके लिए आवेदन के साथ तमाम तरह के कागज लिए जाते हैं. आय प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन, जाति प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन, आवासीय प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन, जमीन म्यूटेशन के लिए 45 दिन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 21 दिन, नया बिजली कनेक्शन पाने के लिए 30 दिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए 3 दिन, परिवहन विभाग से प्रमाण पत्र पाने के लिए 30 दिन, जन वितरण प्रणाली दुकान लाइसेंस लेने के लिए 30 दिन, राशन कार्ड के लिए 60 दिन और क्रशर चलाने का लाइसेंस पाने के लिए 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की गयी है.

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राइट टू सर्विस के तहत निर्धारित समय

रांचीः आपको जन्म-मृत्यु या मैरेज प्रमाण पत्र बनवाने की आवश्यकता हो तो आप सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए तैयार हो जाएं. कहने को तो ये सारी सुविधा राज्य में राइट टू सर्विस एक्ट (Right to service in Jharkhand) के तहत आती है. जिसके अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर इन प्रमाण पत्रों को बनाया जाना है. लेकिन सरकारी सिस्टम ऐसा है कि आप चाह कर भी इसे समय पर नहीं बनवा सकते. लोगों को सरकारी दफ्तरों का चक्कर ना काटने पड़े इसके लिए कहने को यह सुविधा ऑनलाइन की गई हैं मगर यह महज दिखावा बनकर (Right to service condition is bad) रह गया है.

इसे भी पढ़ें- कागजों में सिमटा राइट टू सर्विस कानून, लोग निगम कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर

जन्म-मृत्यु समेत कई तरह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आज भी लोग काफी परेशान हैं. इन प्रमाण पत्रों के लिए राइट टू सर्विस के तहत सर्टिफिकेट निर्धारित समयसीमा के अंदर जारी करने हैं. सरकारी कर्मचारियों की उदासीनता के कारण ये सारी व्यवस्थाएं दम तोड़ रही हैं. उदाहरण के तौर पर रांची नगर निगम में बने जन्म-मृत्यु सर्टिफिकेट को लेकर बने कॉउंटर पर लोगों की भीड़ ही बताने के लिए काफी है कि यहां प्रति दिन कितने आवेदन जमा हो रहे हैं.

देखें पूरी खबर

आंकड़ों के मुताबिक रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) के कॉउटर पर प्रतिदिन ऑफलाइन करीब 50 से 70 आवेदन सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र के लिए जमा होते हैं. स्कूल में बच्चों के नामांकन के समय अक्टूबर से जनवरी में जमा आवेदनों की संख्या 300 से 400 प्रतिदिन हो जाती है. जन्म प्रमाण पत्र निर्धारित एक सप्ताह में मिलना बेहद ही मुश्किल है. वैसे लोगों को एक सप्ताह में मिल पाता है जो बच्चे के जन्म के ठीक 20 दिन के अंदर अस्पताल का प्रमाण पत्र लेकर आवेदन कर देते हैं. मगर इसके बाद 30 दिन से उपर और एक साल के भीतर जन्मे बच्चों के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सरकारी फाइलें दौड़ने लगती हैं. जिस वजह से लंबित आवेदनों की संख्या राज्यभर में हजारों में है. अकेले रांची नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र के 326 आवेदन सरकारी फाइल में दौर रही है. इसी तरह अन्य प्रमाण पत्र को लेकर भी लोगों की परेशानी बढी हुई है.

आपबीती बताते हुए जितेंद्र का कहना है कि आमजन की सुविधा के लिए लागू सर्विस एक्ट कागज में सिमट कर रह गया है. किसी भी सरकारी कार्य को तय सीमा के भीतर काम करने की बात पूरी तरह से हवा-हवाई साबित हो गई है. लोगों को प्रमाण पत्र सहित अन्य सरकारी काम कराने में पसीने छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैसा नहीं देने पर आपका काम नहीं होगा और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते लगाते आप थक जायेंगे. इसी तरह कांटाटोली के रहने वाले सौभिक का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशानी जमीन म्यूटेशन को लेकर है, जिसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए, आज भी हजारों आवेदन ब्लॉक में पड़े हुए हैं.

इस मामले को लेकर रांची की मेयर आशा लकड़ा का मानना है कि सरकार ने प्रावधान जरुर किया है, जिसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होना होगा. उन्होंने कहा कि निगम कार्यालय में लंबित आवेदन की हमेशा समीक्षा होती रहती है और इसका निष्पादन भी तेजी से करने के निर्देश दिये गये हैं. बहरहाल जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर आवासीय प्रमाण पत्र तक के लिए समय सीमा के साथ अधिकारियों को इसे जारी करने की जिम्मेदारी दी गई है. निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य पूरा नहीं होने पर अधिकारियों को दंडित करने का भी प्रावधान है. इसके बावजूद सरकारी बाबूओं की उदासीनता के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है.

राइट टू सर्विस के तहत निर्धारित समयः सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत एक तय समय सीमा के भीतर प्रमाण पत्र निर्गत करना होता है. इसके लिए आवेदन के साथ तमाम तरह के कागज लिए जाते हैं. आय प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन, जाति प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन, आवासीय प्रमाण पत्र के लिए 15 दिन, जमीन म्यूटेशन के लिए 45 दिन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 21 दिन, नया बिजली कनेक्शन पाने के लिए 30 दिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए 3 दिन, परिवहन विभाग से प्रमाण पत्र पाने के लिए 30 दिन, जन वितरण प्रणाली दुकान लाइसेंस लेने के लिए 30 दिन, राशन कार्ड के लिए 60 दिन और क्रशर चलाने का लाइसेंस पाने के लिए 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की गयी है.

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राइट टू सर्विस के तहत निर्धारित समय
Last Updated : Aug 5, 2022, 12:28 PM IST
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